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    महाभारत का नया रूप, असली-नकली का भूल जाएंगे फर्क, तकनीक ने वो कर दिया जो किसी ने नहीं सोचा था

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    भारत की पौराणिक कथाओं में सबसे महान गाथा ‘महाभारत’ अब एक नए रूप में सामने आई है — इस बार तकनीक के चमत्कार के साथ। भारत की पहली पूरी तरह AI-निर्मित सीरीज ‘महाभारत: एक धर्मयुद्ध’ रिलीज हो चुकी है और यह जियोहॉटस्टार पर स्ट्रीम हो रही है। इस सीरीज ने भारतीय मनोरंजन उद्योग में तकनीक और परंपरा का ऐसा संगम पेश किया है, जिसकी कल्पना कुछ साल पहले तक नामुमकिन थी।

    सीरीज के निर्माताओं ने बताया कि ‘महाभारत: एक धर्मयुद्ध’ को बनाने में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया गया है — चाहे वह किरदारों का लुक डिजाइन करना हो, युद्ध दृश्यों के लिए विजुअल इफेक्ट्स बनाना हो या संवादों की लिप-सिंकिंग। यही नहीं, कई किरदारों की आवाजें भी AI द्वारा जनरेट की गई हैं, जिससे सीरीज को एक अलौकिक यथार्थ का एहसास मिलता है।

    इस सीरीज की सबसे बड़ी उपलब्धि यह है कि इसके निर्माण की लागत पारंपरिक टीवी या OTT प्रोडक्शन की तुलना में 50 से 70 प्रतिशत तक कम रही। AI तकनीक ने न केवल समय बचाया बल्कि भारी-भरकम सेट, कॉस्ट्यूम और शूटिंग लोकेशनों की जरूरत को भी कम कर दिया। निर्माताओं के अनुसार, पहले जहां एक एपिसोड पर करोड़ों रुपये खर्च होते थे, अब वही एपिसोड महज कुछ लाख में तैयार किया जा सका।

    ‘महाभारत: एक धर्मयुद्ध’ का निर्देशन युवा फिल्ममेकर अद्वैत वर्मा ने किया है, जो AI-आधारित कहानी कहने में माहिर माने जाते हैं। उन्होंने बताया, “हमने कोशिश की कि तकनीक सिर्फ एक टूल न रहे, बल्कि कहानी का हिस्सा बने। AI ने हमें ऐसा विजुअल अनुभव देने में मदद की जो पारंपरिक तरीकों से लगभग असंभव था।”

    सीरीज की सबसे बड़ी खूबी इसका अल्ट्रा-रियलिस्टिक विजुअल टोन है। पात्र इतने जीवंत और भावनात्मक दिखते हैं कि दर्शक कई बार यह भूल जाते हैं कि वे असली नहीं हैं। युद्ध के दृश्य, कुरुक्षेत्र का मैदान, अर्जुन का गांडीव और श्रीकृष्ण का विराट रूप — सब कुछ इतना भव्य है कि स्क्रीन से नजरें हटाना मुश्किल हो जाता है।

    AI तकनीक के इस्तेमाल से सिर्फ विजुअल्स ही नहीं, बल्कि कहानी की रफ्तार और एंगलिंग में भी नया बदलाव आया है। मशीन लर्निंग मॉडल्स के जरिए प्रत्येक सीन का मूड, संवाद की गति और कैमरा एंगल्स ऑटोमेटिक रूप से ऑप्टिमाइज किए गए। नतीजा — एक ऐसी कथा जो भावनाओं से भरी है और साथ ही तकनीकी रूप से परिपूर्ण भी।

    इस सीरीज ने मनोरंजन जगत में एक नई बहस भी छेड़ दी है — क्या AI भविष्य में इंसानी कलाकारों की जगह ले लेगा? फिल्म समीक्षक मयंक शर्मा के मुताबिक, “AI ने फिल्ममेकिंग को लोकतांत्रिक बना दिया है। अब छोटे प्रोडक्शन हाउस भी भव्य कंटेंट बना सकते हैं। लेकिन इंसानी क्रिएटिविटी की जगह कोई नहीं ले सकता — AI सिर्फ उसे विस्तार देता है।”

    दर्शकों की प्रतिक्रिया भी इस सीरीज को लेकर बेहद उत्साहित करने वाली रही है। रिलीज के पहले ही हफ्ते में यह सीरीज जियोहॉटस्टार की टॉप-5 ट्रेंडिंग लिस्ट में शामिल हो गई। सोशल मीडिया पर लोग इसे “भारतीय एंटरटेनमेंट का भविष्य” बता रहे हैं। ट्विटर (अब एक्स) पर #AIMahabharat और #DharmayudhAI जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं।

    तकनीकी रूप से, यह सीरीज भारत के VFX और AI स्टार्टअप इकोसिस्टम के लिए भी मील का पत्थर साबित हो रही है। सीरीज के कई हिस्से भारतीय AI स्टूडियो “नेक्स्टजेन विजुअल्स” और “इमेजरूट” ने तैयार किए हैं, जिन्होंने भारत में ही विकसित जनरेटिव मॉडल्स का इस्तेमाल किया।

    AI से बनी इस ‘महाभारत’ ने यह साबित कर दिया है कि तकनीक जब भारतीय संस्कृति से मिलती है, तो परिणाम अद्भुत हो सकता है। एक ओर यह पौराणिक कथा की आत्मा को आधुनिक भाषा में प्रस्तुत करती है, तो दूसरी ओर यह दिखाती है कि भारत अब तकनीकी नवाचार में भी किसी से पीछे नहीं है।

    मनोरंजन उद्योग के विशेषज्ञों का कहना है कि यह शुरुआत भर है। आने वाले वर्षों में कई बड़े प्रोजेक्ट AI तकनीक से बनाए जा सकते हैं, जिससे प्रोडक्शन कॉस्ट घटेगी और वैश्विक OTT प्लेटफॉर्म्स पर भारतीय कंटेंट की प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी।

    ‘महाभारत: एक धर्मयुद्ध’ ने न केवल इतिहास की सबसे महान कहानी को नई जान दी है, बल्कि यह भी दिखाया है कि AI अब सिर्फ एक टेक टूल नहीं, बल्कि कहानी कहने की नई भाषा बन चुका है। यह वह पल है जब परंपरा और तकनीक एक साथ खड़ी दिखाई देती हैं — और यह संगम भारतीय मनोरंजन के भविष्य की दिशा तय कर सकता है।

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