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मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (CSMIA) पर रविवार को एक चौंकाने वाला मामला सामने आया, जब कस्टम विभाग ने एक विदेशी यात्री के बैग से दो जीवित सिल्वर गिबन बरामद किए। यह मामला न केवल एयरपोर्ट सुरक्षा के लिए गंभीर सवाल खड़ा करता है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय वन्यजीव तस्करी के नेटवर्क पर भी बड़ा संकेत देता है।
जानकारी के अनुसार, कस्टम विभाग को पहले से ही खुफिया सूचना मिली थी कि एक विदेशी नागरिक दुर्लभ प्रजाति के जानवरों की तस्करी करने की कोशिश कर रहा है। उसी आधार पर अधिकारियों ने रविवार सुबह एयरपोर्ट पर संदिग्ध यात्री की निगरानी शुरू की। जैसे ही वह यात्री ग्रीन चैनल पार करने की कोशिश कर रहा था, उसे रोका गया और उसके बैग की तलाशी ली गई।
तलाशी के दौरान जब अधिकारियों ने बैग खोला, तो अंदर से दो छोटे पिंजरे निकले, जिनमें जीवित सिल्वर गिबन रखे हुए थे। यह देखकर अधिकारी भी कुछ क्षणों के लिए दंग रह गए। यह पहली बार नहीं है जब मुंबई एयरपोर्ट पर इस तरह की वन्यजीव तस्करी का मामला सामने आया हो, लेकिन इस बार मामला बेहद संवेदनशील और दुर्लभ प्रजाति से जुड़ा हुआ है।
सिल्वर गिबन दक्षिण-पूर्व एशिया, खासकर इंडोनेशिया के जावा द्वीप में पाई जाने वाली प्राइमेट (वनमानुष) प्रजाति है। यह प्रजाति अंतरराष्ट्रीय वन्यजीव संरक्षण सूची में अत्यंत संकटग्रस्त (Critically Endangered) श्रेणी में आती है।
इनकी संख्या दुनिया में बहुत कम बची है और इनका अवैध व्यापार अंतरराष्ट्रीय बाजार में लाखों डॉलर में होता है। तस्कर इनका इस्तेमाल विदेशी पालतू जानवरों के रूप में या अवैध ब्रीडिंग नेटवर्क में करते हैं।
कस्टम विभाग ने जैसे ही यह जानवर बरामद किए, तुरंत वन्यजीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो (WCCB) और पशु कल्याण विभाग को इसकी सूचना दी।
दोनों सिल्वर गिबन को सुरक्षित रूप से एक प्राणी संरक्षण केंद्र में भेजा गया है, जहां उनकी चिकित्सकीय जांच और देखभाल की जा रही है।
वहीं, आरोपी विदेशी यात्री को कस्टम एक्ट, 1962 की धारा 104 और वाइल्डलाइफ प्रोटेक्शन एक्ट, 1972 के तहत गिरफ्तार किया गया है। प्रारंभिक पूछताछ में पता चला कि यह यात्री बैंकॉक से मुंबई आया था और यहां से जानवरों को दुबई भेजने की योजना थी।
कस्टम अधिकारियों ने बताया कि आरोपी ने अपने बैग में खास प्रकार की एयर वेंटिलेशन व्यवस्था की थी, ताकि जानवर जिंदा रह सकें और एक्स-रे स्कैन में पकड़ में न आएं। यह तस्करी का एक बेहद चालाक और खतरनाक तरीका था।
अधिकारियों को संदेह है कि इस मामले के पीछे कोई बड़ा अंतरराष्ट्रीय वन्यजीव तस्करी गिरोह काम कर रहा है।
मुंबई कस्टम विभाग ने अब इस मामले में इंटरपोल और अन्य अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों से भी संपर्क किया है ताकि इस तस्करी के स्रोत और गंतव्य दोनों का पता लगाया जा सके।
कस्टम विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया,
“सिल्वर गिबन जैसी प्रजाति का मुंबई में बरामद होना इस बात का संकेत है कि भारत को अब वन्यजीव तस्करों ने ट्रांजिट रूट के रूप में इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है। हम हर स्तर पर जांच कर रहे हैं ताकि इस नेटवर्क का पर्दाफाश हो सके।”
इस घटना के बाद कई पशु संरक्षण संगठनों ने चिंता जाहिर की है। पीपल फॉर एनिमल्स (PFA) और WWF इंडिया ने कहा कि इस तरह की घटनाएं वन्यजीवों की तस्करी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग करती हैं।
संगठनों का कहना है कि हवाई अड्डों और समुद्री बंदरगाहों पर स्कैनिंग और निगरानी तकनीक को और मजबूत करने की आवश्यकता है।
एयरपोर्ट सुरक्षा एजेंसियों ने माना कि यात्री ने अत्यंत सावधानी से यह जानवर छिपाए थे। हालांकि, कस्टम विभाग की सतर्कता से यह मामला पकड़ा गया।
अब इस घटना के बाद एयरपोर्ट पर आने वाले अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की स्क्रीनिंग प्रक्रिया को और कड़ा करने की तैयारी की जा रही है।
मुंबई एयरपोर्ट पर विदेशी यात्री से सिल्वर गिबन की बरामदगी ने न केवल वन्यजीव तस्करी के बढ़ते खतरे को उजागर किया है, बल्कि यह भी दिखाया है कि तस्कर अब कितनी चालाकी से कानून की आंखों में धूल झोंकने की कोशिश कर रहे हैं।
भारत में इस तरह की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं और विशेषज्ञों का मानना है कि अगर सख्त कार्रवाई और निगरानी नहीं बढ़ाई गई, तो यह देश के जैव विविधता संतुलन के लिए बड़ा खतरा साबित हो सकता है।

 
		 
		 
		 
		 
		 
		 
		 
		 
		






