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मुंबई। राजस्व खुफिया निदेशालय (DRI) ने मुंबई एयरपोर्ट पर एक बड़ी कामयाबी हासिल की है। अधिकारियों ने बैंकॉक से लौटे दो ड्रग तस्करों को गिरफ्तार कर उनके पास से 42.34 किलोग्राम हाइड्रोपोनिक वीड (Hydroponic Weed) बरामद की है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में इस ड्रग्स की कीमत करीब 90 करोड़ रुपये आंकी गई है। बताया जा रहा है कि दोनों आरोपी बैंकॉक से मुंबई पहुंचे थे और उनके पास मौजूद बैगों में बड़ी ही चालाकी से यह मादक पदार्थ छिपाया गया था।
डीआरआई के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार, पिछले तीन दिनों में यह तीसरी बड़ी बरामदगी है, जिससे ड्रग्स तस्करी के एक अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क का पर्दाफाश हुआ है। मुंबई एयरपोर्ट पर तैनात खुफिया अधिकारियों को पहले से ही इन तस्करों के आगमन की सूचना मिल गई थी। जैसे ही संदिग्ध यात्री बैंकॉक से फ्लाइट लेकर मुंबई पहुंचे, डीआरआई की टीम ने उन्हें हिरासत में लेकर बैग की जांच शुरू की।
जांच के दौरान बैग में मौजूद कपड़ों और अन्य सामान के नीचे हाइड्रोपोनिक वीड के कई पैकेट मिले, जिन्हें बेहद सावधानीपूर्वक प्लास्टिक रैप और वैक्यूम पैकिंग में रखा गया था ताकि स्कैनर से गुजरते समय कोई शक न हो। जब पैकेट्स को खोला गया तो उनमें से तेज गंध वाला हरे रंग का पदार्थ निकला, जिसकी जांच के बाद पुष्टि हुई कि वह हाइड्रोपोनिक गांजा है।
सूत्रों के मुताबिक, यह गांजा हाई-क्वालिटी सिंथेटिक हाइड्रोपोनिक वीड है, जो सामान्य गांजे की तुलना में कई गुना महंगा होता है। इसे खास तकनीक से नियंत्रित तापमान और रोशनी वाले वातावरण में तैयार किया जाता है। इस ड्रग की मांग हाल के वर्षों में भारत के कुछ महानगरों में तेजी से बढ़ी है, खासकर युवाओं और हाई-प्रोफाइल पार्टियों में इसका इस्तेमाल बढ़ा है।
डीआरआई की प्रारंभिक जांच में यह खुलासा हुआ है कि पकड़े गए तस्कर एक अंतरराष्ट्रीय सिंडिकेट से जुड़े हुए हैं, जो दक्षिण पूर्व एशिया से भारत में ड्रग्स की तस्करी कर रहा था। इनका नेटवर्क बैंकॉक, कुआलालंपुर और मुंबई के बीच सक्रिय था। अधिकारियों ने बताया कि तस्कर हवाई यात्राओं का इस्तेमाल इसलिए करते हैं क्योंकि इससे पकड़े जाने की संभावना अपेक्षाकृत कम रहती है और माल जल्दी डिलीवर किया जा सकता है।
दोनों गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। उन्होंने बताया कि उन्हें यह काम करने के लिए मोटी रकम देने का वादा किया गया था। दोनों युवकों को मुंबई के अंधेरी इलाके में माल पहुंचाने का निर्देश था, जहां से उसे आगे विभिन्न राज्यों में भेजा जाना था। डीआरआई अब इस नेटवर्क के बाकी सदस्यों की तलाश में है।
पिछले कुछ महीनों में मुंबई एयरपोर्ट और बंदरगाहों से ड्रग्स की बरामदगी के कई मामले सामने आ चुके हैं। इस साल अब तक 500 करोड़ रुपये से अधिक की नशीली दवाएं और पदार्थ जब्त किए जा चुके हैं। अधिकारियों का कहना है कि भारत धीरे-धीरे अंतरराष्ट्रीय ड्रग्स तस्करी नेटवर्क का एक प्रमुख ठिकाना बनता जा रहा है।
एक अधिकारी ने बताया कि DRI अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित प्रोफाइलिंग सिस्टम और डेटा एनालिटिक्स का उपयोग कर संदिग्ध यात्रियों पर नजर रख रही है। उन्होंने कहा, “हमारा लक्ष्य है कि देश में ड्रग्स का कोई भी रूप प्रवेश न कर सके। इसके लिए हवाई अड्डों, समुद्री बंदरगाहों और कुरियर चैनलों पर सख्त निगरानी रखी जा रही है।”
इस कार्रवाई के बाद मुंबई एयरपोर्ट पर सुरक्षा और जांच प्रक्रिया को और सख्त कर दिया गया है। यात्रियों के सामान की दोहरी स्कैनिंग की जा रही है और संदिग्ध यात्रियों से पूछताछ की जा रही है।
डीआरआई की यह कार्रवाई न सिर्फ एक बड़ी सफलता मानी जा रही है, बल्कि यह देश में बढ़ रही अंतरराष्ट्रीय ड्रग्स तस्करी पर लगाम लगाने की दिशा में अहम कदम भी है। अधिकारियों ने यह भी स्पष्ट किया है कि आने वाले दिनों में और बड़ी गिरफ्तारियां हो सकती हैं, क्योंकि इस केस के जरिए एक पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश होने की संभावना है।

		
		
		
		
		
		
		
		
		






