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भारतीय यूजर्स के लिए गर्व की बात है कि अब देश में बना चैटिंग ऐप Arattai एक बड़े सुरक्षा अपग्रेड की ओर बढ़ रहा है। ऐप के डेवलपर Zoho Corporation के फाउंडर और सीईओ श्रीधर वेम्बु ने आधिकारिक रूप से पुष्टि की है कि Arattai में अब एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन (E2E Encryption) की टेस्टिंग शुरू हो चुकी है। यह वही फीचर है जो दुनियाभर में WhatsApp और Signal जैसे ऐप्स को सुरक्षित बनाता है।
वेम्बु ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए कहा कि Arattai अब अपने चैट सिस्टम को और भी ज्यादा सुरक्षित बनाने की दिशा में काम कर रहा है। कंपनी का मकसद यूजर्स की प्राइवेसी और डेटा सेफ्टी को सर्वोच्च प्राथमिकता देना है। उन्होंने कहा कि यह टेस्टिंग कुछ चुनिंदा यूजर्स के साथ फिलहाल बीटा फेज में चल रही है और जल्द ही सभी के लिए यह फीचर उपलब्ध कराया जाएगा।
Arattai, Zoho द्वारा विकसित एक Made in India मैसेजिंग ऐप है, जिसे 2021 में लॉन्च किया गया था। इस ऐप को भारतीय बाजार में WhatsApp के विकल्प के रूप में देखा जा रहा है। शुरुआत में यह ऐप खासतौर पर उन यूजर्स के बीच लोकप्रिय हुआ था जो डेटा प्राइवेसी और भारतीय सर्वर बेस्ड सुरक्षा पर भरोसा करते हैं। अब E2E एन्क्रिप्शन जुड़ने से यह ऐप एक नए स्तर पर पहुंच जाएगा।
एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन का अर्थ है कि किसी भी यूजर द्वारा भेजे या प्राप्त किए गए संदेश को केवल भेजने वाला और प्राप्त करने वाला ही पढ़ सकता है। बीच में न तो कंपनी, न सरकार और न ही कोई तीसरा पक्ष उस संदेश तक पहुंच सकता है। इससे चैटिंग पूरी तरह प्राइवेट और सुरक्षित हो जाती है।
Zoho के फाउंडर श्रीधर वेम्बु का मानना है कि भारत को अपने डिजिटल प्रोडक्ट्स पर भरोसा करना चाहिए। उन्होंने कहा कि Arattai जैसे भारतीय ऐप्स न सिर्फ देश में बने हैं, बल्कि इनकी पूरी डेटा स्टोरेज और प्रोसेसिंग भी भारत के भीतर होती है। इस वजह से यूजर्स का डेटा किसी विदेशी सर्वर पर नहीं जाता, जिससे सुरक्षा का स्तर और भी ऊंचा रहता है।
Arattai पहले से ही वॉइस और वीडियो कॉलिंग, ग्रुप चैट, डॉक्यूमेंट शेयरिंग, और मल्टीमीडिया फाइल सपोर्ट जैसे फीचर्स प्रदान करता है। अब एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन आने से यह ऐप WhatsApp, Telegram और Signal जैसे ग्लोबल ऐप्स को टक्कर देने की स्थिति में आ जाएगा।
सूत्रों के अनुसार, Zoho की टेक्निकल टीम पिछले कई महीनों से इस सिक्योरिटी फीचर पर काम कर रही थी। कंपनी ने इसे भारत की जरूरतों और डेटा प्रोटेक्शन कानूनों के अनुरूप डिजाइन किया है। इसका उद्देश्य है कि हर संदेश सुरक्षित तरीके से भेजा और प्राप्त किया जा सके। बीटा टेस्टिंग के दौरान ऐप की सुरक्षा और परफॉर्मेंस को परखा जा रहा है।
विशेषज्ञों का मानना है कि भारत में डेटा प्राइवेसी को लेकर लोगों की जागरूकता तेजी से बढ़ रही है। सरकार ने भी हाल ही में डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन एक्ट 2023 (DPDP Act) लागू किया है, जिसके तहत ऐप्स और कंपनियों पर यूजर डेटा की सुरक्षा सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी बढ़ गई है। Arattai का यह कदम उसी दिशा में एक मजबूत उदाहरण बन सकता है।
वहीं, यूजर्स के बीच भी इस खबर को लेकर उत्साह देखने को मिल रहा है। सोशल मीडिया पर कई लोगों ने कहा कि अगर Arattai पूरी तरह एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन के साथ काम करता है, तो वे इसे अपने प्राथमिक चैटिंग ऐप के रूप में इस्तेमाल करना शुरू करेंगे।
टेक एनालिस्ट्स का कहना है कि यह अपडेट भारतीय ऐप इंडस्ट्री के लिए एक टर्निंग पॉइंट साबित हो सकता है। अब तक विदेशी कंपनियां जैसे Meta, Telegram या Signal चैटिंग सेक्टर में प्रमुख भूमिका निभा रही थीं, लेकिन Arattai जैसे स्वदेशी ऐप्स इस क्षेत्र में अपनी जगह बना सकते हैं।
कुल मिलाकर, Arattai की इस नई पहल ने भारतीय टेक जगत को यह संदेश दे दिया है कि देश में बनी तकनीक अब केवल विकल्प नहीं, बल्कि सुरक्षित और भरोसेमंद समाधान भी है। Zoho के श्रीधर वेम्बु की यह घोषणा न केवल डिजिटल इंडिया मिशन को गति देगी, बल्कि भारतीय यूजर्स को अपने डेटा पर नियंत्रण रखने का एक मजबूत साधन भी प्रदान करेगी।

 
		 
		 
		 
		 
		 
		 
		 
		 
		






