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  • मुंबई: वेलनेस फॉरएवर ने क्रूर गोंद जाल (Glue Traps) की बिक्री पर लगाई रोक, एक्टिविस्ट्स की मांग पर लिया फैसला

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    मुंबई में पशु अधिकारों के क्षेत्र में एक बड़ी जीत दर्ज की गई है। वेलनेस फॉरएवर ने शहर में अपने स्टोर्स और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर क्रूर गोंद जाल (Glue Traps) की बिक्री पूरी तरह से बंद कर दी है। यह फैसला पशु अधिकार कार्यकर्ताओं और आम जनता द्वारा उठाए गए दबाव और अधिकारियों को लिखे गए पत्रों के बाद आया है।

    गोंद जाल, जो चूहों और अन्य छोटे जानवरों को पकड़ने के लिए उपयोग किए जाते हैं, अपने क्रूर तरीके के लिए लंबे समय से विवादों में रहे हैं। जानवर जाल में फंसने के बाद घंटों या दिनों तक पीड़ा सहते हैं, जिससे उन्हें गंभीर चोटें या मौत तक हो जाती है। इस प्रकार के जाल को कई देशों में प्रतिबंधित किया जा चुका है, लेकिन भारत में यह अब भी उपलब्ध था।

    पशु अधिकार कार्यकर्ताओं ने वेलनेस फॉरएवर और संबंधित अधिकारियों को पत्र लिखकर इन जालों की बिक्री पर रोक लगाने की मांग की थी। उनका तर्क था कि ऐसे उत्पाद न केवल पशुओं के लिए अत्यधिक दर्दनाक हैं, बल्कि यह मानव और पर्यावरण के लिए भी जोखिम पैदा करते हैं। उनके प्रयासों और मीडिया कवरेज के कारण कंपनी ने तत्काल कदम उठाने का निर्णय लिया।

    वेलनेस फॉरएवर के प्रबंधन ने बयान जारी करते हुए कहा, “हम हमेशा अपने ग्राहकों और समाज की भलाई को ध्यान में रखते हैं। हमने यह निर्णय लिया है कि क्रूर गोंद जाल की बिक्री को रोकना आवश्यक है। हमें खुशी है कि हम ऐसे कदम उठा रहे हैं जो जानवरों के लिए सुरक्षित और करुणामय हैं।”

    साथ ही कंपनी ने घोषणा की कि अब वे ऐसे ह्यूमन तरीके के उत्पादों की बिक्री पर ध्यान केंद्रित करेंगे, जो चूहों और अन्य कीट नियंत्रण के लिए सुरक्षित विकल्प प्रदान करें। इनमें इलेक्ट्रॉनिक ट्रैप, सेफ बॉक्स ट्रैप और प्राकृतिक रिपेलेंट शामिल हैं।

    पशु अधिकार कार्यकर्ताओं ने इस कदम का स्वागत करते हुए कहा कि यह एक सकारात्मक संकेत है कि कंपनियां जानवरों के प्रति संवेदनशील हो रही हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि अन्य रिटेलर्स और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म भी इसी दिशा में कदम उठाएंगे।

    विशेषज्ञों का कहना है कि शहरों में छोटे जानवरों के लिए मानव और पर्यावरण अनुकूल विकल्पों का उपयोग करना न केवल आवश्यक है, बल्कि यह जिम्मेदार नागरिकता और आधुनिक व्यापारिक सोच का हिस्सा भी है। गोंद जाल के बजाय ह्यूमन तरीके अपनाने से शहर में पारिस्थितिक संतुलन भी बना रहेगा।

    इस निर्णय से मुंबई के पशु प्रेमियों और सोशल मीडिया पर सक्रिय लोगों के बीच उत्साह का माहौल है। लोगों ने वेलनेस फॉरएवर के इस कदम की सराहना करते हुए ट्वीट और पोस्ट के माध्यम से इसे शेयर किया। कई सोशल मीडिया पोस्ट में इसे ‘जानवरों के लिए जीत’ और ‘कंपनी का करुणामय कदम’ बताया गया।

    पशु अधिकार कार्यकर्ता अब अन्य कंपनियों और स्टोर मालिकों से भी अपील कर रहे हैं कि वे अपने उत्पाद सूची में क्रूर जालों को शामिल न करें और ह्यूमन तरीके अपनाएं। उनका कहना है कि अगर सभी प्रमुख रिटेलर्स और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म ऐसा करेंगे, तो पूरे देश में जानवरों की सुरक्षा को बढ़ावा मिलेगा।

    वेलनेस फॉरएवर की यह पहल न केवल मुंबई में बल्कि पूरे भारत में पशु अधिकार आंदोलन को मजबूत करेगी। यह कदम दर्शाता है कि व्यवसाय और सामाजिक जिम्मेदारी साथ-साथ चल सकते हैं।

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