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ब्रिटेन में भारतीय मूल के मशहूर उद्योगपति और हिंदुजा ग्रुप के चेयरमैन गोपीचंद हिंदुजा का 85 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उनके निधन से न सिर्फ भारत बल्कि वैश्विक कारोबारी जगत में भी शोक की लहर दौड़ गई है। गोपीचंद हिंदुजा उन भारतीयों में शामिल थे जिन्होंने विदेश में रहकर भारत का नाम रोशन किया।
गोपीचंद हिंदुजा अपने जीवन में उद्योग और निवेश की दुनिया के बड़े चेहरों में से एक रहे हैं। उन्होंने हिंदुजा ग्रुप को न केवल भारत बल्कि ब्रिटेन, यूरोप और मध्य पूर्व में भी पहचान दिलाई। उनके निधन के बाद अब यह सवाल उठ रहा है कि उन्होंने अपने पीछे कितनी संपत्ति छोड़ी है और उनके कारोबारी साम्राज्य का भविष्य क्या होगा।
अरबों की संपत्ति के मालिक थे गोपीचंद हिंदुजा
‘द संडे टाइम्स रिच लिस्ट 2024’ के मुताबिक, हिंदुजा ब्रदर्स ब्रिटेन के सबसे अमीर परिवारों में से एक थे। उनकी कुल संपत्ति का अनुमान 37 अरब पाउंड (करीब 3.9 लाख करोड़ रुपये) लगाया गया था। यह आंकड़ा उन्हें लगातार कई वर्षों तक ब्रिटेन का सबसे अमीर व्यक्ति बनाता रहा।
गोपीचंद हिंदुजा ने अपने भाई श्रीचंद हिंदुजा के साथ मिलकर 100 से अधिक कंपनियों का विशाल साम्राज्य खड़ा किया था, जो बैंकिंग, फाइनेंस, ऊर्जा, हेल्थकेयर, आईटी, और इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे क्षेत्रों में फैला हुआ है।
परिवार और कारोबारी विरासत
गोपीचंद हिंदुजा का जन्म 29 जनवरी 1940 को भारत में हुआ था। वह हिंदुजा परिवार के चार भाइयों में दूसरे स्थान पर थे—श्रीचंद, गोपीचंद, प्रकाश और अशोक हिंदुजा। चारों भाइयों ने मिलकर हिंदुजा ग्रुप को विश्व स्तर पर विस्तारित किया।
श्रीचंद हिंदुजा के निधन के बाद गोपीचंद ने ग्रुप की कमान संभाली थी और उनके नेतृत्व में कंपनी ने कई नए क्षेत्रों में कदम रखा।
कैसे शुरू हुआ हिंदुजा साम्राज्य
हिंदुजा ग्रुप की स्थापना 1914 में उनके पिता पी. डी. हिंदुजा ने की थी। शुरुआत में यह व्यवसाय मुंबई और तेहरान के बीच सामानों के व्यापार से शुरू हुआ था। धीरे-धीरे यह ग्रुप बैंकिंग, ट्रांसपोर्ट, मैन्युफैक्चरिंग, मीडिया और रियल एस्टेट तक फैल गया।
गोपीचंद हिंदुजा ने अपने विजन और रणनीतिक सोच से इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर तक पहुंचाया। उन्होंने यूरोप और अमेरिका में निवेश के कई अवसरों को भुनाया और कंपनी को एक वैश्विक समूह का रूप दिया।
ब्रिटेन में भारतीयों के प्रतीक बने गोपीचंद हिंदुजा
गोपीचंद हिंदुजा ब्रिटेन में भारतीय समुदाय के सबसे प्रभावशाली लोगों में गिने जाते थे। वे हमेशा भारतीय संस्कृति और परंपराओं से जुड़े रहे और ब्रिटिश समाज में भारतीय पहचान को मजबूती देने में अहम भूमिका निभाई।
उनका घर “Carlton House Terrace” लंदन के सबसे आलीशान मकानों में से एक है। यह भवन बकिंघम पैलेस के पास स्थित है और इसकी कीमत ही करोड़ों पाउंड में आंकी जाती है।
सामाजिक कार्यों में भी थे अग्रणी
व्यवसायिक सफलता के साथ-साथ गोपीचंद हिंदुजा समाजसेवा में भी सक्रिय रहे। उन्होंने हिंदुजा फाउंडेशन के माध्यम से स्वास्थ्य, शिक्षा, और ग्रामीण विकास के लिए कई परियोजनाएं शुरू कीं। भारत और ब्रिटेन में उनकी संस्थाओं ने हजारों जरूरतमंदों को सहायता पहुंचाई है।
निधन से फैली शोक की लहर
गोपीचंद हिंदुजा के निधन की खबर के बाद भारतीय उद्योग जगत से लेकर ब्रिटिश कारोबारी समुदाय तक शोक की लहर है। उद्योगपति आनंद महिंद्रा, मुकेश अंबानी, और रतन टाटा जैसे दिग्गजों ने उनके योगदान को याद करते हुए श्रद्धांजलि दी है।
ब्रिटिश प्रधानमंत्री के कार्यालय की ओर से भी बयान जारी कर कहा गया कि “गोपीचंद हिंदुजा ने न केवल ब्रिटिश अर्थव्यवस्था में योगदान दिया, बल्कि भारत-यूके संबंधों को भी मजबूत किया।”
भविष्य की दिशा
अब हिंदुजा ग्रुप की जिम्मेदारी परिवार के अगले पीढ़ी के हाथों में है। गोपीचंद के बेटे संजय हिंदुजा और अन्य परिवारजन पहले से ही ग्रुप के नेतृत्व में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। उद्योग विशेषज्ञों का मानना है कि हिंदुजा परिवार अपनी इस विरासत को उसी दिशा में आगे बढ़ाएगा, जैसा विजन गोपीचंद हिंदुजा ने दिया था।

		
		
		
		
		
		
		
		
		





