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    ज्ञान प्रसाद ग्लोबल यूनिवर्सिटी ने घोषित की अपनी नई वैश्विक पहचान, शिक्षा और शोध में स्थापित करेगा नया मानक

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    भारत के शिक्षा क्षेत्र में एक नई दिशा देते हुए ज्ञान प्रसाद ग्लोबल यूनिवर्सिटी (Dnyaan Prasad Global University) ने अपनी नई वैश्विक पहचान (Global Identity) की आधिकारिक घोषणा की है। विश्वविद्यालय ने एक ऐसे शैक्षणिक मॉडल को प्रस्तुत करने का संकल्प लिया है जो भारतीय परंपरा, आधुनिक तकनीक और वैश्विक दृष्टिकोण का संतुलित संगम हो।

    इस अवसर पर विश्वविद्यालय प्रशासन ने बताया कि यह पहल केवल नाम परिवर्तन या रीब्रांडिंग नहीं है, बल्कि यह एक दृष्टिकोण परिवर्तन (Vision Transformation) है, जो भारत की नई शिक्षा नीति (NEP 2020) के अनुरूप वैश्विक प्रतिस्पर्धा में भारतीय छात्रों को अग्रणी बनाने की दिशा में एक ठोस कदम है।

    वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार होगा नया मॉडल
    ज्ञान प्रसाद ग्लोबल यूनिवर्सिटी का नया विज़न “Educating for a Borderless World” पर आधारित है। विश्वविद्यालय का उद्देश्य छात्रों को न केवल स्थानीय स्तर पर बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करना है। इसके लिए विश्वविद्यालय ने अंतरराष्ट्रीय शिक्षण संस्थानों और उद्योगिक संगठनों से कई महत्वपूर्ण साझेदारियाँ की हैं।

    कुलपति (Vice-Chancellor) डॉ. समीर देशमुख ने इस अवसर पर कहा —

    “हमारी नई वैश्विक पहचान शिक्षा को सीमाओं से परे ले जाने की पहल है। हम ऐसा वातावरण बनाना चाहते हैं जहाँ भारतीय छात्र वैश्विक अवसरों का लाभ उठा सकें और विदेशी छात्र भारत की शिक्षा प्रणाली की गहराई को समझ सकें।”

    नई पहचान के साथ नई पहलें भी
    विश्वविद्यालय ने इस अवसर पर कई नई पहलें भी शुरू की हैं। इनमें शामिल हैं —

    • इंटरनेशनल रिसर्च सेंटर: विज्ञान, तकनीकी, पर्यावरण और समाज विज्ञान के क्षेत्र में विश्वस्तरीय शोध को प्रोत्साहित करने के लिए विशेष केंद्र स्थापित किए जा रहे हैं।

    • ग्लोबल एक्सचेंज प्रोग्राम: छात्रों और शिक्षकों के लिए अमेरिका, यूरोप, जापान और ऑस्ट्रेलिया की यूनिवर्सिटीज़ के साथ एक्सचेंज प्रोग्राम शुरू होंगे।

    • इनnovation Incubation Hub: युवाओं को स्टार्टअप्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, रोबोटिक्स और ग्रीन टेक्नोलॉजी जैसे क्षेत्रों में नवाचार के लिए संसाधन उपलब्ध कराए जाएंगे।

    • इंडस्ट्री 4.0 कोर्सेज: विश्वविद्यालय अपने नए पाठ्यक्रम में उद्योग 4.0 के अनुरूप कोर्स जोड़ रहा है ताकि छात्र भविष्य की तकनीकी मांगों के अनुरूप खुद को ढाल सकें।

    शिक्षा में भारतीयता और वैश्विकता का संगम
    विश्वविद्यालय प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया कि उसकी नई पहचान भारतीय संस्कृति और मूल्यों पर आधारित होगी। ज्ञान प्रसाद का उद्देश्य शिक्षा को केवल अकादमिक सीमाओं तक सीमित न रखकर “समग्र विकास और नैतिक मूल्यों” के साथ जोड़ना है।

    विश्वविद्यालय के चेयरमैन प्रो. अरविंद पाटिल ने कहा —

    “हमारे लिए ग्लोबल होने का मतलब अपनी जड़ों को छोड़ना नहीं है। हम भारतीय ज्ञान परंपरा को आधुनिक वैश्विक शिक्षा से जोड़कर एक ऐसा मॉडल बना रहे हैं जो संतुलित, नैतिक और प्रगतिशील हो।”

    नई इमारतें और डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन
    विश्वविद्यालय ने अपनी नई पहचान के साथ-साथ कैंपस इन्फ्रास्ट्रक्चर को भी आधुनिक रूप दिया है। नये डिजिटल क्लासरूम, स्मार्ट लैब्स, ई-लाइब्रेरी और वर्चुअल रियलिटी बेस्ड टीचिंग सिस्टम को लागू किया गया है।

    साथ ही, यूनिवर्सिटी ने “One Digital Campus Policy” लॉन्च की है, जिसके तहत प्रशासन, शिक्षा और मूल्यांकन सभी प्रक्रियाएँ डिजिटल माध्यम से होंगी। यह नीति छात्रों को समयबद्ध और पारदर्शी प्रणाली का अनुभव देगी।

    छात्रों और शिक्षकों की बड़ी भूमिका
    इस वैश्विक पहचान के निर्माण में छात्रों और शिक्षकों की राय को भी विशेष महत्व दिया गया। यूनिवर्सिटी ने पिछले 6 महीनों में 15,000 से अधिक छात्रों और 1,200 फैकल्टी मेंबर्स से सुझाव लेकर अपनी नई नीति का प्रारूप तैयार किया।

    छात्र प्रतिनिधि समिति की अध्यक्ष ने कहा —

    “यह बदलाव केवल विश्वविद्यालय का नहीं, बल्कि हम सभी का है। हमें गर्व है कि हमारा संस्थान अब वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान बना रहा है।”

    अंतरराष्ट्रीय मान्यता की दिशा में कदम
    ज्ञान प्रसाद ग्लोबल यूनिवर्सिटी अब QS और Times Higher Education जैसी अंतरराष्ट्रीय रैंकिंग्स में भाग लेने की तैयारी कर रहा है। विश्वविद्यालय का लक्ष्य अगले 5 वर्षों में Top 100 Asian Universities की सूची में शामिल होना है।

    इसके अलावा, विदेशी छात्रों के लिए विशेष स्कॉलरशिप प्रोग्राम शुरू किया गया है ताकि विभिन्न देशों से प्रतिभाशाली युवा भारत आकर उच्च शिक्षा प्राप्त कर सकें।

    ज्ञान प्रसाद ग्लोबल यूनिवर्सिटी का यह कदम भारतीय शिक्षा जगत में एक नई सोच और आत्मविश्वास को दर्शाता है। अपनी नई वैश्विक पहचान के साथ यह संस्थान न केवल विद्यार्थियों के भविष्य को आकार देने जा रहा है, बल्कि भारत को वैश्विक शिक्षा केंद्र (Global Education Hub) के रूप में स्थापित करने में भी अहम भूमिका निभाएगा।

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