




भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन और अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला को राज्य राजधानी लखनऊ में उनके घर वापसी पर जबरदस्त और भावुक हीरो वेले मिल रहा है। यह वेले केवल एक स्वागत समारोह नहीं, बल्कि लखनऊ की जनता का उनका आत्मीय अभिनंदन और गर्व है।
1. वापसी—एक यादगार पल
शुभांशु शुक्ला, जो आईएफ के एक अनुभवी ऑस्ट्रोनॉट हैं, हाल ही में ऐतिहासिक Axiom Mission 4 के साथ इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) पहुँचने वाले पहले भारतीय बने। यह मिशन लगभग 18–20 दिनों का था, जिसके दौरान उन्होंने कई अंतरिक्ष प्रयोग किए और देश को गौरवान्वित किया।
लखनऊ एयरपोर्ट पर उतरते ही उन्हें उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक और उनके परिवार ने भावुकता और गर्व से स्वागत किया। “आज लखनऊ के लिए एक बड़ा दिन है। भारत का बेटा, लखनऊ का बेटा, अपने शहर में कदम रख रहा है,” पाठक ने कहा।
2. रोड शो और छात्र आदर समारोह
शहर में उनका स्वागत रोड शो और झांकियों के माध्यम से किया गया, जिसमें भारी संख्या में लोग शामिल हुए। शहर की सड़कें गले मिलते, पुष्पवर्षा करते और तिरंगा लहराते हुए शुभांशु का अभिवादन कर रही थीं।
उनके स्कूल — City Montessori School, गोमतीनगर — में भी 63,000 छात्र-छात्राएं उन्हें श्रद्धा और प्रेरणा के साथ सम्मानित करने के लिए पहुंच गए। यह आयोजन वास्तव में एक प्रेरणादायक दृश्य था।
3. फैमिली की खुशी और दीर्घ प्रतिक्षा
1.5 साल बाद पूत की वापसी पर, शुभांशु के परिवार ने अपार खुशी जताई। उनकी माता ने कहा कि वह इस दिन का बेसब्री से इंतजार कर रही थीं, जबकि बहन ने बताया कि यह पल पूरे परिवार के लिए बेहद भावुक और गर्व भरा है।
उनके जीवन में यह क्षण अद्वितीय था—एक ऐसा क्षण जो परिवार की अरमानों से भरा था।
4. राजनीतिक और सामाजिक सम्मान
मुख्य अतिथि उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा, “शुभांशु ने पूरी दुनिया के लिए एक नया रास्ता बताया है। यह दिन राज्य सरकार द्वारा उनके सम्मान का आयोजन है। वह युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा के स्रोत हैं”।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी उन्हें “साहस, समर्पण और विज्ञान के लिए प्रतिबद्धता” का प्रतीक बताया और कहा कि उनका उपक्रम पूरे उत्तर प्रदेश और भारत के लिए गर्व का विषय है।
5. नगरीय गौरव: सड़क का नामकरण
लखनऊ महानगर निगम (LMC) ने भी अपने पर्व-उत्सव में उनको सम्मानित करने के लिए शहर में एक सड़क का नामकरण “शुभांशु शुक्ला मार्ग” के रूप में मंजूर किया है। यह सड़क सिटापुर मेन रोड से फ्लोरेंस नाइटिंगेल स्कूल तक विस्तारित होगी और उनकी महान उपलब्धि की civic-level पर मान्यता है।
6. प्रेरणा की लहर और युवा सशक्तिकरण
शुभांशु की उपलब्धि सिर्फ एक यात्रा नहीं, बल्कि पूरे देश की युवा शक्ति के लिए प्रेरणास्त्रोत बन गई है। समाज और राजनीति ने इसे एक राष्ट्रीय गौरव का क्षण बताया।
यह घटना युवाओं में वैज्ञानिक सोच, अंतरिक्ष अध्ययन और मिशन-ड्रिवन लक्ष्य की भावना बढ़ाने की अहम पहल है।
7. समग्र रूप में दिखने वाला गौरव
शहर के हर हिस्से ने उनके स्वागत का हिस्सा बनने का निर्णय लिया—चाहे वो स्कूलों में छात्र हों, अफसर हों, पुलिस हों या आम नागरिक। यह शहरी गौरव और राष्ट्रीय आत्मबल का प्रतीक बन गया।
उनकी ISS यात्रा न केवल भारत का नाम अंतरिक्ष में रोशन कर गई, बल्कि लखनऊ के बच्चों के सपनों को भी उड़ान देने वाली प्रेरणा बन गई।
निष्कर्ष
ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला की लखनऊ में वापसी एक भावनात्मक, गौरवपूर्ण और प्रेरणादायक घटना है। उनका इतिहासपूर्ण अक्सियोम मिशन ने उन्हें अंतरिक्ष की ऊँचाइयों तक पहुंचाया, और अब उनका स्वागत पूरे शहर में एक नई ऊर्जा, अभिभावना और गर्व का माहौल लेकर आया है।
वोल से मिल सकता है कि यह गौरवशाली स्वागत न केवल शुभांशु का सम्मान है, बल्कि यह उन तमाम भारतीय संस्थाओं—ISRO, IAF, और शहर-प्रशासन की साझी जिम्मेदारी और समर्पण का प्रतीक भी है।
ऐसी ही देश और दुनिया की बड़ी खबरों के लिए फॉलो करें: www.samacharwani.com