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    HPCL को आपूर्ति किए गए क्रूड ऑयल में संदिग्ध क्लोराइड; HOECL ने कहा—“कोई नुकसान या दावा हमारी जिम्मेदारी नहीं”

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    सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनी Hindustan Petroleum Corporation Limited (HPCL) को आपूर्ति किए गए क्रूड ऑयल के संदर्भ में Hindustan Oil Exploration Company (HOECL) ने मंगलवार को बयान जारी किया। HOECL ने कहा कि कंपनी HPCL द्वारा उठाए गए उच्च क्लोराइड स्तर वाले क्रूड ऑयल के दावों की जांच कर रही है, लेकिन उनके अनुसार कोई वित्तीय नुकसान, क्षति या दावा उनकी जिम्मेदारी नहीं है।

    HOECL ने यह भी बताया कि वे HPCL के साथ समस्या के समाधान और संभावित उपायों पर सक्रिय संवाद कर रही हैं। कंपनी ने स्पष्ट किया कि उनके B‑80 क्षेत्र से आने वाले क्रूड की आपूर्ति एग्रीमेंट के अंतर्गत किसी भी दावे की स्थिति अभी तक उत्पन्न नहीं हुई है।

    HPCL ने बताया कि अगस्त 2025 में HOECL द्वारा प्राप्‍त की गई लगभग 54.6 हजार टन क्रूड ऑयल में उच्च क्लोराइड की मात्रा पाई गई। यह स्तर सामान्य स्वीकार्य सीमा से अधिक था, जिससे मुंबई रिफाइनरी की कुछ यूनिट्स में क्षरण और उत्पादन में गिरावट देखी गई।

    कंपनी ने कहा कि उत्पादन प्रक्रिया में बाधा आई, और उन्होंने आपूर्तिकर्ता HOECL से तुरंत संपर्क किया। HPCL का कहना है कि उनका फोकस उत्पादन क्षमता को बहाल करना और नुकसान की पूरी जांच करना है।

    HOECL ने बयान में कहा:

    “हम HPCL द्वारा उठाए गए मुद्दों की जाँच कर रहे हैं। एग्रीमेंट के अनुसार, इस समय तक किसी भी नुकसान या दावे की जिम्मेदारी हमारी नहीं है। हम HPCL के साथ मिलकर समस्याओं का समाधान करने के लिए सक्रिय रूप से बातचीत कर रहे हैं।”

    विशेषज्ञों के अनुसार, यह स्थिति दोनों कंपनियों के लिए परीक्षण की तरह है, जिसमें आपूर्ति गुणवत्ता, निगरानी और संविदा की शर्तें मुख्य भूमिका निभाती हैं।

    HOECL ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि भविष्य में HPCL कोई दावे या वित्तीय नुकसान की मांग करता है, तो वे संविदा के अनुसार स्थिति का समाधान करेंगे।

    क्रूड ऑयल में उच्च क्लोराइड स्तर का असर केवल उत्पादन क्षमता पर ही नहीं, बल्कि रिफाइनरी उपकरणों की उम्र और रखरखाव लागत पर भी पड़ता है। HPCL के लिए संभावित प्रभाव:

    • उत्पादन यूनिट्स में डाउनटाइम और आउटपुट में कमी।

    • उपकरणों में क्षरण, जिससे रखरखाव और प्रतिस्थापन लागत बढ़ सकती है।

    • संविदात्मक दावों की प्रक्रिया में समय और संसाधन की आवश्यकता।

    अन्य विशेषज्ञों का कहना है कि यह घटना भारतीय पेट्रोलियम आपूर्ति श्रृंखला में गुणवत्ता नियंत्रण की चुनौतियों को उजागर करती है।

    क्रूड आपूर्ति एग्रीमेंट में आमतौर पर गुणवत्ता सीमा, नमक‑क्लोराइड की अधिकतम स्वीकार्य सीमा, परीक्षण और दावे से संबंधित प्रावधान होते हैं। HOECL ने HPCL के आरोपों पर जांच जारी रखने का आश्वासन दिया और कहा कि उनकी कंपनी संविदात्मक शर्तों के तहत सुरक्षित है।

    यदि HPCL आगे जाकर दावे या वित्तीय क्षति का नोटिस भेजता है, तो HOECL ने संकेत दिया है कि वह संविदा के अनुसार स्थिति का समाधान करेगी।

    HPCL और HOECL दोनों ही इस मामले को हल करने के लिए सक्रिय संवाद और तकनीकी मूल्यांकन में लगे हैं।

    • HPCL ने प्रभावित क्रूड बैच की पहचान और आवश्यक तकनीकी परीक्षण शुरू कर दिए हैं।

    • HOECL ने कहा कि वे आपूर्ति के अगले चरण में अधिक सख्त गुणवत्ता नियंत्रण अपनाएंगे।

    विशेषज्ञों का मानना है कि यह घटना उद्योग के लिए यह संदेश देती है कि मात्र आपूर्ति नहीं, बल्कि गुणवत्ता और निगरानी भी उतनी ही महत्वपूर्ण हैं।

    HPCL और HOECL के बीच यह मामला इस बात की याद दिलाता है कि क्रूड आपूर्ति श्रृंखला में गुणवत्ता, संविदात्मक शर्तें और जवाबदेही कितनी महत्वपूर्ण हैं। HOECL का रुख स्पष्ट है कि उनकी कंपनी अभी तक किसी दावे के दायरे में नहीं आती।

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