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राजस्थान की न्यायिक प्रणाली में आज सुबह एक गंभीर सुरक्षा संकट उत्पन्न हुआ जब जयपुर हाईकोर्ट की ब्रांच को बम धमकी से संबद्ध एक ईमेल प्राप्त हुआ। यह धमकी सीधे रजिस्ट्रार के ईमेल पते पर भेजी गई थी। धमकी मिलने के तुरंत बाद हाईकोर्ट प्रशासन ने परिसर को खाली करवा कर बम निरोधक दस्ते (Bomb Disposal Squad) और एंटी-टेररिस्ट स्क्वॉड (ATS) को बुलाया।
हाईकोर्ट प्रशासन ने बताया कि सुरक्षा बढ़ाने और किसी अप्रिय घटना से बचने के लिए सभी सुनवाई स्थगित कर दी गई हैं। न्यायालय परिसर में प्रवेश और बाहर जाने वाले सभी व्यक्तियों की पूरी तरह जांच की जा रही है। एटीएस और बम निरोधक टीम ने परिसर के हर कोने की जांच शुरू कर दी है।
जानकारी के अनुसार, धमकी भरा ईमेल धमकी देने वाले की पहचान अभी तक स्पष्ट नहीं हो सकी है। ईमेल में कोर्ट परिसर को निशाना बनाने की योजना का जिक्र किया गया था। प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियां फिलहाल धमकी की वास्तविकता और उसके संभावित खतरों का पता लगाने में जुटी हैं।
हाईकोर्ट परिसर की सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए प्रशासन ने परिसर के आसपास भारी पुलिस बल तैनात किया है। सुरक्षा के लिहाज से कोर्ट के बाहर की सड़कों पर भी पुलिस और सीसीटीवी निगरानी बढ़ा दी गई है। अधिकारी यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि परिसर में न्यायिक कार्य प्रभावित न हों और किसी भी तरह की अनहोनी की संभावना को न्यूनतम किया जा सके।
जयपुर हाईकोर्ट की ब्रांच में बम धमकी की घटना से नागरिक और न्यायिक अधिकारी दोनों ही चिंतित हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की धमकियां न्यायिक संस्थाओं को प्रभावित करने और भय उत्पन्न करने का प्रयास होती हैं। ऐसे मामलों में तेज़ और सतर्क कार्रवाई करना आवश्यक है ताकि किसी अप्रिय घटना को रोका जा सके।
राजस्थान पुलिस और एटीएस ने बताया कि धमकी की गंभीरता को देखते हुए तकनीकी जांच, डिजिटल फॉरेंसिक और आसपास के क्षेत्र की गहन निगरानी की जा रही है। बम निरोधक टीम परिसर के संभावित खतरनाक क्षेत्रों में रिमोट स्कैनिंग कर रही है और कोई संदिग्ध वस्तु मिलने पर उसे सुरक्षित तरीके से नष्ट किया जाएगा।
हाईकोर्ट प्रशासन ने जनता और वकीलों से अनुरोध किया है कि वे फिलहाल कोर्ट परिसर में न आएं और जारी सुरक्षा जांच में अधिकारियों का सहयोग करें। साथ ही यह भी कहा गया है कि जांच पूरी होने तक न्यायालय की नियमित कार्यवाही स्थगित रहेगी।
इस घटना ने राज्य में न्यायिक सुरक्षा के महत्व को एक बार फिर उजागर किया है। न्यायालय परिसर में सुरक्षा उपायों में लगातार सुधार की आवश्यकता और संभावित खतरों से निपटने की तैयारी पर जोर दिया जा रहा है। सुरक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि कोर्ट जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में तकनीकी निगरानी और आपातकालीन प्रतिक्रिया टीम की मौजूदगी बेहद जरूरी है।
कुल मिलाकर, जयपुर हाईकोर्ट में मिली बम धमकी के बाद सुरक्षा एजेंसियां पूरी तरह सक्रिय हैं। बम निरोधक दस्ते और एटीएस की जांच जारी है और परिसर को सुरक्षित बनाने के लिए हर संभव कदम उठाए जा रहे हैं। प्रशासन ने जनता और वकीलों से सहयोग की अपील की है ताकि न्यायिक कार्य सुचारु रूप से फिर से शुरू हो सके।

 
		 
		 
		 
		 
		 
		 
		 
		 
		






