• Create News
  • Nominate Now

    अरब सागर में बना डीप डिप्रेशन, गुजरात में अगले 4 दिन आफत! IMD ने जारी किया रेड-ऑरेंज अलर्ट, मछुआरों को चेतावनी

    इस खबर को सुनने के लिये प्ले बटन को दबाएं।

    गुजरात के मौसम में अचानक बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि अरब सागर में बना गहरा निम्न दबाव क्षेत्र (Deep Depression) अगले कुछ घंटों में चक्रवाती तूफान में बदल सकता है। इस प्रणाली के प्रभाव से गुजरात के कई जिलों में अगले चार दिनों तक भारी से बहुत भारी बारिश और तेज हवाएं चलने की संभावना है। मौसम विभाग ने राज्य के तटीय जिलों के लिए रेड और ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।

    IMD के अनुसार, यह डिप्रेशन वर्तमान में अरब सागर के पूर्वी-मध्य हिस्से में सक्रिय है और धीरे-धीरे उत्तर-पूर्व दिशा में आगे बढ़ रहा है। अगले 24 घंटों में इसके और तीव्र होने की आशंका जताई गई है। विभाग ने यह भी कहा है कि गुजरात के तटीय इलाकों — जूनागढ़, गिर सोमनाथ, पोरबंदर, देवभूमि द्वारका, कच्छ और वेरावल में अगले चार दिनों तक भारी बारिश और समुद्र में ऊँची लहरें उठने की संभावना है।

    IMD ने जारी की सख्त चेतावनी

    भारतीय मौसम विभाग ने अपने ताजा बुलेटिन में कहा है कि अरब सागर में बनी यह प्रणाली अब एक डीप डिप्रेशन में तब्दील हो चुकी है और इसकी दिशा भारत के पश्चिमी तट की ओर है। इस कारण समुद्री क्षेत्र में तेज हवाओं की रफ्तार 60 से 80 किलोमीटर प्रति घंटा तक पहुंच सकती है।

    IMD ने मछुआरों को साफ चेतावनी दी है कि वे 2 से 5 नवंबर तक समुद्र में न जाएं। जो मछुआरे पहले से समुद्र में हैं, उन्हें तुरंत तट पर लौट आने की सलाह दी गई है। मौसम विभाग ने कहा है कि समुद्र में ऊंची लहरें उठेंगी और तटीय क्षेत्रों में ज्वार-भाटा की स्थिति बन सकती है, जिससे निचले इलाकों में जलभराव और तटीय कटाव का खतरा रहेगा।

    गुजरात सरकार अलर्ट मोड पर

    गुजरात सरकार ने मौसम विभाग की चेतावनी के बाद सभी जिला प्रशासन को हाई अलर्ट पर रखा है। राज्य के आपदा प्रबंधन विभाग (SDRF) और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) की टीमें तटीय जिलों में तैनात कर दी गई हैं। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि किसी भी आपात स्थिति में बचाव और राहत कार्य तुरंत शुरू किए जाएं और लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।

    सरकार ने मछुआरों के गांवों और तटीय इलाकों में लाउडस्पीकर और मोबाइल अलर्ट सिस्टम के जरिए चेतावनी संदेश जारी करने के निर्देश दिए हैं। स्कूलों और कॉलेजों में भी छुट्टी पर विचार किया जा रहा है, खासकर उन क्षेत्रों में जहां भारी बारिश का अनुमान है।

    कहां-कहां पड़ेगा सबसे ज्यादा असर

    IMD के अनुसार, अरब सागर में सक्रिय यह प्रणाली गुजरात के तटीय और दक्षिणी जिलों पर सबसे अधिक प्रभाव डाल सकती है।

    • सौराष्ट्र-कच्छ क्षेत्र: वेरावल, जूनागढ़, भावनगर, द्वारका और कच्छ में भारी से बहुत भारी वर्षा की संभावना है।

    • दक्षिण गुजरात: सूरत, नवसारी और वलसाड जिलों में भी अगले तीन दिनों तक लगातार बारिश जारी रह सकती है।

    • उत्तर गुजरात: बनासकांठा और पाटन जिलों में भी बौछारें और तेज हवाओं की आशंका जताई गई है।

    इसके अलावा अरब सागर से सटे इलाकों में समुद्री जलस्तर बढ़ने के कारण तटीय बस्तियों को अस्थायी रूप से खाली कराया जा सकता है।

    समुद्र में चीन की गतिविधियों पर भी असर

    विशेषज्ञों का कहना है कि अरब सागर में सक्रिय यह मौसम प्रणाली भारत के पश्चिमी तट पर तो असर डालेगी ही, साथ ही इस क्षेत्र में मौजूद अंतरराष्ट्रीय नौवहन मार्गों पर भी प्रभाव डाल सकती है। पिछले कुछ महीनों में चीन के कई अनुसंधान जहाज अरब सागर के हिस्सों में सक्रिय रहे हैं। अब, तेज हवाओं और खराब मौसम के चलते इस क्षेत्र में समुद्री गतिविधियों में अस्थायी रुकावट आ सकती है।

    IMD का पूर्वानुमान: अगले चार दिन होंगे चुनौतीपूर्ण

    IMD ने अपने पूर्वानुमान में कहा है कि 2 नवंबर से 6 नवंबर तक गुजरात में मौसम बेहद खराब रहेगा। तेज हवाओं के साथ कई स्थानों पर 100 मिमी से अधिक वर्षा दर्ज की जा सकती है। मौसम विभाग ने यह भी बताया कि कुछ जिलों में बिजली गिरने और पेड़ों के गिरने की घटनाएं बढ़ सकती हैं।

    राज्य के आपदा प्रबंधन विभाग ने लोगों से अपील की है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और केवल आधिकारिक मौसम अपडेट पर ही भरोसा करें। तटीय क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है।

    अरब सागर में बन रहा यह डीप डिप्रेशन आने वाले दिनों में गुजरात के लिए बड़ी चुनौती बन सकता है। मौसम विभाग की चेतावनी के अनुसार, अगले चार दिन राज्य के तटीय जिलों के लिए बेहद संवेदनशील रहने वाले हैं। सरकार, प्रशासन और बचाव दल पूरी तरह सतर्क हैं, लेकिन सबसे अहम जिम्मेदारी लोगों की भी है कि वे सावधानी बरतें, घरों में रहें और प्रशासन के निर्देशों का पालन करें।

    गुजरात के लोग अब प्रकृति की इस ‘परीक्षा’ का सामना करने के लिए तैयार हैं, और उम्मीद की जा रही है कि सतर्कता और तकनीकी तैयारी से इस संकट को बिना किसी बड़ी क्षति के पार किया जा सकेगा।

    न्यूज़ शेयर करने के लिए क्लिक करें .
  • Advertisement Space

    Related Posts

    बिहार चुनाव 2025: राहुल गांधी 29 को करेंगे पहली रैली, प्रियंका गांधी जल्द संभालेंगी प्रचार मोर्चा

    इस खबर को सुनने के लिये प्ले बटन को दबाएं। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के तहत कांग्रेस ने अब पूरी ताकत और रणनीति के साथ चुनावी मैदान में कदम रखा…

    Continue reading
    स्वच्छ शहर इंदौर पर ‘गंदा धब्बा’: मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के बयान ने बढ़ाई सुरक्षा चिंता

    इस खबर को सुनने के लिये प्ले बटन को दबाएं। इंदौर, जिसे अक्सर स्वच्छ और सुरक्षित शहर के रूप में जाना जाता है, इस बार मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के बयान…

    Continue reading

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *