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    रवि मोहन की फिल्म ‘ब्रो कोड’ पर दिल्ली हाई कोर्ट की रोक, अभिनेता बोले—‘प्रचार से इनकार किया, तभी शुरू हुआ विवाद’

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    तमिल फिल्म इंडस्ट्री के लोकप्रिय अभिनेता रवि मोहन इन दिनों अपनी आने वाली फिल्म ‘ब्रो कोड’ (Bro Code) को लेकर कानूनी विवाद में फंसे हुए हैं। फिल्म के नाम को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाते हुए इस पर अस्थायी रोक लगा दी है। अदालत ने कहा है कि यह नाम पहले से पंजीकृत एक अल्कोहल ब्रांड के ट्रेडमार्क अधिकारों का उल्लंघन कर सकता है।

    यह मामला तब सुर्खियों में आया जब दिल्ली की एक अल्कोहल कंपनी ने अदालत में याचिका दायर कर कहा कि ‘Bro Code’ उनके पेय उत्पाद का पंजीकृत नाम है और इसी नाम का उपयोग किसी फिल्म के शीर्षक के रूप में नहीं किया जा सकता। कंपनी का कहना है कि फिल्म का नाम देखकर ग्राहकों में भ्रम पैदा हो सकता है कि यह फिल्म उनके ब्रांड से जुड़ी हुई है या उसका प्रचार कर रही है।

    दिल्ली हाई कोर्ट ने कंपनी के इस तर्क को गंभीरता से लेते हुए फिल्म के नाम के इस्तेमाल पर अंतरिम रोक लगाने का आदेश जारी किया। अदालत ने कहा कि मामला ट्रेडमार्क उल्लंघन से जुड़ा है और जब तक इस पर पूर्ण सुनवाई नहीं हो जाती, तब तक फिल्म निर्माता ‘Bro Code’ नाम का उपयोग नहीं कर सकते।

    दूसरी ओर, अभिनेता और निर्माता रवि मोहन ने इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह विवाद तब शुरू हुआ जब उन्होंने इसी नाम के अल्कोहल ब्रांड से प्रमोशन करने से इनकार कर दिया। अभिनेता का दावा है कि ब्रांड ने उनसे अपने पेय उत्पाद के प्रचार के लिए संपर्क किया था, लेकिन उन्होंने यह प्रस्ताव यह कहते हुए ठुकरा दिया कि वे शराब से जुड़े किसी विज्ञापन का हिस्सा नहीं बनना चाहते। रवि मोहन का कहना है कि इसके बाद ही ब्रांड ने उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू की।

    अभिनेता के मुताबिक, उनकी फिल्म का शीर्षक ‘Bro Code’ पूरी तरह मौलिक है और किसी ब्रांड से उसका कोई संबंध नहीं है। उन्होंने कहा कि फिल्म की कहानी दोस्ती, नैतिकता और युवाओं की भावनाओं पर आधारित है, जिसका शराब या किसी अन्य उत्पाद से कोई ताल्लुक नहीं है। उन्होंने अदालत में यह दलील दी है कि रचनात्मक स्वतंत्रता के अधिकार के तहत वे इस नाम का उपयोग करने के हकदार हैं।

    गौरतलब है कि इस फिल्म को लेकर पहले मद्रास हाई कोर्ट ने रवि मोहन को राहत दी थी और कहा था कि वे अपने रचनात्मक कार्य के लिए यह नाम इस्तेमाल कर सकते हैं। लेकिन दिल्ली हाई कोर्ट ने ट्रेडमार्क विवाद को ध्यान में रखते हुए अलग रुख अपनाया और नाम के उपयोग पर फिलहाल रोक लगा दी।

    अदालत के इस फैसले से फिल्म की रिलीज पर अस्थायी असर पड़ सकता है, क्योंकि फिल्म से जुड़ी सारी प्रचार सामग्री—जैसे पोस्टर, टीज़र और डिजिटल कैंपेन—पहले से “Bro Code” नाम के साथ तैयार की जा चुकी है। अब निर्माताओं के सामने चुनौती यह है कि या तो वे फिल्म का नाम बदलें या अदालत से राहत मिलने तक इसके प्रचार को रोक दें।

    विवाद के कानूनी पहलू को देखते हुए यह मामला भारतीय मनोरंजन उद्योग के लिए भी एक मिसाल बन सकता है। अक्सर फिल्म निर्माताओं को अपने शीर्षक पंजीकरण के दौरान यह ध्यान रखना पड़ता है कि कोई अन्य कंपनी या ब्रांड उसी नाम का उपयोग न कर रही हो। यह मामला यह भी दिखाता है कि ट्रेडमार्क और रचनात्मक स्वतंत्रता के बीच संतुलन बनाना कितना जरूरी है।

    इस विवाद के बीच सोशल मीडिया पर भी बहस छिड़ गई है। कई लोग रवि मोहन के समर्थन में सामने आए हैं और उनका कहना है कि किसी ब्रांड के पास फिल्म के शीर्षक पर रोक लगाने का अधिकार नहीं होना चाहिए। वहीं कुछ लोगों का मानना है कि अगर किसी नाम का व्यावसायिक पंजीकरण पहले से है, तो उसका उपयोग फिल्म के प्रचार में करना ट्रेडमार्क कानून का उल्लंघन हो सकता है।

    फिलहाल, अदालत ने अगले महीने इस मामले की अगली सुनवाई तय की है। तब तक रवि मोहन और उनकी टीम फिल्म के नाम के इस्तेमाल से परहेज़ करेंगी। अभिनेता ने भरोसा जताया है कि न्यायालय उनके पक्ष को समझेगा और फिल्म को अपने मूल शीर्षक के साथ रिलीज़ करने की अनुमति देगा।

    रवि मोहन का यह विवाद न केवल उनके फिल्मी करियर के लिए बल्कि पूरे तमिल फिल्म जगत के लिए एक अहम कानूनी मिसाल बन सकता है। यह मामला दिखाता है कि फिल्म उद्योग में रचनात्मक आज़ादी और व्यावसायिक अधिकारों के बीच संघर्ष किस तरह नए रूप ले रहा है। दर्शकों की निगाहें अब अदालत के अगले आदेश पर टिकी हैं, जो तय करेगा कि क्या ‘Bro Code’ अपने नाम के साथ परदे पर उतरेगी या किसी नए शीर्षक के साथ।

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