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    श्रीश्री रविशंकर को मिला ‘वर्ल्ड पीस एंड सिक्योरिटी लीडरशिप अवॉर्ड 2025’, वैश्विक स्तर पर बढ़ाया भारत का गौरव

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    आध्यात्मिक गुरु और आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्रीश्री रविशंकर को ‘वर्ल्ड पीस एंड सिक्योरिटी लीडरशिप अवॉर्ड 2025’ से सम्मानित किया गया है। यह सम्मान उन्हें विश्व शांति, अंतरराष्ट्रीय सद्भावना और मानवता की सेवा के लिए उनके निरंतर प्रयासों की मान्यता के रूप में प्रदान किया गया। यह अवॉर्ड समारोह जेनेवा, स्विट्जरलैंड में आयोजित किया गया, जहां दुनियाभर के कूटनीतिज्ञ, समाजसेवी और धार्मिक नेता मौजूद रहे।

    इस प्रतिष्ठित पुरस्कार को पाकर श्रीश्री रविशंकर ने कहा कि यह सम्मान व्यक्तिगत नहीं बल्कि पूरी मानवता की जीत है। उन्होंने कहा, “शांति कोई दूर की बात नहीं, बल्कि हर व्यक्ति के भीतर का अनुभव है। जब हम खुद के भीतर शांति महसूस करते हैं, तभी हम दुनिया को शांतिपूर्ण बना सकते हैं।”

    शांति और करुणा के संदेश के प्रचारक

    श्रीश्री रविशंकर पिछले चार दशकों से भी अधिक समय से विश्वभर में शांति, करुणा और आध्यात्मिक जागरूकता का संदेश फैला रहे हैं। उनके नेतृत्व में “आर्ट ऑफ लिविंग” संगठन 180 से अधिक देशों में सक्रिय है और करोड़ों लोगों के जीवन को तनावमुक्त और सकारात्मक दिशा में ले जा चुका है। उनके योग, ध्यान और ‘सुदर्शन क्रिया’ जैसे प्रोग्राम्स ने मानसिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी अद्भुत योगदान दिया है।

    संघर्षग्रस्त क्षेत्रों में संवाद की भूमिका

    रविशंकर का योगदान केवल आध्यात्मिक क्षेत्र तक सीमित नहीं रहा। उन्होंने कोलंबिया, वेनेजुएला, इराक, श्रीलंका और भारत के विभिन्न हिस्सों में शांति वार्ता में भी अहम भूमिका निभाई है। उनके प्रयासों से कई संघर्षग्रस्त समुदायों के बीच संवाद की पहल हुई। संयुक्त राष्ट्र समेत कई अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उन्होंने यह संदेश दिया कि हिंसा का कोई समाधान नहीं, केवल संवाद ही स्थायी शांति ला सकता है।

    वैश्विक स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व

    इस पुरस्कार से एक बार फिर यह साबित हो गया है कि भारत न केवल आर्थिक और तकनीकी क्षेत्र में, बल्कि आध्यात्मिक नेतृत्व और वैश्विक शांति के क्षेत्र में भी विश्व का मार्गदर्शन कर रहा है। श्रीश्री रविशंकर ने अपने कार्यों से ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ की भारतीय अवधारणा को जीवंत किया है।

    पुरस्कार समिति ने कहा कि रविशंकर ने न केवल धार्मिक सीमाओं को तोड़ा बल्कि विभिन्न धर्मों और संस्कृतियों के बीच संवाद की पुलिया बनाई। उनका योगदान “ग्लोबल सिविलाइजेशन डायलॉग” को नई दिशा देता है।

    अतीत में भी मिले कई अंतरराष्ट्रीय सम्मान

    यह पहली बार नहीं है जब श्रीश्री रविशंकर को किसी अंतरराष्ट्रीय मंच पर सम्मानित किया गया हो। इससे पहले भी उन्हें “पद्म विभूषण”, “साइंटोलॉजी ह्यूमैनिटेरियन अवॉर्ड”, और “द लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड” जैसे दर्जनों सम्मानों से नवाजा जा चुका है।

    भारत के लिए गर्व का क्षण

    श्रीश्री रविशंकर को मिला यह पुरस्कार न केवल उनके व्यक्तिगत योगदान की सराहना है बल्कि यह भारत की ‘सॉफ्ट पावर’ और आध्यात्मिक विरासत की वैश्विक पहचान का प्रतीक भी है। उनका संदेश — “एक तनावमुक्त और हिंसा-मुक्त समाज ही सच्ची प्रगति की राह है” — आज भी उतना ही प्रासंगिक है जितना पहले था।

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