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ग्वालियर जिले के डबरा क्षेत्र में कांग्रेस के सीनियर नेता और पूर्व मंत्री लाखन सिंह का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। इस वीडियो में देखा जा सकता है कि लाखन सिंह आपा खो बैठे, जब एक किसान ने उनसे 15 साल का हिसाब मांग लिया। यह घटना उस समय हुई जब पूर्व मंत्री इलाके की बारिश से प्रभावित फसलों का निरीक्षण करने गए थे।
जानकारी के अनुसार, डबरा क्षेत्र में बीते कुछ दिनों में भारी बारिश हुई थी, जिससे किसानों की फसलें काफी प्रभावित हुई हैं। किसानों की परेशानियों को समझने और उनकी समस्याओं का जायजा लेने के लिए कांग्रेस के पूर्व मंत्री लाखन सिंह निरीक्षण दल के साथ गांव पहुंचे। उनके साथ प्रशासनिक अधिकारी भी मौजूद थे, ताकि किसानों की फसल और उनके नुकसान का सही आंकलन किया जा सके।
हालांकि, निरीक्षण के दौरान ही माहौल अचानक गर्म हो गया। एक किसान ने लाखन सिंह से सवाल किया कि पिछले 15 वर्षों में उनके क्षेत्र के किसानों को सरकार की योजनाओं का कितना लाभ मिला और अब तक कितनी मदद की गई। किसान ने सवाल इस अंदाज में पूछा कि यह पूर्व मंत्री को चुनौतीपूर्ण लगा। लाखन सिंह ने इस सवाल पर गुस्से में आकर तीखी प्रतिक्रिया दी और कहा कि इस प्रकार की बातों से माहौल खराब होता है।
वीडियो में देखा जा सकता है कि लाखन सिंह ने अपने अंदाज में जवाब देते हुए कहा कि उन्हें किसी से हिसाब-किताब लेने की जरूरत नहीं है, और प्रशासन की तरफ से लगातार प्रयास किए जा रहे हैं कि किसानों को राहत मिल सके। इस बहस के दौरान वहां मौजूद अन्य अधिकारी और लोग बीच-बचाव करने की कोशिश करते नजर आए।
यह घटना ग्वालियर में स्थानीय लोगों के बीच चर्चा का विषय बन गई है। सोशल मीडिया पर वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है और लोग विभिन्न तरह की प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। कुछ लोग किसान की बहादुरी की तारीफ कर रहे हैं और सवाल उठा रहे हैं कि आखिर सरकारी योजनाओं का लाभ किसानों तक क्यों नहीं पहुंच पाया। वहीं, कुछ लोग लाखन सिंह के रुख को सामान्य मानते हुए कहते हैं कि कभी-कभी नेताओं पर दबाव और सवालों का असर दिखाई देता है।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह घटना ग्रामीण राजनीति और प्रशासन के बीच संतुलन की चुनौती को दिखाती है। किसान लगातार अपने अधिकारों और लाभ की मांग कर रहे हैं, वहीं नेता और अधिकारी भी क्षेत्र की समस्याओं को हल करने में लगे हैं। ऐसे मामलों में संवाद और समझौता ही बेहतर समाधान प्रदान कर सकता है।
पूर्व मंत्री लाखन सिंह के लिए यह अनुभव भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि किसी भी राजनीतिक नेता के लिए ग्रामीण और किसानों से सीधे संवाद करना हमेशा चुनौतीपूर्ण होता है। किसानों की अपेक्षाओं और सवालों को समझना और उनका समाधान करना नेताओं की जिम्मेदारी है। इस मामले में भी लाखन सिंह को यह स्थिति सामने आई कि किसानों की मांगें और सवाल गंभीर हैं और उन्हें इसका उत्तर देने के लिए संयम और स्पष्टता की जरूरत है।
डबरा क्षेत्र में यह घटना यह दर्शाती है कि किसानों और नेताओं के बीच संवाद की आवश्यकता कितनी महत्वपूर्ण है। लाखन सिंह का निरीक्षण किसानों की फसलों और उनके नुकसान को समझने का प्रयास था, लेकिन 15 साल का हिसाब मांगने वाले किसान ने यह दिखा दिया कि ग्रामीण जनता अपने अधिकारों और सवालों के प्रति कितनी सजग है। यह घटना ग्वालियर की राजनीति में आने वाले समय में काफी चर्चा का विषय बनी रहेगी और स्थानीय प्रशासन के लिए भी एक संदेश है कि किसानों की समस्याओं को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।

 
		 
		 
		 
		 
		 
		 
		 
		 
		






