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महाराष्ट्र में निकाय चुनावों के बीच पूर्व मुख्यमंत्री और शिवसेना के नेता उद्धव ठाकरे ने एक बड़ा राजनीतिक बयान दिया है। ठाकरे ने कांग्रेस के जाने और महाविकास आघाड़ी (MVA) गठबंधन के बनने के पीछे की वजहों को स्पष्ट किया। उनके बयान ने राजनीतिक गलियारों में हलचल पैदा कर दी है।
उद्धव ठाकरे ने कहा कि शिवसेना ने स्वयं कांग्रेस के पास जाने का निर्णय नहीं लिया था। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह स्थिति कांग्रेस की ओर से उत्पन्न हुई और शिवसेना को मजबूर होकर नई राजनीतिक परिस्थितियों का सामना करना पड़ा। ठाकरे ने बताया कि MVA गठबंधन बनाने का निर्णय कठिन लेकिन आवश्यक था ताकि महाराष्ट्र में राजनीतिक स्थायित्व बनाए रखा जा सके।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि MVA गठबंधन का निर्माण केवल परिस्थितियों के दबाव और राज्य के राजनीतिक हित में किया गया था। उन्होंने यह भी कहा कि गठबंधन के दौरान सभी पक्षों ने अपने मतभेदों को अलग रखते हुए राज्य की राजनीति और जनता की भलाई को प्राथमिकता दी। उद्धव ठाकरे ने यह स्पष्ट किया कि गठबंधन का उद्देश्य केवल सत्ता में बने रहना नहीं था, बल्कि महाराष्ट्र की सामाजिक और आर्थिक प्रगति को सुनिश्चित करना था।
ठाकरे ने कांग्रेस के जाने के पीछे की परिस्थितियों पर भी विस्तार से बात की। उन्होंने कहा कि कुछ नीति और रणनीति संबंधी मतभेदों के कारण कांग्रेस को अलग होना पड़ा। हालांकि, ठाकरे ने यह भी स्पष्ट किया कि शिवसेना और कांग्रेस के बीच संबंध हमेशा सम्मानजनक और लोकतांत्रिक दृष्टिकोण से रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि राजनीतिक मतभेदों के बावजूद, भविष्य में सहयोग के द्वार हमेशा खुले रह सकते हैं।
निकाय चुनावों के समय यह बयान और अधिक महत्व रखता है, क्योंकि राज्य की जनता गठबंधन और राजनीतिक स्थायित्व को लेकर सजग रहती है। ठाकरे का यह बयान यह संकेत देता है कि MVA का निर्माण रणनीतिक सोच और जिम्मेदारी के तहत किया गया था, और इसमें किसी भी पार्टी की स्वतंत्रता या राजनीतिक स्वायत्तता का उल्लंघन नहीं किया गया।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि उद्धव ठाकरे के इस बयान से शिवसेना की स्थिति मजबूत हुई है। साथ ही, यह भी दर्शाता है कि गठबंधन में शामिल सभी दलों ने राज्य की राजनीति और जनता के हित को सर्वोपरि रखा। ठाकरे ने अपने बयान में जनता से यह भी अपील की कि वे राजनीतिक घटनाओं को समझदारी और तथ्यों के आधार पर देखें, न कि अफवाहों या अटकलों पर।
उद्धव ठाकरे ने अपने बयान में यह भी स्पष्ट किया कि MVA के गठन से राज्य में कई विकासात्मक परियोजनाओं और योजनाओं को आगे बढ़ाने में मदद मिली। उन्होंने कहा कि राजनीतिक समझौते और गठबंधन केवल सत्ता के लिए नहीं होते, बल्कि उनका उद्देश्य समाज और राज्य की प्रगति को सुनिश्चित करना भी होता है।
इस प्रकार, उद्धव ठाकरे का यह बयान महाराष्ट्र की राजनीतिक दिशा और निकाय चुनावों में राजनीतिक समीकरण को समझने के लिए महत्वपूर्ण साबित होता है। उनके बयान से यह स्पष्ट हुआ कि कांग्रेस के जाने और MVA के निर्माण के पीछे परिस्थितियां, रणनीति और राज्य की भलाई प्रमुख कारण रहे हैं।








