इस खबर को सुनने के लिये प्ले बटन को दबाएं।

हरियाणा में वोट चोरी के आरोपों पर कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के बीच जुबानी जंग तेज हो गई है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा हाल ही में की गई “हाइड्रोजन बम” प्रेस कॉन्फ्रेंस में लगाए गए चुनावी फर्जीवाड़े के आरोपों पर अब बीजेपी ने तीखा पलटवार किया है। केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने राहुल गांधी को निशाने पर लेते हुए कहा कि कांग्रेस नेता के पास अब कोई ठोस मुद्दा नहीं बचा है।
किरन रिजिजू ने राहुल गांधी पर तंज कसते हुए कहा, “राहुल गांधी हर बार कोई पीपीटी बनाकर प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हैं, कुछ दिखाते हैं और फिर भाग जाते हैं। देश का समय बर्बाद कर रहे हैं। उन्हें न तो जनता की समझ है, न ही लोकतंत्र के प्रति कोई जिम्मेदारी। हर बार वे ऐसा मुद्दा उठाते हैं, जिसका कोई सबूत नहीं होता।”
उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस अब केवल ‘ड्रामा’ करने की राजनीति में व्यस्त है। “देश का युवा, किसान और व्यापारी विकास चाहता है, लेकिन राहुल गांधी केवल भ्रम फैलाने का काम कर रहे हैं। हरियाणा में चुनाव स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से हुए हैं, और राहुल गांधी द्वारा लगाए गए आरोप पूरी तरह झूठे और राजनीतिक रूप से प्रेरित हैं।”
राहुल गांधी ने अपनी हालिया प्रेस कॉन्फ्रेंस में हरियाणा विधानसभा चुनाव को लेकर बड़े आरोप लगाए थे। उन्होंने दावा किया था कि कई निर्वाचन क्षेत्रों में फर्जी वोटिंग की गई और एक ब्राजीलियाई मॉडल की तस्वीर का इस्तेमाल वोटर आईडी पर बार-बार किया गया। उन्होंने इसे लोकतंत्र पर हमला बताया था और कहा था कि उनके पास इस संबंध में सबूत हैं।
हालांकि बीजेपी ने इन आरोपों को “बेहद हास्यास्पद” बताया है। किरेन रिजिजू ने कहा, “राहुल गांधी की हर बात चुनाव के समय ही क्यों आती है? क्या वे देश की संस्थाओं पर अविश्वास जताना चाहते हैं? जब वे चुनाव जीतते हैं, तब सबकुछ सही लगता है और जब हारते हैं, तब मशीन, आयोग और सिस्टम सब गलत हो जाता है। यह उनकी पुरानी रणनीति है।”
भाजपा प्रवक्ता ने भी राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस का इतिहास “रोने की राजनीति” का रहा है। उन्होंने कहा, “कांग्रेस हर चुनाव में अपनी हार का बहाना तैयार कर लेती है। राहुल गांधी का उद्देश्य केवल मीडिया में चर्चा बटोरना है। उनके पास जनता से जुड़ा कोई ठोस एजेंडा नहीं बचा है।”
वहीं, राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि राहुल गांधी की प्रेस कॉन्फ्रेंस और बीजेपी के पलटवार दोनों आगामी बिहार और अन्य राज्यों के चुनावों को ध्यान में रखकर की गई बयानबाज़ी का हिस्सा हैं। बीजेपी राहुल गांधी की आलोचना को कांग्रेस की “जनसंपर्क राजनीति” के रूप में देख रही है, जबकि कांग्रेस इसे “लोकतंत्र की रक्षा का प्रयास” बता रही है।
हरियाणा में हाल के चुनावों के परिणामों के बाद कांग्रेस ने कई मतदान केंद्रों पर गड़बड़ी के आरोप लगाए थे। कांग्रेस का कहना है कि चुनाव आयोग ने कुछ शिकायतों को गंभीरता से नहीं लिया, जिसके चलते लोकतंत्र की साख पर सवाल उठे हैं। राहुल गांधी ने यह भी कहा था कि पार्टी चुनाव आयोग से औपचारिक जांच की मांग करेगी।
बीजेपी नेताओं का कहना है कि राहुल गांधी को पहले तथ्यों की जांच करनी चाहिए थी। रिजिजू ने कहा, “हरियाणा में जिन इलाकों की बात राहुल गांधी कर रहे हैं, वहां कांग्रेस के खुद के उम्मीदवारों ने ऐसी कोई शिकायत दर्ज नहीं की। यह बताता है कि राहुल गांधी केवल ध्यान खींचने के लिए बयान दे रहे हैं।”
इस बीच, सोशल मीडिया पर दोनों पार्टियों के समर्थक आमने-सामने आ गए हैं। राहुल गांधी के समर्थक उनके “हाइड्रोजन बम” खुलासे को लोकतांत्रिक साहस बता रहे हैं, जबकि भाजपा समर्थक इसे “राजनीतिक स्टंट” कहकर खारिज कर रहे हैं।
राहुल गांधी के बयान और बीजेपी के पलटवार ने एक बार फिर केंद्र की राजनीति का माहौल गर्म कर दिया है। यह देखा जाना दिलचस्प होगा कि क्या कांग्रेस अपने आरोपों को सबूतों के साथ आगे बढ़ाती है या फिर यह विवाद भी कुछ दिनों में राजनीतिक सुर्खियों से गायब हो जाएगा।
फिलहाल, भाजपा पूरी तरह से हमलावर मुद्रा में है। रिजिजू का यह बयान पार्टी की उसी रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है, जिसमें राहुल गांधी के हर आरोप को “झूठ, भ्रम और मीडिया प्रोपेगेंडा” बताया जाता है। दूसरी ओर, कांग्रेस इसे लोकतंत्र की रक्षा की लड़ाई कह रही है।
राजनीति के इस घमासान में जनता के मन में एक ही सवाल है — क्या यह सच्चे लोकतांत्रिक संवाद का हिस्सा है, या सिर्फ चुनावी शोर का एक और एपिसोड? आने वाले समय में यह स्पष्ट हो जाएगा कि “हाइड्रोजन बम” के इस विवाद का असली असर किस पर पड़ता है — राहुल गांधी या खुद कांग्रेस पार्टी पर।








