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अल्कोहल बेवरेज इंडस्ट्री (Alcobev Industry) ने राज्य सरकारों को एक गंभीर चेतावनी जारी की है। उद्योग ने कहा है कि अगर बकाया भुगतान 10 नवंबर तक नहीं चुकाया गया, तो इससे उद्योग में गंभीर आर्थिक परेशानी उत्पन्न हो सकती है। इस समय Alcobev इंडस्ट्री कई राज्यों के लिए राजस्व का एक बड़ा स्रोत बन चुकी है। विशेष रूप से तेलंगाना का उदाहरण लें।
तेलंगाना में राज्य सरकार को हर साल Alcobev इंडस्ट्री से करीब 38,000 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त होता है। इसके बावजूद राज्य सरकार पर लगभग 3,000 करोड़ रुपये का बकाया लंबित है। इंडस्ट्री ने स्पष्ट किया है कि यह बकाया जल्दी से जल्दी निपटाया जाना चाहिए, वरना इसका सीधा असर शराब की बिक्री और उद्योग के संचालन पर पड़ेगा।
Alcobev इंडस्ट्री का कहना है कि इस बकाए के कारण कंपनियों को वित्तीय दबाव का सामना करना पड़ रहा है। उद्योग ने यह भी संकेत दिया है कि यदि भुगतान समय पर नहीं किया गया, तो इससे आपूर्ति श्रृंखला प्रभावित होगी और अंततः आम जनता तक शराब के वितरण में बाधा आ सकती है। उद्योग प्रतिनिधियों ने चेतावनी देते हुए कहा है कि सरकार की ओर से बकाया भुगतान में देरी से कारोबार प्रभावित होगा और इसके व्यापक प्रभाव पड़ सकते हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि Alcobev इंडस्ट्री राज्य सरकारों के लिए कर राजस्व का एक बड़ा स्त्रोत है। इसके अलावा, यह उद्योग रोजगार का भी बड़ा माध्यम है। भारत में शराब और शराब से संबंधित उत्पादों की बिक्री से राज्य सरकारों को प्रतिवर्ष भारी राजस्व प्राप्त होता है। इसके बावजूद अगर बकाया लंबित रहता है तो यह न केवल इंडस्ट्री के लिए चुनौती बन सकता है, बल्कि राज्य की आर्थिक स्थिति पर भी असर डाल सकता है।
उद्योग के अधिकारियों ने कहा है कि वे सरकार से बातचीत में लगातार यह मुद्दा उठा रहे हैं। उद्योग का मानना है कि बकाया भुगतान समय पर किया जाना चाहिए ताकि उत्पादन और वितरण प्रणाली प्रभावित न हो। तेलंगाना के अलावा अन्य राज्यों में भी बकाया लंबित रहने की शिकायतें सामने आई हैं, जिससे इंडस्ट्री ने केंद्र और राज्यों दोनों से कार्रवाई की मांग की है।
Alcobev इंडस्ट्री का कहना है कि अगर बकाया भुगतान 10 नवंबर तक न हुआ, तो इसका असर बाजार में शराब की कीमतों और उपलब्धता पर भी पड़ सकता है। इंडस्ट्री ने यह स्पष्ट किया है कि इसका उद्देश्य केवल अपने अधिकार और व्यवसाय की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। इसके साथ ही उद्योग ने राज्य सरकारों से सहयोग की अपील भी की है ताकि आर्थिक स्थिरता बनी रहे।
विशेषज्ञों का कहना है कि Alcobev इंडस्ट्री का यह कदम काफी गंभीर है। इससे स्पष्ट होता है कि उद्योग और सरकार के बीच वित्तीय संतुलन बनाए रखना आवश्यक है। अगर बकाया समय पर न चुकाया गया, तो इसका असर उद्योग की वित्तीय स्थिति, रोजगार और बाजार में शराब की उपलब्धता पर भी पड़ेगा।
इसके अलावा, Alcobev इंडस्ट्री ने यह भी कहा है कि सरकार के साथ संवाद जारी है, लेकिन समय सीमा निपटान के लिए अनिवार्य है। उद्योग ने चेतावनी दी है कि 10 नवंबर तक बकाया भुगतान नहीं होने पर कंपनियों को मजबूरन अपने ऑपरेशन और आपूर्ति व्यवस्था में बदलाव करना पड़ सकता है।
कुल मिलाकर, Alcobev इंडस्ट्री का यह कदम राज्य सरकारों के लिए चेतावनी के रूप में सामने आया है। उद्योग ने स्पष्ट किया है कि अगर बकाया समय पर न चुकाया गया, तो इसका सीधा असर शराब उद्योग के संचालन और वितरण पर होगा। इसीलिए सरकारों को तत्काल कदम उठाकर बकाया भुगतान सुनिश्चित करना होगा, ताकि आर्थिक नुकसान और व्यापारिक बाधाओं से बचा जा सके।







