




बॉलीवुड में अभिनेत्री राशा थडानी ने अपनी पहली फिल्म Azaad (2025) के बॉक्स ऑफिस पर असफल होने के बाद नई सोच और तैयारियों के साथ वापसी की है। Raveena Tandon की बेटी, जिनका यह पहला कदम था हिंदी फिल्म उद्योग में, उन्होंने इस समय की चुनौतियों को अपनी प्रेरणा बताया है। एक HTCity बातचीत के दौरान उन्होंने स्पष्ट किया कि सफलता या असफलता किसी भी कलाकार के लिए अंतिम निर्णय नहीं बल्कि सीखने का माध्यम होती है। उन्होंने कहा:
“हमें अनुकूलित होना होगा क्योंकि पछताने से कुछ हासिल नहीं होगा। यही वास्तविकता है और हमें उसी के अनुसार काम करना है।”
बॉक्स ऑफिस की असफलता—परिवर्तन की चुनौती
Azaad ने जनवरी 2025 में रिलीज़ होने के बाद दर्शकों और समीक्षकों दोनों से मिश्रित प्रतिक्रियाएँ प्राप्त की। फिल्म की कहानी और निर्देशन की सराहना के बावजूद, आर्थिक मोर्चे पर यह फ्लॉप साबित हुई—विश्व स्तर पर लगभग ₹10 करोड़ की कमाई के साथ यह बॉक्स ऑफिस पर खास प्रभाव नहीं छोड़ सकी। परन्तु राषा इसे असफलता की बजाय सीखने के अवसर के रूप में देखती हैं।
उन्होंने स्पष्ट किया:
“हमारा काम कहानी बनाना है, जो दर्शक थिएटर में देखना चाहें। यह कला कई पीढ़ियों से होती आ रही है—हमें भी काम करते रहना होगा।”
आलोचना और सार्वजनिक विश्लेषण: प्रेरणा का स्रोत
राषा के लिए यह सफलता का पहला कदम था—लेकिन साथ ही यह सार्वजनिक आलोचना और तुलना का भी दौर था, क्योंकि वह Raveena Tandon की बेटी हैं। इसमें उन्होंने कहा:
“जिन्हें आलोचना करनी है, उनकी अपनी राय है—पर यह सब मुझे आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है।”
उनका मानना है कि हर अभिनय परियोजना में आलोचना बढ़ती जाएगी, लेकिन इसे व्यक्तिगत रूप से लेकर निराश होने के बजाय आत्मसुधार का माध्यम बनाना ज़्यादा कारगर है।
अभिनय प्रक्रियाओं में बदलाव और सशक्तिकरण
अपने दूसरे प्रोजेक्ट Laikey Laikaa की शूटिंग के दौरान, राषा का दृष्टिकोण और समझ विकसित हुआ है। उन्होंने बताया कि अब वह पात्र और स्वयं के बीच अंतर समझने में ज्यादा सक्षम हो गई हैं:
“राशा एक व्यक्ति है और karakter दूसरा—उनके बीच समानताएँ और अंतर खोजकर मैं इसे अपने फायदे के लिए उपयोग करती हूँ।”
इस स्पष्टता का मतलब है—हर पात्र से जुड़ने और उसकी आत्मा को समझने की तैयारी पहले से बेहतर है।
सह-कलाकारों के साथ सहयोग: सहजता और सीख
दूसरी फिल्म में राषा अपने ऑन-स्क्रीन साथी अभय वर्मा के साथ काम रही हैं। उन्होंने उनकी प्रशंसा करते हुए कहा कि उनकी सहजता और सहयोगिता काम को और बेहतर बना रही है:
“मैं उनसे हर चीज़ पूछने में सहज हूँ, क्योंकि वे बहुत दयालु हैं—सच्चाई में यही अहम बात है।”
इसके एवज में, उन्हें नए अनुभवों और चुनौतियों की डगर पर भरोसा है।
भविष्य की चाहत: हर विधा में सक्रिये भूमिका
राषा का मानना है कि सफलता सिर्फ एक दिशा में सीमित नहीं होनी चाहिए—बल्कि वह हर शैली की तरह काम करना चाहती हैं:
“मैं हर प्रकार की फिल्म करना चाहती हूँ—क्योंकि मैं बस काम करना चाहती हूँ।”
यह नई कलाकार की जिजीविषा और जुनून को दर्शाता है—एक वह कदम जो उन्हें अभी से ही विशिष्टता की ओर अग्रसर कर रहा है।
सारांश टेबल
विषय | विवरण |
---|---|
पहली फिल्म | Azaad (2025) बॉक्स ऑफिस पर असफल रही—₹10 करोड़ की कमाई के साथमशीन को फ्लॉप माना गया।Wikipedia |
राशा का दृष्टिकोण | पछतावा छोड़कर अनुकूलन और सीखने की दृष्टि अपनायी—आलोचना को प्रेरणा का स्रोत बनाया।Hindustan Times |
दूसरी फिल्म | Laikey Laikaa—अभय वर्मा के साथ काम कर रही, अनुभव से सीखने की प्रक्रिया जारी।Hindustan Times |
भविष्य की योजनाएँ | हर शैली की फिल्में करना चाहती हैं—निरंतर काम करने की इच्छा स्पष्ट।Hindustan Times |
निष्कर्ष
राषा थडानी की यह यात्रा दर्शाती है कि फिल्म उद्योग में उतरने की राह आसान नहीं है—विशेषकर जब पहली फिल्म बुरी तरह ना चले। लेकिन उनकी सकारात्मक सोच, आत्म-अनुशासन और आत्म-विश्वास यह प्रमाण देता है कि यह अंत नहीं, बल्कि शुरुआत है।
उनकी सोच है कि “समय बदल रहा है, हमें बदलना ही होगा।” इसी बदलाव के साथ, वह और आगे बढ़ती रहेंगी—अपनी कला, अपनी पहचान और अपने सफ़र में।
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