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कृषि क्षेत्र और विशेष रूप से गन्ना किसानों के लिए यह समय खुशखबरी लेकर आया है। सरकार ने 2025-26 सीजन के लिए गन्ने का सर्वाधिक समर्थन मूल्य (SAP) बढ़ाकर प्रति क्विंटल 30 रुपये की रिकॉर्ड वृद्धि की घोषणा की है। यह बढ़ोतरी 2017 के बाद सबसे बड़ी मानी जा रही है और इसे गन्ना किसानों की आमदनी में सुधार और कृषि क्षेत्र के स्थिरता के प्रयास के तौर पर देखा जा रहा है।
सरकार के इस फैसले से देशभर के गन्ना किसानों में उत्साह का माहौल है। बढ़ा हुआ SAP सीधे तौर पर किसानों की आमदनी में बढ़ोतरी करेगा और उन्हें उत्पादन लागत को पूरा करने में मदद देगा। कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि गन्ना किसानों के लिए यह निर्णय लंबे समय से प्रतीक्षित था और अब इससे गन्ना क्षेत्र में निवेश और उत्पादन बढ़ने की संभावना है।
बढ़ोतरी की वजहें और महत्व
गन्ने के समर्थन मूल्य में वृद्धि के कई कारण हैं। सरकार ने कहा है कि उत्पादन लागत, खाद्य पदार्थों की बढ़ती कीमतें और किसानों की जीवनयापन की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए SAP में वृद्धि की गई है। पिछले साल की तुलना में उत्पादन लागत और ईंधन की कीमतों में वृद्धि को भी इस बढ़ोतरी में शामिल किया गया है।
विशेषज्ञों का कहना है कि गन्ना किसानों की आय में यह वृद्धि सीधे तौर पर उनके जीवन स्तर और आर्थिक स्थिरता पर असर डालती है। इसके अलावा, चीनी उद्योग के लिए भी यह कदम लाभकारी है, क्योंकि स्थिर कीमतों के चलते किसान समय पर गन्ना सप्लाई करने में सक्षम होंगे।
किसानों की प्रतिक्रिया
उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और कर्नाटक जैसे प्रमुख गन्ना उत्पादक राज्यों के किसानों ने इस घोषणा का स्वागत किया है। किसान संघों का कहना है कि पिछले कुछ सालों में उत्पादन लागत लगातार बढ़ी थी, लेकिन SAP स्थिर था, जिससे किसानों को आर्थिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा था।
एक किसान ने कहा, “30 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी हमारे लिए राहत की खबर है। अब हम गन्ने की खेती में निवेश कर सकते हैं और अपने परिवार की जरूरतें भी पूरा कर सकते हैं।”
राज्य स्तर के कृषि अधिकारियों ने भी SAP वृद्धि को कृषि क्षेत्र में सकारात्मक संकेत बताया। उनका कहना है कि इससे गन्ना उत्पादन बढ़ेगा और चीनी मिलों की समय पर गन्ना प्राप्ति भी सुनिश्चित होगी।
राष्ट्रीय स्तर पर महत्व
गन्ना उद्योग भारत की कृषि अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। देश में लाखों किसान गन्ने की खेती से जुड़े हैं और चीनी उद्योग में रोजगार के अवसर मिलते हैं। SAP में यह वृद्धि न केवल किसानों की आमदनी बढ़ाएगी, बल्कि चीनी मिलों की सप्लाई चेन को भी मजबूती प्रदान करेगी।
सरकार का यह निर्णय प्रधानमंत्री कृषि समृद्धि और किसान सशक्तिकरण के प्रयासों के अनुरूप माना जा रहा है। कृषि मंत्रालय ने कहा कि बढ़ा हुआ SAP किसानों को उनकी मेहनत का उचित मूल्य देगा और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने में मदद करेगा।
आने वाले सीजन की उम्मीदें
विशेषज्ञों का कहना है कि इस SAP बढ़ोतरी के बाद गन्ना किसानों को अपने उत्पादन और निवेश की योजना बेहतर ढंग से बनाने का अवसर मिलेगा। इससे किसानों में उत्साह बढ़ेगा और वे उच्च गुणवत्ता वाले गन्ने का उत्पादन करने के लिए प्रेरित होंगे।
साथ ही, चीनी मिलों के लिए भी यह निर्णय सकारात्मक रहेगा। अधिक स्थिर और पर्याप्त मात्रा में गन्ना उपलब्ध होने से मिलों की उत्पादन प्रक्रिया में रुकावट नहीं आएगी और देश की चीनी खपत की मांग को पूरा किया जा सकेगा।
भविष्य की राह
आने वाले समय में सरकार ने कहा है कि कृषि क्षेत्र में नियमित मूल्यांकन और सुधार किया जाएगा। गन्ना समर्थन मूल्य में यह बढ़ोतरी किसानों के हित और कृषि अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने के प्रयासों का हिस्सा है। विशेषज्ञों का अनुमान है कि यह कदम आने वाले वर्षों में गन्ना उत्पादन और किसानों की आर्थिक स्थिति में स्थिरता लाएगा।
कुल मिलाकर, 2025-26 सीजन के लिए गन्ने के SAP में 30 रुपये प्रति क्विंटल की यह वृद्धि किसानों के लिए राहत और उत्साह लेकर आई है। यह 2017 के बाद की सबसे बड़ी वृद्धि है और गन्ना क्षेत्र में उत्पादन, निवेश और आर्थिक स्थिरता को बढ़ावा देने वाली महत्वपूर्ण पहल मानी जा रही है।








