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ग्वालियर के घाटीगांव इलाके से एक बड़ी और चौंकाने वाली खबर सामने आई है। यहां बीजेपी नेता सुरेंद्र सिंह के मकान में अवैध शराब की फैक्ट्री चल रही थी। पुलिस ने छापा मारकर इस फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया है और मौके से करीब 15 ट्रक नकली शराब बरामद की है। बताया जा रहा है कि यह शराब प्रसिद्ध ब्रांडों के नाम पर पैक की जा रही थी और उसे बाजार में ऊंचे दामों पर बेचने की तैयारी थी।
पुलिस ने इस कार्रवाई में पांच लोगों को गिरफ्तार किया है, जबकि कुछ मुख्य आरोपी फरार बताए जा रहे हैं। शुरुआती जांच में यह सामने आया है कि फैक्ट्री में तैयार की जा रही शराब को ब्रांडेड कंपनियों जैसे रॉयल स्टैग, इंपीरियल ब्लू और मैकडॉवेल के स्टिकर और कैप्स लगाकर बेचा जा रहा था। इन नकली बोतलों को तैयार करने के लिए पूरी तरह से एक संगठित गिरोह काम कर रहा था।
सूत्रों के अनुसार, यह फैक्ट्री पिछले कई महीनों से सक्रिय थी और स्थानीय स्तर पर इसकी भनक किसी को नहीं लगी। पुलिस को जब मुखबिर से सूचना मिली कि घाटीगांव के एक मकान में अवैध शराब तैयार की जा रही है, तो एक टीम गठित की गई। पुलिस ने जब वहां छापा मारा, तो पूरे परिसर में शराब की गंध और खाली बोतलों का अंबार दिखाई दिया।
जांच में पाया गया कि फैक्ट्री के अंदर मशीनों की मदद से शराब की बोतलों में नकली द्रव्य भरा जा रहा था और फिर उन पर ब्रांडेड कंपनियों के लेबल लगाए जा रहे थे। पुलिस ने मौके से बड़ी मात्रा में खाली बोतलें, नकली स्टिकर, पैकिंग सामग्री और रसायन भी जब्त किए हैं।
पुलिस अधीक्षक (एसपी) ग्वालियर अमित सांघी ने बताया कि छापेमारी में पकड़ा गया माल करोड़ों रुपये का है। उन्होंने यह भी कहा कि शुरुआती जांच में बीजेपी नेता सुरेंद्र सिंह की भूमिका संदिग्ध लग रही है। पुलिस ने उनके खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और उनसे पूछताछ की जा रही है।
पुलिस को शक है कि इस गिरोह का नेटवर्क मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और राजस्थान तक फैला हुआ है। नकली शराब की सप्लाई विभिन्न राज्यों में भेजी जा रही थी। जांच में यह भी सामने आया है कि कई बार शराब को असली बोतलों में भरकर होटल और बार में भेजा जाता था, जिससे ग्राहक को असली और नकली में फर्क ही नहीं पड़ता था।
स्थानीय लोगों का कहना है कि इलाके में लगातार ट्रकों का आना-जाना देखा जा रहा था, लेकिन किसी को यह अंदाजा नहीं था कि एक राजनीतिक नेता के मकान में इतना बड़ा अपराधी नेटवर्क चल रहा है।
इस कार्रवाई ने राजनीतिक हलकों में भी हलचल मचा दी है। विपक्षी दलों ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा है कि यह मामला दिखाता है कि सत्ताधारी दल के नेता अपराध और अवैध कारोबार को संरक्षण दे रहे हैं। कांग्रेस के स्थानीय नेताओं ने मांग की है कि सुरेंद्र सिंह को तुरंत पार्टी से निष्कासित किया जाए और उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई हो।
दूसरी ओर, बीजेपी जिला अध्यक्ष ने कहा है कि पार्टी ऐसे किसी भी व्यक्ति का समर्थन नहीं करेगी जो अपराध में शामिल हो। उन्होंने कहा कि यदि सुरेंद्र सिंह दोषी पाए जाते हैं, तो पार्टी उन्हें तत्काल बाहर का रास्ता दिखाएगी।
ग्वालियर पुलिस अब इस केस को राज्य स्तर पर विस्तृत जांच के लिए आर्थिक अपराध शाखा (EOW) को सौंपने की तैयारी में है। पुलिस का मानना है कि इस फैक्ट्री के पीछे बड़ा माफिया नेटवर्क काम कर रहा है, जो नकली शराब से करोड़ों की कमाई कर रहा था।
विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह की नकली शराब से लोगों की जान को भी खतरा हो सकता है। कई मामलों में जहरीली शराब पीने से मौतें हो चुकी हैं। इसलिए ऐसे नेटवर्क को जल्द से जल्द खत्म करना जरूरी है।
कुल मिलाकर, ग्वालियर के घाटीगांव में बीजेपी नेता के मकान से पकड़ी गई यह अवैध शराब फैक्ट्री सिस्टम की लापरवाही और अपराध के बढ़ते गठजोड़ का बड़ा उदाहरण बन गई है। पुलिस की सख्त कार्रवाई के बाद अब लोगों की नजर इस बात पर है कि क्या इस मामले में राजनीतिक रसूखदारों पर भी कड़ी कार्रवाई होगी या मामला समय के साथ ठंडे बस्ते में चला जाएगा।








