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बॉलीवुड के सुपरस्टार सलमान खान एक बार फिर विवादों के केंद्र में आ गए हैं, लेकिन इस बार मामला भारत में नहीं बल्कि पाकिस्तान में गरमाया है। खबरों के अनुसार पाकिस्तान की शहबाज शरीफ सरकार ने सलमान खान का नाम अपनी आतंकवादी निगरानी सूची में डाल दिया है। यह कदम उनके हालिया बलूचिस्तान पर दिए गए बयान के बाद उठाया गया है, जिसने पाकिस्तान के राजनीतिक और धार्मिक हलकों में खलबली मचा दी है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तान के गृह मंत्रालय ने अभिनेता सलमान खान का नाम “चौथी अनुसूची” (Fourth Schedule) में शामिल कर लिया है। यह श्रेणी देश के Anti-Terrorism Act 1997 के तहत बनाई गई है, जिसमें उन लोगों को रखा जाता है जिन पर चरमपंथी गतिविधियों या राष्ट्र-विरोधी बयानों का संदेह हो। इस सूची में आने वाले व्यक्तियों की गतिविधियों पर सख्त निगरानी रखी जाती है और उनके आवागमन पर भी प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं।
पूरा विवाद उस समय शुरू हुआ जब सलमान खान ने हाल ही में सऊदी अरब में आयोजित एक अंतरराष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल के दौरान बलूचिस्तान को लेकर एक बयान दिया। उन्होंने कहा था कि “बलूचिस्तान और पाकिस्तान की अपनी-अपनी पहचान और संस्कृति है, और फिल्मों के माध्यम से दुनिया को उनके लोगों की सच्चाई पता चलनी चाहिए।” इस कथन के बाद पाकिस्तान में इसे “अलगाववादी बयान” माना गया और सोशल मीडिया पर सलमान खान के खिलाफ तीखी प्रतिक्रिया शुरू हो गई।
पाकिस्तान के कट्टरपंथी समूहों और कई राजनीतिक दलों ने सलमान के बयान को “पाकिस्तान की एकता पर हमला” करार दिया। जमात-ए-इस्लामी और कुछ इस्लामिक संगठनों ने सरकार से मांग की कि सलमान खान पर प्रतिबंध लगाया जाए और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। इस दबाव के बीच शहबाज शरीफ सरकार ने गृह मंत्रालय के माध्यम से यह कदम उठाया।
पाकिस्तान के गृह मंत्रालय की अधिसूचना में कहा गया है कि सलमान खान “बलूचिस्तान के आजादी समर्थक विचारों को बढ़ावा देने वाले बयानों में शामिल रहे हैं” और उन्हें “निगरानी सूची” में रखा गया है ताकि उनकी गतिविधियों पर कड़ी नजर रखी जा सके।
इस खबर के सामने आने के बाद दोनों देशों के मीडिया में हलचल मच गई। भारत में राजनीतिक विश्लेषक इसे पाकिस्तान का “राजनीतिक हथकंडा” बता रहे हैं। उनका कहना है कि पाकिस्तान में चुनावी माहौल बन चुका है और ऐसे में सरकार भारत विरोधी मुद्दों को भुनाने की कोशिश कर रही है। सलमान खान जैसे बड़े बॉलीवुड स्टार को निशाने पर लेना इसी रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है।
दूसरी ओर, बॉलीवुड के कलाकारों और फिल्म इंडस्ट्री ने इस पूरे मामले पर नाराजगी जताई है। इंडस्ट्री के कई लोगों का कहना है कि किसी अभिनेता के कलात्मक विचार को आतंकवाद से जोड़ना हास्यास्पद है। सलमान खान की टीम ने इस विवाद पर अभी तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है, लेकिन उनके करीबी सूत्रों के अनुसार, अभिनेता ने अपने बयान का गलत अर्थ निकाले जाने पर चिंता व्यक्त की है।
भारत सरकार की ओर से भी इस मुद्दे पर नजर रखी जा रही है। विदेश मंत्रालय ने अनौपचारिक रूप से कहा है कि “किसी भी भारतीय नागरिक को दूसरे देश की आतंकी सूची में डालना एक गंभीर राजनयिक विषय है और इस पर उचित प्रतिक्रिया दी जाएगी।” हालांकि अब तक कोई औपचारिक राजनयिक विरोध दर्ज नहीं कराया गया है।
विशेषज्ञों का कहना है कि यह घटना भारत-पाकिस्तान संबंधों में एक और तनाव का कारण बन सकती है। पाकिस्तान की चौथी अनुसूची में नाम शामिल होने का अर्थ यह नहीं है कि सलमान खान के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कोई कानूनी कार्रवाई की जाएगी, लेकिन यह राजनीतिक रूप से बेहद संवेदनशील कदम है।
दरअसल, बलूचिस्तान लंबे समय से पाकिस्तान में अलगाववादी आंदोलनों और मानवाधिकार उल्लंघनों का केंद्र रहा है। भारत और अन्य देशों में कई बार वहां की स्थिति पर बयान दिए जाते रहे हैं, जिन्हें पाकिस्तान अपनी संप्रभुता पर हमला मानता है।
सलमान खान का यह मामला केवल एक बयान का विवाद नहीं, बल्कि इस बात का प्रतीक है कि पाकिस्तान में भारत से जुड़ी हर टिप्पणी कितनी तेजी से राजनीतिक रंग ले लेती है। एक फिल्मी मंच पर दिया गया वक्तव्य भी अब अंतरराष्ट्रीय सुर्खियाँ बन चुका है और इसने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या कला और राजनीति के बीच की रेखा अब मिट चुकी है।
फिलहाल सलमान खान इस मामले पर चुप्पी साधे हुए हैं, लेकिन पाकिस्तान की कार्रवाई ने बॉलीवुड और दक्षिण एशिया के कूटनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या शहबाज सरकार अपने इस कदम पर कायम रहती है या भारत के दबाव में उसे पीछे हटना पड़ता है।








