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महिला विश्व कप 2025 के सेमीफाइनल में भारत ने ऑस्ट्रेलिया को पांच विकेट से हराकर फाइनल में प्रवेश कर लिया। इस हार ने न केवल ऑस्ट्रेलियाई टीम को टूर्नामेंट से बाहर कर दिया, बल्कि उसकी कप्तान एलीसा हीली के करियर पर भी बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। मैच के बाद हीली ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में भावुक होते हुए कहा,
“शायद अब मैं वहां नहीं रहूंगी… यह हार मेरे लिए बहुत कठिन है।”
उनके इस बयान ने क्रिकेट जगत में हलचल मचा दी है। कई विशेषज्ञों का मानना है कि यह संकेत हो सकता है कि हीली जल्द ही अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने वाली हैं।
सेमीफाइनल मुकाबले में भारतीय महिला टीम ने 339 रन के विशाल लक्ष्य का पीछा कर इतिहास रच दिया। यह महिला क्रिकेट विश्व कप के इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा सफल रन चेज था। भारत की सलामी बल्लेबाजों ने शानदार शुरुआत दी और मध्यक्रम ने उस जीत को पक्का किया।
दूसरी ओर, ऑस्ट्रेलियाई कप्तान एलीसा हीली मैच के दौरान लगातार टीम को संभालने की कोशिश करती दिखीं, लेकिन भारतीय बल्लेबाजों की लय तोड़ने में असफल रहीं। मैच के बाद उन्होंने कहा,
“भारत ने जिस तरह का खेल दिखाया, वह अविश्वसनीय था। हमने अपनी पूरी ताकत झोंक दी, लेकिन वे बेहतर टीम साबित हुईं। कुछ दिन इस हार को पचाना मुश्किल होगा।”
36 वर्षीय एलीसा हीली पिछले एक दशक से ऑस्ट्रेलियाई महिला क्रिकेट की रीढ़ रही हैं। उन्होंने कई बार टीम को मुश्किल परिस्थितियों से बाहर निकाला है। लेकिन इस हार के बाद उनके भावनात्मक बयान ने यह साफ कर दिया कि वह मानसिक रूप से थक चुकी हैं।
क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के सूत्रों के मुताबिक, हीली पिछले कुछ महीनों से अपने भविष्य को लेकर असमंजस में थीं। टीम की युवा खिलाड़ियों को आगे बढ़ाने की प्रक्रिया के बीच अब वे संन्यास पर गंभीरता से विचार कर रही हैं।
उनके करीबी सूत्रों का कहना है कि उन्होंने पहले ही चयन समिति से कहा था कि यह वर्ल्ड कप शायद उनका “आखिरी बड़ा टूर्नामेंट” हो सकता है।
सेमीफाइनल हार के बाद ऑस्ट्रेलियाई ड्रेसिंग रूम में गहरा सन्नाटा छा गया था। खिलाड़ियों के चेहरों पर निराशा साफ झलक रही थी। टीम के कोच शॉन टैट ने भी कहा,
“यह हार झकझोर देने वाली है। हमें लगा था कि हम फाइनल तक पहुंचेंगे, लेकिन भारत ने हमें हर स्तर पर मात दी।”
हीली की कप्तानी पर भी सवाल उठने लगे हैं, खासकर उनकी फील्ड सेटिंग और बॉलिंग रोटेशन को लेकर। सोशल मीडिया पर फैंस ने भी उनकी रणनीतियों की आलोचना की है।
यह पहली बार नहीं है जब भारत ने ऑस्ट्रेलिया को विश्व कप के महत्वपूर्ण मुकाबले में हराया हो। 2017 के विश्व कप सेमीफाइनल में भी भारत ने ऑस्ट्रेलिया को हराया था। उस समय भी कप्तान एलीसा हीली टीम का हिस्सा थीं।
इस हार के बाद उन्होंने कहा था कि “भारत हमारी कमजोर नस को पहचान चुका है”। और एक बार फिर, 2025 में वही कहानी दोहराई गई।
सोशल मीडिया पर एलीसा हीली के भावनात्मक बयान के बाद उनके फैंस ने उन्हें “लायनहार्ट ऑफ क्रिकेट” कहा। कई ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटरों ने भी उनके समर्थन में पोस्ट किए हैं।
ऑस्ट्रेलिया की पूर्व कप्तान मेग लैनिंग ने ट्वीट किया —
“एलीसा, तुम हमेशा प्रेरणा रही हो। अगर यह तुम्हारा आखिरी टूर्नामेंट था, तो तुमने इसे गर्व से खेला।”
वहीं भारत की कप्तान हरमनप्रीत कौर ने मैच के बाद कहा,
“एलीसा हीली जैसी खिलाड़ी से मुकाबला करना हमेशा सम्मान की बात होती है। वह मैदान पर जज़्बे की मिसाल हैं।”
ऑस्ट्रेलियाई टीम में अब कई युवा चेहरे हैं — जैसे फोबे लिचफील्ड, बेत मूनी और ताहलिया मैकग्राथ — जो भविष्य में टीम की कमान संभाल सकते हैं। लेकिन हीली जैसी अनुभवी और आक्रामक कप्तान की जगह भरना आसान नहीं होगा।
हीली ने अब तक अपने करियर में 14 शतक और 30 से अधिक अर्धशतक बनाए हैं। उन्होंने कई आईसीसी टूर्नामेंट में ऑस्ट्रेलिया को जीत दिलाई है। उनकी विकेटकीपिंग और आक्रामक बल्लेबाजी के लिए वह जानी जाती हैं।
अगर यह वास्तव में उनका आखिरी वर्ल्ड कप रहा, तो उन्होंने एक शानदार विरासत पीछे छोड़ी है — एक ऐसी कप्तान जो मैदान पर जज्बे, जुनून और जिद की मिसाल बनी रहीं।
भारत के खिलाफ मिली यह हार ऑस्ट्रेलिया के लिए सिर्फ एक हार नहीं, बल्कि एक युग का अंत हो सकता है। एलीसा हीली का बयान शायद उस अध्याय की शुरुआत है, जहां वह अब क्रिकेट से दूर होकर नए सफर की तैयारी कर रही हैं।
उनका यह कहना कि “मैं वहां नहीं रहूंगी” क्रिकेट के इतिहास में हमेशा याद रखा जाएगा — एक चैंपियन का दिल टूटना, लेकिन गरिमा के साथ हार स्वीकारना।

 
		 
		 
		 
		 
		 
		 
		 
		 
		






