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महाराष्ट्र में एक बार फिर लोकतंत्र का पर्व शुरू होने जा रहा है। राज्य चुनाव आयोग ने मंगलवार को मुंबई में प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर नगर परिषद और नगर पंचायत चुनावों की तारीखों की घोषणा कर दी है।
आयोग के अनुसार, मतदान 2 दिसंबर 2025 (सोमवार) को होगा और मतगणना अगले दिन 3 दिसंबर 2025 (मंगलवार) को की जाएगी। इस घोषणा के साथ ही प्रदेश के सभी जिलों में चुनावी हलचल तेज हो गई है।
राज्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि यह चुनाव राज्य की नगर परिषदों और नगर पंचायतों के लिए आयोजित किए जाएंगे, जिनका कार्यकाल पूरा हो चुका है या जल्द समाप्त होने वाला है। चुनाव कार्यक्रम की घोषणा होते ही आचार संहिता लागू हो गई है।
आयोग की प्रेस कॉन्फ्रेंस में बड़ा ऐलान
मुंबई स्थित राज्य चुनाव आयोग कार्यालय में हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि स्थानीय निकाय चुनाव पूरी पारदर्शिता और निष्पक्षता के साथ कराए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि “हमारा उद्देश्य लोकतंत्र की जड़ों को मजबूत करना है। नगर परिषद और नगर पंचायतों के चुनाव नागरिकों की भागीदारी से ही सफल होंगे।”
चुनाव आयोग ने बताया कि जिन नगर परिषदों और नगर पंचायतों का कार्यकाल 2024 के अंत तक समाप्त हो चुका है, उन्हीं के लिए यह चुनाव कार्यक्रम घोषित किया गया है।
आयोग ने जिला कलेक्टरों और जिला निर्वाचन अधिकारियों को मतदान प्रक्रिया की तैयारियां तेज करने के निर्देश दिए हैं।
2 दिसंबर को मतदान, 3 दिसंबर को मतगणना
राज्य चुनाव आयोग ने साफ किया कि मतदान 2 दिसंबर को सुबह 7 बजे से शाम 5 बजे तक होगा।
वहीं, 3 दिसंबर को सुबह 10 बजे से मतगणना शुरू होगी और उसी दिन परिणाम घोषित कर दिए जाएंगे।
आयोग के अधिकारियों ने बताया कि मतदान प्रक्रिया इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) से कराई जाएगी और सभी मतदान केंद्रों पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम रहेंगे।
राज्य में कुल कितने निकायों में होंगे चुनाव?
आयोग के मुताबिक, इस चरण में राज्य की करीब 105 नगर परिषदों और 130 से अधिक नगर पंचायतों में चुनाव कराए जाएंगे।
हालांकि, कुछ निकाय ऐसे हैं जहां सीमा निर्धारण (delimitation) या आरक्षण प्रक्रिया के कारण फिलहाल चुनाव नहीं होंगे।
बाकी निकायों में चुनावी प्रक्रिया निर्धारित समय पर पूरी की जाएगी।
राजनीतिक दलों में हलचल तेज
चुनाव कार्यक्रम की घोषणा के बाद महाराष्ट्र के सभी प्रमुख राजनीतिक दलों—शिवसेना (शिंदे गुट), शिवसेना (UBT), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार गुट और अजित पवार गुट) तथा भारतीय जनता पार्टी (BJP)—ने अपनी चुनावी तैयारियां तेज कर दी हैं।
स्थानीय स्तर पर उम्मीदवारों के चयन की प्रक्रिया पहले से ही शुरू थी, लेकिन अब आधिकारिक घोषणा के बाद टिकट वितरण को लेकर बैठकों का दौर तेज हो गया है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि ये स्थानीय निकाय चुनाव राज्य की तीनों प्रमुख राजनीतिक गठबंधनों के लिए 2026 विधानसभा चुनाव से पहले की बड़ी परीक्षा होंगे।
यह चुनाव न केवल स्थानीय स्तर पर जनाधार की जांच करेंगे बल्कि यह भी तय करेंगे कि आने वाले महीनों में महाराष्ट्र की राजनीति किस दिशा में जाएगी।
आचार संहिता लागू, प्रशासन अलर्ट
चुनाव कार्यक्रम की घोषणा के साथ ही राज्य भर में आचार संहिता लागू हो गई है।
आयोग ने सभी जिलों के जिला कलेक्टरों, पुलिस अधीक्षकों और स्थानीय प्रशासन को निर्देश जारी किए हैं कि वे आचार संहिता का सख्ती से पालन सुनिश्चित करें।
किसी भी सरकारी योजना या परियोजना की नई घोषणा अब नहीं की जा सकेगी। साथ ही, सरकारी वाहनों और संसाधनों का राजनीतिक उपयोग पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा।
मतदाताओं के लिए नई व्यवस्था
इस बार चुनाव आयोग ने मतदान प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी बनाने के लिए कई नई व्यवस्थाएँ लागू की हैं।
प्रत्येक मतदान केंद्र पर वीवीपैट मशीनें लगाई जाएंगी ताकि मतदाता अपने वोट की पुष्टि कर सकें।
इसके अलावा, आयोग ने दिव्यांग और वरिष्ठ नागरिक मतदाताओं के लिए “सहायक मतदान केंद्र” की सुविधा भी देने का निर्णय लिया है।
सुरक्षा के कड़े इंतजाम
चुनाव के दौरान किसी भी तरह की गड़बड़ी को रोकने के लिए पुलिस और अर्धसैनिक बलों की तैनाती की जाएगी।
राज्य चुनाव आयोग ने गृह विभाग से कहा है कि संवेदनशील और अति-संवेदनशील मतदान केंद्रों की पहचान कर वहां अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया जाए।

		
		
		
		
		
		
		
		
		






