इस खबर को सुनने के लिये प्ले बटन को दबाएं।

सोने की कीमतों में निवेश करने वाले लोगों के लिए यह समय खुशखबरी लेकर आया है। इस साल सोना और चांदी की कीमतों में लगातार तेजी देखने को मिली थी, लेकिन हाल के दिनों में इसमें गिरावट दर्ज की गई है। विशेष रूप से सोने की कीमत अपने पीक से लगभग 13,000 रुपये प्रति दस ग्राम नीचे आ चुकी है। इस गिरावट ने निवेशकों और सोना खरीदने वालों को आकर्षित किया है।
गिरावट के पीछे कारण
सोने की कीमतों में इस गिरावट के कई कारण माने जा रहे हैं। सबसे प्रमुख कारण मुनाफावसूली है। लंबे समय तक सोने में बढ़ोतरी होने के बाद निवेशक अपने मुनाफे को सुरक्षित करने के लिए बिक्री कर रहे हैं। इसके अलावा, वैश्विक बाजार में डॉलर की मजबूती, अमेरिकी फेडरल रिजर्व की ब्याज दर नीतियां और अंतरराष्ट्रीय आर्थिक परिस्थितियां भी सोने के दाम को प्रभावित कर रही हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि सोना लंबे समय से निवेशकों के लिए सुरक्षित निवेश का साधन माना जाता रहा है। हालांकि, कीमतों में उतार-चढ़ाव आम बात है और इस समय निवेशकों के लिए यह एक अवसर भी साबित हो सकता है।
सोने का वर्तमान रेट
29 अक्टूबर 2025 के अनुसार, दिल्ली में 24 कैरेट सोने का दाम प्रति दस ग्राम लगभग ₹1,19,351 है। चांदी की बात करें तो यह लगभग ₹1,45,975 प्रति किलोग्राम के आसपास कारोबार कर रही है।
इस गिरावट के बाद कई निवेशक सोच रहे हैं कि अब सोना खरीदना सही समय है। वित्तीय सलाहकारों का कहना है कि जो निवेशक लंबे समय तक सोना रखने का विचार कर रहे हैं, उनके लिए यह समय लाभकारी साबित हो सकता है।
निवेशकों के लिए सलाह
विशेषज्ञों का कहना है कि सोने में निवेश करते समय केवल कीमतों के उतार-चढ़ाव को देखना पर्याप्त नहीं है। निवेशकों को बाजार के रुझानों, वैश्विक आर्थिक हालात और ब्याज दर नीतियों पर भी ध्यान देना चाहिए। इसके अलावा, भौतिक सोना और गोल्ड ईटीएफ दोनों में निवेश करने के विकल्प मौजूद हैं।
कुछ वित्तीय विशेषज्ञों का मानना है कि अक्टूबर 2025 के बाद सोने की कीमतों में धीरे-धीरे स्थिरता आने की संभावना है। ऐसे में निवेशक अपने निवेश को लंबी अवधि के लिए सुरक्षित रख सकते हैं और भविष्य में होने वाली कीमतों के लाभ उठा सकते हैं।
सोना क्यों महत्वपूर्ण निवेश है
सोना हमेशा से निवेशकों के लिए सुरक्षित निवेश का विकल्प रहा है। आर्थिक संकट, मुद्रास्फीति और वैश्विक अस्थिरता के समय सोना अपने मूल्य को बनाए रखता है। इसके अलावा, सोने में निवेश करने से पोर्टफोलियो को विविधता मिलती है और जोखिम कम होता है।
विशेषज्ञ बताते हैं कि सोने की मांग में बढ़ोतरी का संबंध केवल भारत ही नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय बाजार से भी है। वैश्विक निवेशक सोने को मुद्रास्फीति और आर्थिक अस्थिरता के खिलाफ हेज के रूप में देखते हैं।
भविष्य की उम्मीदें
विशेषज्ञों का अनुमान है कि आने वाले महीनों में सोने की कीमत में धीरे-धीरे स्थिरता आएगी। हालांकि, वैश्विक घटनाक्रम जैसे डॉलर की स्थिति, अमेरिकी फेड की नीति और अंतरराष्ट्रीय भू-राजनीतिक घटनाएं कीमतों को प्रभावित कर सकती हैं। निवेशक इसे ध्यान में रखते हुए योजना बनाएं।
इस समय जो निवेशक सोने में निवेश कर रहे हैं, उनके लिए यह अवसर उचित कहा जा सकता है। लंबे समय तक सोने को अपने पास रखने से निवेशकों को भविष्य में अच्छे रिटर्न मिलने की संभावना रहती है।
सोने और चांदी की कीमतों में हाल की गिरावट निवेशकों और आम लोगों दोनों के लिए एक अवसर लेकर आई है। सोना अपने पीक से लगभग 13,000 रुपये नीचे आ चुका है, जो इसे खरीदने के लिए सही समय बनाता है। वित्तीय विशेषज्ञों का मानना है कि लंबी अवधि के निवेश के लिए यह समय उपयोगी हो सकता है।





