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    बांदा का कांशीराम स्मृति उपवन बनेगा बुंदेलखंड का पहला साइंस पार्क, UPCST ने दी मंजूरी

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    उत्तर प्रदेश के बांदा जिले में स्थित कांशीराम स्मृति उपवन अब एक नए और आधुनिक रूप में विकसित होगा। उपवन, जो पिछले कई वर्षों से उपेक्षा और अव्यवस्था का शिकार था, अब बुंदेलखंड का पहला साइंस पार्क बनने जा रहा है। उत्तर प्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद (UPCST) ने इस महत्वाकांक्षी परियोजना को स्वीकृति दे दी है।

    इस साइंस पार्क का निर्माण सात एकड़ भूमि पर किया जाएगा। पार्क में विज्ञान और तकनीक के विभिन्न क्षेत्रों से जुड़ी गतिविधियों के लिए आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। इसका उद्देश्य छात्रों, शोधकर्ताओं और जनता के लिए शिक्षा और अनुसंधान का एक केंद्र तैयार करना है। इस साइंस पार्क में इंटरएक्टिव विज्ञान प्रदर्शनी, डिजिटल और रोबोटिक्स लैब, शिक्षा केंद्र और शोध सुविधाएं शामिल होंगी।

    स्थानीय अधिकारियों के अनुसार, कांशीराम स्मृति उपवन का यह नया रूप न केवल विज्ञान और शिक्षा के क्षेत्र में छात्रों को लाभ पहुंचाएगा, बल्कि बुंदेलखंड क्षेत्र में पर्यटन और स्थानीय रोजगार के अवसर भी बढ़ाएगा। उपवन की मौजूदा संरचना और प्राकृतिक सौंदर्य को बनाए रखते हुए इसे विज्ञान केंद्र में परिवर्तित किया जाएगा।

    UPCST के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य बुंदेलखंड में विज्ञान और तकनीक के प्रति रुचि बढ़ाना है। इस साइंस पार्क में विशेष रूप से युवा प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करने के लिए विभिन्न कार्यशालाएं, विज्ञान मेले और प्रदर्शनियों का आयोजन किया जाएगा। इससे छात्र विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में करियर बनाने की प्रेरणा पाएंगे।

    साइंस पार्क के निर्माण से पहले कांशीराम स्मृति उपवन में आवश्यक तैयारियां की जा रही हैं। इसमें पुरानी संरचनाओं का संरक्षण, पेड़-पौधों की देखभाल और पार्क के विभिन्न हिस्सों का डिज़ाइन शामिल है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह पार्क बुंदेलखंड क्षेत्र का शिक्षा और अनुसंधान का नया केंद्र बनेगा।

    स्थानीय लोगों ने इस परियोजना का स्वागत किया है। उनका कहना है कि वर्षों से उपेक्षित उपवन का नया रूप न केवल बच्चों और छात्रों के लिए लाभकारी होगा, बल्कि पूरे क्षेत्र में विज्ञान और तकनीक के प्रति जागरूकता भी बढ़ाएगा। इसके साथ ही बुंदेलखंड में विज्ञान और शिक्षा के क्षेत्र में नए अवसर पैदा होंगे।

    विशेषज्ञों का यह भी कहना है कि इस साइंस पार्क के माध्यम से बुंदेलखंड में तकनीकी शिक्षा और अनुसंधान को बढ़ावा मिलेगा। छात्रों को नई तकनीकों, रोबोटिक्स, डिजिटल सॉल्यूशंस और विज्ञान प्रदर्शनों से परिचित कराने के लिए यह पार्क एक आदर्श स्थान साबित होगा। इसके अलावा, साइंस पार्क में राज्य और राष्ट्रीय स्तर के विज्ञान कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाएगा।

    साइंस पार्क के निर्माण से स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी फायदा होगा। निर्माण कार्य और पार्क के संचालन के दौरान नए रोजगार सृजन होंगे। इसके अलावा, यह परियोजना बुंदेलखंड क्षेत्र में पर्यटन को भी बढ़ावा देगी।

    कुल मिलाकर, कांशीराम स्मृति उपवन का साइंस पार्क में बदलना बुंदेलखंड के लिए एक ऐतिहासिक कदम माना जा रहा है। यह न केवल शिक्षा और विज्ञान को बढ़ावा देगा, बल्कि क्षेत्र की सामाजिक और आर्थिक प्रगति में भी योगदान देगा। UPCST की स्वीकृति के बाद अब इस परियोजना को शीघ्रता से शुरू करने की तैयारी की जा रही है।

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