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मध्य प्रदेश में राज्य सरकार द्वारा लाड़ली बहन योजना के तहत ₹250 देने से पहले एक बड़ा वित्तीय कदम उठाया गया है। सरकार ने चालू वित्त वर्ष के लिए ₹5,200 करोड़ का नया कर्ज लेने की योजना बनाई है, जिससे राज्य का कुल ऋण अब ₹4,64,340 करोड़ तक पहुंच जाएगा। यह कर्ज विशेष रूप से उत्पादक योजनाओं और दीर्घकालिक विकास परियोजनाओं के लिए लिया गया है।
राज्य वित्त विभाग के अनुसार, इस नए ऋण में ₹2,700 करोड़ 21 साल की अवधि और ₹2,500 करोड़ 22 साल की अवधि के लिए लिया जाएगा। इसका उद्देश्य राज्य में चल रही योजनाओं के लिए आवश्यक वित्तीय संसाधन सुनिश्चित करना और विभिन्न सामाजिक कल्याण योजनाओं को वित्तीय सहायता प्रदान करना है।
मध्य प्रदेश सरकार का कहना है कि इस ऋण के बावजूद राज्य की वित्तीय स्थिति नियंत्रण में है और यह कर्ज सुरक्षित और उत्पादक निवेश के लिए लिया गया है। सरकार का यह भी दावा है कि लाड़ली बहन योजना और अन्य सामाजिक योजनाओं के लिए आवश्यक राशि पहले से तय की गई है, और नए कर्ज के माध्यम से इन योजनाओं की स्थिरता सुनिश्चित की जा रही है।
विशेषज्ञों का मानना है कि राज्य का यह बड़ा ऋण भारी वित्तीय दबाव का संकेत है। चालू वित्त वर्ष में नए ऋण लेने के बाद कुल ऋण ₹42,600 करोड़ तक पहुँच जाएगा। इससे राज्य की राजस्व स्थिति पर प्रभाव पड़ सकता है, और भविष्य में ब्याज भुगतान का बोझ बढ़ सकता है।
मध्य प्रदेश में पिछले कुछ वर्षों में सरकार ने बड़े पैमाने पर सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक कल्याण परियोजनाओं में निवेश किया है। इस कर्ज का एक बड़ा हिस्सा इन योजनाओं के लिए ही खर्च किया जाएगा। राज्य सरकार का कहना है कि यह निवेश भविष्य में आर्थिक विकास को गति देने और रोजगार सृजन में मदद करेगा।
राजनीतिक दृष्टिकोण से देखा जाए तो यह कदम वर्तमान सरकार की लोकप्रिय योजनाओं जैसे लाड़ली बहन, उज्ज्वला और अन्य कल्याण परियोजनाओं को स्थायी बनाए रखने के लिए लिया गया है। सरकार चाहती है कि योजनाओं के लाभ सीधे जनता तक पहुँचें और लोगों को वित्तीय राहत मिले।
वित्तीय विश्लेषकों का कहना है कि ₹4,64,340 करोड़ का कुल कर्ज राज्य के लिए चुनौतीपूर्ण स्थिति पैदा कर सकता है। इसके चलते सरकार को अपनी राजस्व नीति, कर संग्रह और व्यय नियंत्रण पर विशेष ध्यान देना होगा। अगर राज्य आर्थिक गतिविधियों में पर्याप्त वृद्धि नहीं कर पाया, तो भविष्य में कर्ज पर ब्याज भुगतान और भी अधिक भारी पड़ सकता है।
सरकार का दावा है कि यह ऋण उत्पादक और दीर्घकालिक विकास परियोजनाओं के लिए लिया गया है, जो भविष्य में राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूती देंगे। इसके साथ ही यह कर्ज लाड़ली बहन योजना जैसी सामाजिक योजनाओं के लिए वित्तीय सुरक्षा भी सुनिश्चित करेगा।
राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि यह कदम जनता के बीच सरकार की छवि सुधारने और आगामी चुनावों में लोकप्रियता बनाए रखने की दिशा में भी है। लाड़ली बहन योजना के तहत किशोरियों को आर्थिक सहायता मिलने से सरकार की सामाजिक कल्याण की नीतियों को मजबूती मिलेगी।
हालांकि, विपक्ष ने इस फैसले पर चिंता जताई है। उनका कहना है कि राज्य पर इतना बड़ा कर्ज भविष्य की पीढ़ियों के लिए वित्तीय बोझ बन सकता है। विपक्ष ने यह भी चेतावनी दी कि कर्ज का बड़ा हिस्सा अगर उचित योजनाओं में निवेश नहीं हुआ तो यह राज्य की वित्तीय स्थिति पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।
वित्त विभाग ने यह स्पष्ट किया है कि राज्य सरकार ऋण की पुनर्भुगतान क्षमता और ब्याज भुगतान पर नियंत्रण बनाए रखने के लिए आवश्यक कदम उठा रही है। इसके तहत नए निवेश को प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में खर्च किया जाएगा और वित्तीय संसाधनों का दक्षता से उपयोग किया जाएगा।
अंततः, मध्य प्रदेश सरकार द्वारा लाड़ली बहन योजना के लिए ₹250 देने से पहले लिया गया यह बड़ा कर्ज राज्य की अर्थव्यवस्था, सामाजिक योजनाओं और वित्तीय स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। कुल कर्ज ₹4,64,340 करोड़ तक पहुंचने के साथ, राज्य को भविष्य में वित्तीय अनुशासन, निवेश दक्षता और राजस्व वृद्धि सुनिश्चित करना आवश्यक होगा।
इस कदम से साफ है कि सामाजिक कल्याण और विकास परियोजनाओं को प्राथमिकता दी जा रही है, लेकिन राज्य की वित्तीय स्थिति और ऋण प्रबंधन पर निगरानी भी अत्यंत महत्वपूर्ण है।








