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दुनिया के अरबपतियों की संपत्ति में गुरुवार को जबरदस्त गिरावट देखने को मिली। ग्लोबल मार्केट में आई हलचल के कारण सिर्फ एक दिन में करोड़ों नहीं, बल्कि खरबों रुपये का नुकसान हुआ। सबसे बड़ा झटका फेसबुक और मेटा प्लेटफॉर्म्स के सीईओ मार्क जुकरबर्ग को लगा, जिन्होंने ₹25,88,50,70,00,000 (यानी करीब 25.88 अरब डॉलर) एक ही दिन में गंवा दिए। यह राशि इतनी अधिक है कि यह उनके पूरे साल की कमाई से भी ज्यादा है।
ब्लूमबर्ग बिलियनेयर्स इंडेक्स के अनुसार, इस नुकसान के बाद जुकरबर्ग की कुल नेटवर्थ घटकर $165 अरब डॉलर रह गई है और वह दुनिया के सबसे अमीर लोगों की सूची में तीसरे स्थान से फिसलकर पांचवें स्थान पर पहुंच गए हैं।
यह नुकसान मुख्य रूप से मेटा (Meta Platforms) के शेयरों में आई भारी गिरावट के कारण हुआ। मेटा का स्टॉक पिछले ट्रेडिंग सेशन में 12% से अधिक गिर गया, जिससे कंपनी के बाजार मूल्य में लगभग $80 अरब डॉलर की कमी आई। मेटा की तिमाही आय रिपोर्ट निवेशकों की उम्मीदों पर खरी नहीं उतरी, जिसके बाद शेयरों में बिकवाली बढ़ गई।
मेटा की यह गिरावट टेक सेक्टर के लिए भी एक चेतावनी मानी जा रही है। दरअसल, पिछले कुछ महीनों से अमेरिकी टेक कंपनियों के शेयरों में तेजी बनी हुई थी, लेकिन अब निवेशक सतर्क हो गए हैं। विश्लेषकों का कहना है कि मेटा का खर्च बढ़ना, AI रिसर्च में भारी निवेश, और विज्ञापन राजस्व में कमी जुकरबर्ग के नुकसान की बड़ी वजह बनी है।
दुनिया के शीर्ष 20 अरबपतियों में से 17 की संपत्ति में गिरावट दर्ज की गई। टेस्ला के एलन मस्क, अमेजन के जेफ बेजोस, बर्नार्ड अरनॉल्ट और वॉरेन बफेट जैसे दिग्गजों की नेटवर्थ में भी अरबों डॉलर की कमी आई। हालांकि, सबसे बड़ी गिरावट मार्क जुकरबर्ग की रही।
भारत के उद्योगपति मुकेश अंबानी और गौतम अडानी की नेटवर्थ पर भी असर पड़ा। रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयरों में मामूली गिरावट के चलते अंबानी की नेटवर्थ लगभग $1.5 अरब डॉलर घटकर $116 अरब डॉलर रह गई, जबकि अडानी की संपत्ति में लगभग $1.2 अरब डॉलर की गिरावट दर्ज की गई। इसके बावजूद, दोनों अभी भी एशिया के शीर्ष अरबपतियों की सूची में पहले और दूसरे स्थान पर बने हुए हैं।
विश्लेषकों का कहना है कि यह गिरावट बाजार की अस्थिरता का परिणाम है। अमेरिकी टेक सेक्टर की कंपनियां फिलहाल “AI इन्वेस्टमेंट बबल” के दौर में हैं, जहां खर्च तो बढ़ रहा है लेकिन मुनाफे की रफ्तार उतनी नहीं। मेटा के शेयरों में यह गिरावट उसी असंतुलन की झलक दिखाती है।
मार्क जुकरबर्ग ने पिछले कुछ वर्षों में मेटा को वर्चुअल रियलिटी और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में बड़ी छलांग दिलाई है। लेकिन कंपनी के रियलिटी लैब्स यूनिट, जो मेटावर्स डेवलपमेंट पर काम कर रही है, ने अकेले पिछले तिमाही में $4.6 अरब डॉलर का घाटा दर्ज किया। निवेशकों को डर है कि मेटा का यह प्रयोग लंबी अवधि में और नुकसानदायक हो सकता है।
वहीं, मेटा की आय में भी गिरावट आई है। कंपनी का विज्ञापन राजस्व महामारी के बाद से लगातार दबाव में है। इंस्टाग्राम और फेसबुक पर यूजर एंगेजमेंट तो बढ़ा है, लेकिन ब्रांड्स अब डिजिटल विज्ञापन पर पहले जैसी आक्रामक खर्च नीति नहीं अपना रहे हैं।
दुनिया की अर्थव्यवस्था पर इसका प्रभाव साफ दिखाई दे रहा है। टेक सेक्टर की यह गिरावट वैश्विक बाजारों में अस्थिरता बढ़ा रही है। निवेशक अब “सेफ एसेट्स” यानी सोना और सरकारी बॉन्ड में निवेश कर रहे हैं। डॉलर इंडेक्स में भी मजबूती देखी गई है, जिससे उभरते बाजारों पर दबाव और बढ़ गया है।
बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले हफ्तों में टेक कंपनियों की तिमाही रिपोर्ट्स इस गिरावट की दिशा तय करेंगी। अगर मेटा, गूगल और माइक्रोसॉफ्ट जैसी कंपनियां अपने राजस्व और मुनाफे में सुधार नहीं दिखातीं, तो अरबपतियों की लिस्ट में और भी बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं।
फिलहाल, मार्क जुकरबर्ग का यह नुकसान इतिहास में दर्ज हो गया है — क्योंकि एक दिन में 25 अरब डॉलर का नुकसान अब तक के सबसे बड़े व्यक्तिगत घाटों में से एक है। यह दिखाता है कि चाहे संपत्ति कितनी भी बड़ी क्यों न हो, बाजार की एक हलचल अरबों डॉलर को “स्वाहा” करने में पलभर भी नहीं लगाती।

 
		 
		 
		 
		 
		 
		 
		 
		 
		





