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रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन दो दिवसीय भारत दौरे पर नई दिल्ली पहुंच चुके हैं। उनके आगमन के साथ ही भारत और रूस के बीच कूटनीतिक संबंधों में एक महत्वपूर्ण अध्याय जुड़ गया है। पुतिन इस दौरे के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से भी मुलाकात करेंगे।
इस यात्रा का विशेष महत्व इस बात में है कि भारत और रूस की रणनीतिक साझेदारी 25 साल पूरे कर चुकी है। इस अवसर पर दोनों देशों के बीच रक्षा, ऊर्जा, विज्ञान, तकनीकी और व्यापारिक क्षेत्रों में कई महत्वपूर्ण समझौतों की उम्मीद की जा रही है। विश्लेषकों का मानना है कि इस दौरे से दोनों देशों के आर्थिक और कूटनीतिक संबंधों को नई दिशा मिलेगी।
राष्ट्रपति पुतिन के दौरे के दौरान भारत और रूस के बीच कई महत्वपूर्ण समझौतों पर चर्चा होने की संभावना है। रक्षा सहयोग के क्षेत्र में, दोनों देशों के बीच नई परियोजनाओं और हथियार आपूर्ति समझौतों पर बातचीत की जाएगी। इसके अलावा ऊर्जा क्षेत्र में भारत और रूस के बीच दीर्घकालिक निवेश और ऊर्जा सुरक्षा से जुड़े समझौतों की भी संभावना जताई जा रही है।
प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति पुतिन की द्विपक्षीय बैठक में वैश्विक और क्षेत्रीय मुद्दों पर भी चर्चा होने की संभावना है। इनमें आतंकवाद, अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा, जलवायु परिवर्तन और वैश्विक आर्थिक स्थिति जैसे महत्वपूर्ण विषय शामिल हो सकते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि यह दौरा भारत-रूस संबंधों में स्थायित्व और विश्वास को और मजबूत करेगा।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से पुतिन की मुलाकात का भी खास महत्व है। यह मुलाकात दोनों देशों के बीच उच्च स्तरीय कूटनीतिक संबंधों को दर्शाती है और भारत में रूसी प्रतिनिधित्व की गहराई को उजागर करती है। इसके अलावा, सांस्कृतिक और तकनीकी सहयोग के क्षेत्रों में भी बातचीत होने की संभावना है।
भारत और रूस के बीच पिछले वर्षों में ऊर्जा, रक्षा और अंतरिक्ष क्षेत्र में सहयोग काफी मजबूत रहा है। पुतिन का यह दौरा इस सहयोग को और विस्तार देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। इससे व्यापार और निवेश के अवसरों में वृद्धि की उम्मीद है।
इस दौरे के माध्यम से दोनों देशों के बीच आपसी विश्वास और रणनीतिक साझेदारी को एक नया मुकाम मिलेगा। विशेषज्ञों के अनुसार, पुतिन का यह दौरा भारत और रूस के बीच भविष्य की रणनीतिक दिशा तय करने में महत्वपूर्ण साबित होगा।
इस प्रकार, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का दो दिवसीय भारत दौरा न केवल कूटनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि इससे भारत और रूस के बीच रणनीतिक, आर्थिक और तकनीकी क्षेत्रों में सहयोग को नई ऊँचाई मिलेगी। यह दौरा दोनों देशों के लंबे समय से चले आ रहे मित्रवत और सहयोगी संबंधों को और मजबूती प्रदान करेगा।








