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शाजापुर जिले के शुजालपुर सिविल अस्पताल में बुधवार सुबह स्वास्थ्य विभाग की तरफ से की गई सख्त कार्रवाई ने अस्पताल के स्टाफ को हैरान कर दिया। CMHO डॉ. कमला आर्य ने सुबह 9.35 बजे अचानक औचक निरीक्षण किया, और अस्पताल में डॉक्टरों की उपस्थिति की जांच की।
अस्पताल का समय सुबह 9 बजे से शुरू होने के बावजूद, निरीक्षण में सामने आया कि कुल 16 डॉक्टरों में से केवल 2 डॉक्टर रविन्द्र गुप्ता और निर्वेश दवे ही उपस्थित थे। बाकी 14 डॉक्टर अनुपस्थित पाए गए। इस तथ्य ने अस्पताल के स्टाफ और प्रशासनिक अधिकारियों को चौंका दिया।
आकस्मिक निरीक्षण का उद्देश्य
CMHO डॉ. कमला आर्य का कहना है कि यह निरीक्षण केवल अस्पताल के संचालन और डॉक्टरों की उपस्थिति की स्थिति को देखने के लिए किया गया था। उनका उद्देश्य था कि अस्पताल में समय पर डॉक्टरों की उपस्थिति सुनिश्चित की जाए, ताकि मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकें।
डॉ. आर्य ने कहा, “हमारा उद्देश्य केवल नियमों का पालन कराना और मरीजों की सुविधाओं में सुधार लाना है। किसी भी अस्पताल में डॉक्टरों की अनुपस्थिति गंभीर स्वास्थ्य सेवाओं पर प्रभाव डाल सकती है।”
स्टाफ की प्रतिक्रिया
अस्पताल के स्टाफ और डॉक्टरों ने अचानक हुई इस कार्रवाई को लेकर मिश्रित प्रतिक्रिया दी। कुछ डॉक्टरों ने कहा कि सुबह की देरी और व्यक्तिगत कारणों से कुछ लोग अनुपस्थित हो सकते हैं, लेकिन अधिकारियों का अचानक निरीक्षण निश्चित रूप से एक चेतावनी का संकेत है।
कुछ स्टाफ सदस्यों का कहना था कि उन्हें इस प्रकार की रेड की कोई पूर्व सूचना नहीं दी गई थी, इसलिए यह सभी के लिए हैरान करने वाला अनुभव था।
सख्त कार्रवाई की संभावना
CMHO ने स्पष्ट किया कि डॉक्टरों की उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए अब सख्त प्रशासनिक कार्रवाई की जाएगी। अनुपस्थित डॉक्टरों के खिलाफ नोटिस जारी किए जाने और आवश्यकतानुसार विभागीय अनुशासनात्मक प्रक्रिया अपनाने की संभावना जताई गई है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि अस्पताल में डॉक्टरों की उपस्थिति मरीजों की सेवा की गुणवत्ता से जुड़ी होती है। अचानक रेड और निरीक्षण यह सुनिश्चित करने का एक तरीका है कि अस्पताल में सभी नियमों और प्रक्रियाओं का पालन हो।
मरीजों पर असर
अस्पताल में डॉक्टरों की अनुपस्थिति का सीधा असर मरीजों पर पड़ता है। कई लोग शुजालपुर सिविल अस्पताल में सुबह से ही अपनी जांच और उपचार के लिए आते हैं। डॉक्टरों की अनुपस्थिति के कारण मरीजों को इंतजार करना पड़ता है और उनकी स्वास्थ्य सेवाओं में देरी होती है।
CMHO ने कहा कि यह निरीक्षण इसलिए किया गया ताकि मरीजों को समय पर और उचित इलाज मिल सके। अस्पताल में सभी डॉक्टरों की नियमित उपस्थिति से स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार आएगा।
भविष्य की योजना
CMHO डॉ. कमला आर्य ने कहा कि अब से सभी सरकारी अस्पतालों में नियमित निरीक्षण किया जाएगा। इसका उद्देश्य स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार लाना और अस्पताल में नियमों का पालन सुनिश्चित करना है।
साथ ही, डॉक्टरों की अनुपस्थिति की रिपोर्टिंग और ऑनलाइन उपस्थिति प्रणाली को मजबूत करने की योजना बनाई जा रही है। यह कदम प्रशासन और मरीज दोनों के लिए फायदेमंद होगा।
शाजापुर के शुजालपुर सिविल अस्पताल में CMHO की अचानक रेड ने यह साफ कर दिया कि स्वास्थ्य विभाग अब डॉक्टरों और अस्पताल स्टाफ की उपस्थिति पर सख्ती से नजर रखेगा। 16 डॉक्टरों में से केवल 2 की उपस्थिति ने पूरे स्टाफ को सन्न कर दिया।
यह कदम अस्पताल में मरीजों की बेहतर सेवा और स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है। भविष्य में इस तरह के निरीक्षण और सख्त कार्रवाई से डॉक्टरों की उपस्थिति और जिम्मेदारी में सुधार की उम्मीद है।








