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राजस्थान में हाल ही में हुए जयपुर और जैसलमेर बस हादसों के बाद भजनलाल शर्मा सरकार ने राज्यभर में परिवहन व्यवस्था को लेकर सख्ती शुरू कर दी है। सरकार के आदेश पर परिवहन विभाग ने अवैध, बिना परमिट और नियम विरुद्ध स्लीपर बसों के खिलाफ ताबड़तोड़ कार्रवाई की है। इस कार्रवाई से नाराज होकर निजी बस ऑपरेटरों ने पूरे राजस्थान में चक्काजाम कर दिया है। जयपुर, उदयपुर, भीलवाड़ा, जोधपुर, अजमेर समेत कई शहरों में आज शाम से बसों का संचालन पूरी तरह से ठप पड़ गया है, जिससे लाखों यात्री परेशान हो गए हैं।
सरकार के इस एक्शन के बाद प्राइवेट बस मालिक संघ ने घोषणा की है कि जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जातीं और विभाग कार्रवाई वापस नहीं लेता, तब तक वे बसें सड़कों पर नहीं चलाएंगे। इस अचानक हुए विरोध के चलते आम लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। राजस्थान रोडवेज की बसों पर भी दबाव बढ़ गया है, क्योंकि निजी बसों के बंद होने से यात्रियों की संख्या कई गुना बढ़ गई है।
जयपुर में सिंधी कैंप, नारायण सिंह सर्किल और दिल्ली रोड बस स्टैंड पर सुबह से ही यात्रियों की भीड़ उमड़ी रही। बस न मिलने पर कई लोगों को निजी टैक्सी और कैब का सहारा लेना पड़ा, जिसके चलते किराए में अचानक बढ़ोतरी दर्ज की गई। इसी तरह उदयपुर और भीलवाड़ा में भी यात्रियों को घंटों तक बसों के इंतजार में सड़कों पर खड़ा रहना पड़ा। कई यात्रियों ने कहा कि उन्हें अपने गांव या अन्य जिलों में जरूरी काम के लिए जाना था, लेकिन बस बंद होने से वे फंस गए हैं।
परिवहन विभाग ने पिछले कुछ दिनों में 300 से अधिक निजी बसों के खिलाफ कार्रवाई की है। इनमें से कई बसें बिना परमिट, फिटनेस सर्टिफिकेट और बीमा के संचालन में पाई गईं। कई बसों में सुरक्षा उपकरणों की भारी कमी मिली। जयपुर और जैसलमेर हादसों में हुई मौतों के बाद सरकार ने यह कदम उठाया था ताकि नियम विरुद्ध बसों से जनता की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
निजी बस संचालकों का कहना है कि सरकार की कार्रवाई एकतरफा है और उन्हें कोई पूर्व सूचना नहीं दी गई। उनका आरोप है कि यह कार्रवाई केवल छोटे और मध्यम स्तर के बस ऑपरेटरों पर की जा रही है जबकि बड़े कॉर्पोरेट ट्रांसपोर्ट ऑपरेटरों को छोड़ा जा रहा है। बस यूनियन ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार ने वार्ता के लिए कदम नहीं बढ़ाया, तो वे राज्यव्यापी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे।
दूसरी ओर, परिवहन मंत्री ने कहा है कि यह कार्रवाई यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए की जा रही है और किसी भी अवैध वाहन को बख्शा नहीं जाएगा। मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि जो ऑपरेटर सभी नियमों का पालन करते हैं, उन्हें कोई परेशानी नहीं होगी। उन्होंने कहा कि सरकार किसी भी दबाव में आकर नियमों में ढील नहीं देगी।
इस पूरे घटनाक्रम का असर ना केवल आम यात्रियों पर बल्कि पर्यटन और व्यापारिक गतिविधियों पर भी पड़ रहा है। दिवाली और शादी के सीजन में यात्रियों की संख्या बढ़ने वाली है, ऐसे में बसों की हड़ताल से लोगों को भारी असुविधा झेलनी पड़ सकती है। होटल और टूर ऑपरेटरों ने भी सरकार से अपील की है कि जल्द से जल्द कोई समाधान निकाला जाए, ताकि यात्रा व्यवस्था सामान्य हो सके।
वर्तमान स्थिति में जयपुर, उदयपुर और भीलवाड़ा में शाम तक कई प्रमुख मार्गों पर ट्रैफिक जाम की स्थिति बनी हुई है। पुलिस ने जगह-जगह बैरिकेड लगाकर यातायात को नियंत्रित करने की कोशिश की है। वहीं, परिवहन विभाग ने बस ऑपरेटरों को बातचीत के लिए बुलाया है, ताकि स्थिति को सामान्य किया जा सके।
राजस्थान में यह पहली बार नहीं है जब प्राइवेट बस ऑपरेटरों ने इस तरह का विरोध प्रदर्शन किया हो, लेकिन इस बार सरकार की सख्ती और जनता की परेशानी के बीच संतुलन बनाना प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती बन गया है।

 
		 
		 
		 
		 
		 
		 
		 
		 
		






