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मुंबई, जो अपने भारी ट्रैफिक और लगातार बढ़ती जनसंख्या के लिए जानी जाती है, अब एक नए इंफ्रास्ट्रक्चर बूस्ट की तैयारी में है। एमएमआरडीए (मुंबई मेट्रोपोलिटन रीजन डेवलपमेंट अथॉरिटी) ने शहर में देश का सबसे लंबा डबल डेकर फ्लाईओवर बनाने की योजना तैयार की है। यह योजना अटल सेतु और कोस्टल रोड जैसी परियोजनाओं के बाद मुंबई की आर्थिक और यातायात दृष्टि को एक नया आयाम देने वाली है।
इस फ्लाईओवर का निर्माण MMRDA के तहत किया जाएगा और यह शहर के दो महत्वपूर्ण उपनगरों को सीधे जोड़ने का काम करेगा। बताया जा रहा है कि फ्लाईओवर की कुल लंबाई लगभग 15 किलोमीटर होगी, जो इसे मुंबई का सबसे लंबा फ्लाईओवर बनाएगी। इसकी डिजाइन डबल लेवल की होगी, जिससे ट्रैफिक की दक्षता दोगुनी बढ़ जाएगी।
फ्लाईओवर से ट्रैफिक का बदलाव
मुंबई में ट्रैफिक की समस्या लगातार बढ़ती जा रही है। सुबह और शाम के समय शहर के प्रमुख मार्गों पर घंटों जाम लग जाता है। इस नए फ्लाईओवर के बनने से न केवल मुख्य मार्गों पर जाम कम होगा, बल्कि उपनगरों में भी आवाजाही तेज होगी। फ्लाईओवर के ऊपरी लेवल से वाहन तेज गति से गुजर सकेंगे, जबकि निचले लेवल से लोकल और कम गति वाले वाहन चलेंगे।
एमएमआरडीए के अधिकारियों का कहना है कि यह फ्लाईओवर मुंबई के ट्रैफिक पैटर्न को पूरी तरह बदल देगा। इससे न सिर्फ आवागमन आसान होगा, बल्कि आर्थिक गतिविधियों में भी तेजी आएगी। व्यापारियों और दैनिक यात्रियों के लिए यह एक बड़ा फायदा साबित होगा।
अटल सेतु और कोस्टल रोड के बाद नया इंफ्रा बूस्ट
एमएमआरडीए ने पिछले कुछ सालों में कई महत्वपूर्ण परियोजनाएं पूरी की हैं। अटल सेतु, जो समुद्र पर बना है, और कोस्टल रोड ने मुंबई के ट्रैफिक और कनेक्टिविटी को काफी बेहतर किया है। अब यह नया फ्लाईओवर इन परियोजनाओं का विस्तार करेगा और शहर को एक आधुनिक और सुव्यवस्थित ट्रैफिक नेटवर्क देगा।
इस फ्लाईओवर के निर्माण से मुंबई मेट्रोपोलिटन रीजन (MMR) के विभिन्न हिस्सों के बीच की दूरी और समय दोनों कम होंगे। अधिकारियों के अनुसार, फ्लाईओवर का डिज़ाइन ऐसा होगा कि यह भविष्य में बढ़ती ट्रैफिक आवश्यकताओं के अनुसार विस्तार योग्य होगा।
डबल डेकर फ्लाईओवर की खासियतें
डबल डेकर फ्लाईओवर का सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह सीमित जमीन में अधिक वाहन क्षमता संभाल सकता है। इसके ऊपरी लेवल पर तेज गति वाले वाहन चलेंगे और निचले लेवल पर स्थानीय यातायात और भारी वाहनों के लिए जगह होगी। यह डिजाइन मुंबई जैसी घनी आबादी वाली और जमीन की कमी वाली जगह के लिए आदर्श माना जा रहा है।
इसके अलावा, फ्लाईओवर के निर्माण में आधुनिक सुरक्षा मानकों और स्मार्ट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम का इस्तेमाल किया जाएगा। इसे बनाने के लिए उच्च गुणवत्ता वाले सामग्री और नवीनतम इंजीनियरिंग तकनीकों का इस्तेमाल किया जाएगा, ताकि यह लंबे समय तक टिकाऊ और सुरक्षित रहे।
आर्थिक और सामाजिक प्रभाव
इस फ्लाईओवर के निर्माण से न केवल यातायात की समस्या का समाधान होगा, बल्कि मुंबई की आर्थिक गतिविधियों को भी बढ़ावा मिलेगा। तेज और सुविधाजनक आवागमन से व्यापार और लॉजिस्टिक सेवाओं में तेजी आएगी। साथ ही, यह परियोजना स्थानीय रोजगार सृजन और निर्माण कार्य में भी मदद करेगी।








