




महाराष्ट्र सरकार ने बहुप्रतीक्षित मुंबई–गोवा राष्ट्रीय राजमार्ग (NH-66) को पूरा करने के लिए नई समय सीमा मार्च 2026 तय की है। लंबे समय से विलंबित इस प्रोजेक्ट को लेकर यात्रियों और स्थानीय निवासियों के बीच काफी नाराज़गी थी। अब सरकार का दावा है कि 95% निर्माण कार्य पूरा हो चुका है और केवल कुछ किलोमीटर का हिस्सा शेष रह गया है।
परियोजना की पृष्ठभूमि
मुंबई–गोवा हाईवे का निर्माण कार्य वर्ष 2010 में शुरू हुआ था। उद्देश्य था कि मुंबई और गोवा के बीच यात्रा को तेज़, सुरक्षित और सुगम बनाया जा सके।
-
पहले इस मार्ग पर यात्रा का समय 12–14 घंटे लगता था।
-
निर्माण कार्य पूरा होने के बाद यह यात्रा मात्र 6–7 घंटे में पूरी की जा सकेगी।
हालांकि, विभिन्न प्रशासनिक और तकनीकी कारणों से यह प्रोजेक्ट बार-बार अटकता रहा। बारिश, भूमि अधिग्रहण विवाद, वित्तीय अड़चनें और ठेकेदारों की बदलती स्थिति के कारण काम में कई बार देरी हुई।
वर्तमान स्थिति
सरकार और सार्वजनिक निर्माण विभाग (PWD) ने बताया कि:
-
95% काम पूरा हो चुका है।
-
केवल 84 किलोमीटर का हिस्सा—पाणवेल से इंदापुर तक—अंतिम चरण में है।
-
अधिकांश पुल, फ्लाईओवर और टनल तैयार हो चुके हैं।
सरकार का दावा है कि नए लक्ष्य के तहत यह काम तय समय सीमा के भीतर पूरा कर लिया जाएगा।
नई समय सीमा क्यों?
इस प्रोजेक्ट को पहले 2024 में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था। लेकिन बारिश और तकनीकी दिक्कतों के कारण काम धीमा हो गया। इसके चलते नई समय सीमा मार्च 2026 घोषित की गई है।
PWD मंत्री ने कहा:
“मुंबई–गोवा हाईवे अब अपने अंतिम चरण में है। यह प्रोजेक्ट हमारे लिए प्राथमिकता है। हमें विश्वास है कि मार्च 2026 तक यह पूरी तरह तैयार हो जाएगा और यात्रियों को इसका लाभ मिलेगा।”
यात्रियों को होगा लाभ
मुंबई और गोवा के बीच यात्रा करने वाले लाखों लोगों को इस हाईवे से बड़ी राहत मिलेगी।
-
सफर का समय 6 घंटे से घटकर 3–4 घंटे हो जाएगा।
-
सड़क चौड़ी और सुरक्षित होगी जिससे हादसों में कमी आएगी।
-
पर्यटन और व्यापार को बढ़ावा मिलेगा।
यह मार्ग महाराष्ट्र के कोंकण क्षेत्र के लिए भी वरदान साबित होगा। छोटे कस्बों और गांवों तक बेहतर कनेक्टिविटी से आर्थिक विकास तेज़ होगा।
स्थानीय लोगों की उम्मीदें
कोंकण क्षेत्र के लोग इस प्रोजेक्ट का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।
रत्नागिरी के एक व्यापारी ने कहा:
“हर साल हम बारिश में घंटों ट्रैफिक में फंस जाते हैं। हाईवे बनने से हमें राहत मिलेगी और कारोबार भी तेज़ होगा।”
पर्यटन उद्योग को बढ़ावा
गोवा और कोंकण महाराष्ट्र दोनों ही पर्यटन के बड़े केंद्र हैं। मुंबई–गोवा हाईवे पूरा होने से:
-
घरेलू और विदेशी पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी।
-
होटल, रिसॉर्ट और होम-स्टे कारोबार को नया आयाम मिलेगा।
-
स्थानीय कारीगरों और किसानों के उत्पादों की बिक्री बढ़ेगी।
आर्थिक महत्व
यह हाईवे सिर्फ यात्रा का साधन नहीं, बल्कि महाराष्ट्र की अर्थव्यवस्था के लिए भी अहम है।
-
कृषि उत्पादों (आम, नारियल, समुद्री मछलियाँ) को बड़े शहरों तक जल्दी पहुंचाया जा सकेगा।
-
छोटे उद्योग और हस्तशिल्प को नए बाजार मिलेंगे।
-
रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
चुनौतियाँ अब भी मौजूद
हालांकि, हाईवे प्रोजेक्ट के सामने अभी भी कुछ चुनौतियाँ हैं:
-
बारिश के मौसम में काम रुक जाता है।
-
कुछ जगहों पर भूमि अधिग्रहण के मामले अदालत में लंबित हैं।
-
निर्माण की गुणवत्ता और सुरक्षा मानकों पर भी निगरानी रखनी होगी।
विशेषज्ञों का मानना है कि यदि सरकार निर्धारित समय पर काम पूरा नहीं कर पाई तो यह प्रोजेक्ट फिर विवादों में घिर सकता है।
2026 में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले यह प्रोजेक्ट राजनीतिक रूप से भी अहम है।
-
यदि सरकार समय पर हाईवे पूरा कर पाती है तो इसे बड़ी उपलब्धि के रूप में पेश करेगी।
-
लेकिन यदि इसमें और देरी हुई तो विपक्ष इसे चुनावी मुद्दा बना सकता है।
मुंबई–गोवा हाईवे का निर्माण पूरा होने के बाद यह न केवल यात्रियों के लिए सुविधाजनक होगा, बल्कि महाराष्ट्र की अर्थव्यवस्था और पर्यटन क्षेत्र को भी नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा।
मार्च 2026 की नई समय सीमा ने लोगों को एक बार फिर उम्मीद दी है कि उनका वर्षों पुराना सपना अब जल्द ही हकीकत में बदल जाएगा।