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उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने राज्य के रियल एस्टेट सेक्टर को नई गति देने और दो दशक से लंबित पड़ी योजनाओं को पूरा करवाने के लिए एक बड़ा फैसला किया है। मुलायम सिंह यादव के कार्यकाल में वर्ष 2005 में लागू की गई इंटीग्रेटेड टाउनशिप पॉलिसी के तहत जिन परियोजनाओं को लाइसेंस दिए गए थे, वे लंबे समय से अटकी हुई थीं। अब योगी कैबिनेट ने उन प्रोजेक्ट्स को फिर से आगे बढ़ाने का रास्ता साफ कर दिया है, जिससे 20 साल पुरानी बाधाएं दूर होंगी और विकास कार्य तेज़ होंगे।
वर्ष 2005 में, तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव की सरकार ने प्रदेश में शहरी विकास को गति देने के उद्देश्य से इंटीग्रेटेड टाउनशिप पॉलिसी लागू की थी। इस नीति के तहत 15 प्राइवेट डिवेलपर्स को टाउनशिप विकसित करने का लाइसेंस मिला था। इन परियोजनाओं में आधुनिक आवास, कमर्शियल स्पेस, हरित क्षेत्र और सामुदायिक सुविधाओं के साथ संपूर्ण शहरी मॉडल तैयार करने की योजना थी। लेकिन समय के साथ कई बाधाएं सामने आईं, जिससे अधिकतर परियोजनाएं अधर में लटक गईं।
साल 2014 में इस पॉलिसी में संशोधन किए गए, जिसके बाद नए मानक लागू हुए। लेकिन लगभग आधे डेवलपर्स निर्धारित मानकों के अनुसार अपने टाउनशिप मानचित्र पास नहीं करा पाए। इसके कारण न तो निर्माण कार्य आगे बढ़ सके और न ही सामान्य नागरिकों को प्रस्तावित सुविधाएं मिल सकीं।
इन अटके हुए प्रोजेक्ट्स के कारण हजारों खरीदार, स्थानीय नागरिक और डेवलपर्स वर्षों से अनिश्चितता की स्थिति में थे। अब, योगी कैबिनेट के हालिया फैसले से इन सभी को राहत मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। सरकार ने स्पष्ट किया है कि जो डेवलपर्स मानकों को पूरा करने के करीब हैं या प्रोजेक्ट पर वास्तविक प्रगति कर चुके हैं, उन्हें पुनः अवसर दिया जाएगा ताकि अधूरी टाउनशिप योजनाएं पूर्ण हो सकें।
सरकार का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि राज्य में रियल एस्टेट सेक्टर व्यवस्थित तरीके से आगे बढ़े और निवेशकों में विश्वास बढ़े। इस कदम का बड़ा लाभ यह होगा कि लंबे समय से अटके हुए भूमि विकास और आवास निर्माण कार्य अब आगे बढ़ सकेंगे। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे न सिर्फ रियल एस्टेट को बड़ा बढ़ावा मिलेगा, बल्कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
इस निर्णय को पूर्ववर्ती सरकारों की योजनाओं को सम्मान देने के रूप में भी देखा जा रहा है। मुलायम सिंह यादव के समय में शुरू की गई इंटीग्रेटेड टाउनशिप अवधारणा का उद्देश्य राज्य में विश्वस्तरीय शहरी मॉडल तैयार करना था। अब योगी सरकार द्वारा इन प्रोजेक्ट्स को दिशा मिलने से माना जा रहा है कि दशक पुरानी यह महत्वाकांक्षी योजना आखिरकार जमीन पर उतर सकेगी।
योगी कैबिनेट के इस निर्णय के बाद डेवलपर्स से लेकर आम नागरिकों तक सभी में नई उम्मीदें जगी हैं। उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही उन टाउनशिपों में निर्माण कार्य फिर शुरू होगा, जिनका भविष्य अब तक अधर में लटका हुआ था। यह कदम न केवल शहरी विकास को गति देगा, बल्कि उत्तर प्रदेश को आधुनिक और योजनाबद्ध शहरों की दिशा में आगे बढ़ाएगा।








