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    भारत की U20 महिला रग्बी टीम ने इतिहास रचा: राजगीर में एशिया में कांस्य पदक जीता

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    राजगीर, बिहार — भारत की अंडर-20 महिला रग्बी टीम ने इतिहास रच दिया है। बिहार के राजगीर में आयोजित एशिया U20 महिला रग्बी चैम्पियनशिप 2025 में भारतीय टीम ने शानदार खेल दिखाते हुए कांस्य पदक जीत लिया। यह उपलब्धि न केवल भारतीय महिला रग्बी के लिए गर्व का क्षण है बल्कि देश के खेल परिदृश्य में एक नई ऊर्जा का संचार करती है।

    टूर्नामेंट का आयोजन

    यह प्रतियोगिता एशियाई रग्बी परिसंघ (Asia Rugby Federation) और भारतीय रग्बी महासंघ (Rugby India) के संयुक्त तत्वावधान में 15 से 19 अगस्त तक राजगीर, बिहार के अंतरराष्ट्रीय रग्बी स्टेडियम में आयोजित की गई। टूर्नामेंट में कुल 8 एशियाई देशों ने हिस्सा लिया, जिनमें जापान, हांगकांग, चीन, कज़ाख़स्तान, श्रीलंका, थाईलैंड, नेपाल और भारत शामिल थे।

    इस टूर्नामेंट का उद्देश्य एशियाई स्तर पर जूनियर महिला खिलाड़ियों को मौका देना और खेल को जमीनी स्तर तक लोकप्रिय बनाना था। भारत को मेज़बान होने के नाते घरेलू दर्शकों का भरपूर समर्थन मिला, जिसने खिलाड़ियों के मनोबल को और बढ़ाया।

    भारतीय टीम का सफर

    भारतीय टीम ने टूर्नामेंट की शुरुआत शानदार जीत के साथ की।

    • पहला मुकाबला नेपाल के खिलाफ खेला गया, जिसमें भारतीय खिलाड़ियों ने दमदार प्रदर्शन करते हुए 26-5 से जीत दर्ज की।

    • दूसरे मुकाबले में भारत का सामना चीन से हुआ। यह मुकाबला बेहद रोमांचक रहा, लेकिन भारत को मामूली अंतर से 14-19 से हार झेलनी पड़ी।

    • क्वार्टर फाइनल में भारतीय टीम ने श्रीलंका को 21-10 से हराकर सेमीफाइनल में प्रवेश किया।

    सेमीफाइनल में भारत का सामना एशियाई चैंपियन जापान से हुआ। यहाँ खिलाड़ियों ने कड़ी टक्कर दी, लेकिन जापान जैसी अनुभवी और फिटनेस में आगे टीम के सामने भारत 12-28 से हार गया। हालांकि, भारतीय खिलाड़ियों ने हिम्मत नहीं हारी और तीसरे स्थान के लिए हुए ब्रॉन्ज मेडल मैच में थाईलैंड को 20-15 से हराकर कांस्य पदक जीत लिया।

    ऐतिहासिक उपलब्धि

    यह पहली बार है कि भारत की महिला U20 टीम ने एशिया चैम्पियनशिप में पदक जीता है। इससे पहले भारत की सीनियर और जूनियर दोनों स्तरों पर टीमें कई बार भाग ले चुकी हैं, लेकिन पदक जीतने का गौरव हासिल नहीं कर पाई थीं।

    भारतीय रग्बी महासंघ (Rugby India) के अध्यक्ष ने इस जीत को “ऐतिहासिक क्षण” बताते हुए कहा:

    “यह सफलता हमारे देश की युवा महिला खिलाड़ियों की मेहनत, अनुशासन और टीम भावना का परिणाम है। राजगीर की धरती पर इस पदक को जीतना भारतीय रग्बी के लिए मील का पत्थर साबित होगा।”

    खिलाड़ियों का संघर्ष और मेहनत

    भारतीय महिला रग्बी टीम की यह उपलब्धि आसान नहीं रही। अधिकांश खिलाड़ी ग्रामीण और अर्ध-शहरी पृष्ठभूमि से आती हैं। उनमें से कई ने संसाधनों की कमी, सामाजिक चुनौतियों और पारिवारिक जिम्मेदारियों के बावजूद खेल को चुना।

    टीम की कप्तान ने पदक जीतने के बाद कहा:

    “हमने यह पदक अपने देश और हर उस लड़की को समर्पित किया है, जो कठिनाइयों के बावजूद अपने सपनों का पीछा कर रही है। यह जीत साबित करती है कि अगर मेहनत और विश्वास हो, तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं।”

    बिहार की भूमिका

    इस टूर्नामेंट की खास बात यह रही कि इसका आयोजन राजगीर में हुआ। बिहार लंबे समय से रग्बी का एक मजबूत केंद्र रहा है। यहां के कई खिलाड़ी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं।

    बिहार सरकार ने इस आयोजन को सफल बनाने में विशेष योगदान दिया। खेल मंत्री ने कहा कि यह सफलता युवाओं में रग्बी के प्रति रुचि बढ़ाएगी और राज्य को खेल मानचित्र पर और मजबूती देगी।

    रग्बी इंडिया और भविष्य की योजनाएँ

    रग्बी इंडिया अब इस उपलब्धि को आधार बनाकर महिला रग्बी के विकास की दिशा में कई नई योजनाएँ बना रहा है। इनमें शामिल हैं:

    1. ग्रासरूट प्रोग्राम – स्कूली स्तर पर लड़कियों के बीच रग्बी को लोकप्रिय बनाना।

    2. विशेष प्रशिक्षण शिविर – जूनियर खिलाड़ियों के लिए बेहतर कोचिंग और फिटनेस प्रोग्राम।

    3. अंतरराष्ट्रीय exposure tours – खिलाड़ियों को विदेश में जाकर अन्य देशों की टीमों के साथ अभ्यास करने का मौका देना।

    4. महिला लीग का आयोजन – देश में महिला रग्बी को संरचित और प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर महिला रग्बी लीग शुरू करना।

    अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया

    एशिया रग्बी परिसंघ ने भी भारत की इस उपलब्धि की सराहना की है। संगठन के अध्यक्ष ने कहा कि भारत की टीम ने अनुशासन और आत्मविश्वास का बेहतरीन उदाहरण पेश किया है और यह भविष्य में एशियाई रग्बी के संतुलन को बदल सकता है।

    निष्कर्ष

    भारत की U20 महिला रग्बी टीम का यह कांस्य पदक जीतना केवल एक खेल उपलब्धि नहीं है, बल्कि यह भारतीय खेल जगत के लिए आशा और बदलाव का प्रतीक है। इस जीत ने यह साबित किया है कि भारतीय महिलाएँ किसी भी खेल में विश्व स्तर पर सफलता हासिल कर सकती हैं।

    राजगीर में गूँजी भारत की इस जीत की गूंज अब आने वाले वर्षों में पूरे देश की खेल नीति और युवा खिलाड़ियों की सोच को प्रेरित करेगी।

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