




अहमदाबाद (गुजरात) में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मारुति सुजुकी के Hansalpur प्लांट से कंपनी के पहले बैटरी इलेक्ट्रिक वाहन (BEV), e-Vitara का औपचारिक रूप से शुभारंभ किया। यह EV पूरी तरह भारत में निर्मित है और इसे विश्व के 100 से अधिक देशों में निर्यात किया जाना है—ये लॉन्च देश की इलेक्ट्रिक मोबिलिटी क्षेत्र में एक नया मील का पत्थर साबित होता है ।
उन्होंने कहा कि अब दुनिया की सड़कों पर ‘Made in India’ लिखा EV दौड़ेगा, जो विदेशों में बन रहे वाहनों के मुकाबले भारत की विश्वसनीयता को दर्शाता है।
हाइब्रिड बैटरी इलेक्ट्रोड्स: स्थानीयकरण को गति
प्रधानमंत्री ने TDS लिथियम-आयन बैटरी प्लांट (जो Toshiba-Denso-Suzuki के सहयोग से संचालित है) में स्थानीय उत्पादन की शुरुआत की, जो EV और हाइब्रिड वाहनों की बैटरी बनाने के पहलुओं को मजबूत करेगा। इस सुविधा से 80% से अधिक बैटरी वैल्यू अब भारत में ही तैयार की जाने लगेगी, जिससे भारत का स्वदेशी उत्पादन (Aatmanirbhar Bharat) को बड़ा बल मिलेगा।
‘मेक इन इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड’—नया दृष्टिकोण
मोदी ने इस अवसर पर कहा:
“Ganesh Utsav की धूम के बीच, आज ‘Make in India, Make for the World’ यात्रा में एक नया अध्याय जुड़ रहा है।”
उन्होंने यह भी जोड़ते हुए कहा कि यह भारतीय सशक्त बनावट एवं स्वाभिमान का प्रतीक है।
उन्होंने मारुति सुजुकी के Hansalpur प्लांट को चीन की rare earth समस्याओं और वैश्विक EV प्रतिस्पर्धा में भारत का Manufacturing हब बनाने की दिशा में एक चुनौतीपूर्ण लेकिन निर्णायक क़दम बताया।
e-Vitara—विशेषताएँ, क्षमता और वैश्विक महत्त्व
e-Vitara को पहले यूरोप में नवंबर 2024 में पेश किया गया था, और भारत में यह Bharat Mobility Global Expo 2025 (जनवरी 2025) में प्रदर्शित हुआ था ।
प्रमुख तकनीकी विशेषताएँ:
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प्लैटफ़ॉर्म: HEARTECT-e — एक ईवी-स्केटबोर्ड आर्किटेक्चर ।
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बैटरी विकल्प:
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49 kWh (लगभग 106 kW)
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61 kWh (लगभग 128 kW)
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ड्राइव सिस्टम:
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फ्रंट-मोटर (FWD)
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AllGrip-e ऑल-व्हील-ड्राइव (AWD) संस्करण — लगभग 135 kW और 300 Nm टॉर्क।
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आयाम:
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लंबाई: ~4,275 mm
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चौड़ाई: ~1,800 mm
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ऊँचाई: ~1,635 mm
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व्हीलबेस: ~2,700 mm WikipediaHindustan Times Auto।
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रेंज: 61 kWh वेरिएंट पर लगभग 500 किमी (एक चार्ज पर) की दावा रेंज ।
भारत में EV पारिस्थितिकी—Infrastructure और सपोर्ट
मारुति सुजुकी ने इंडिया की EV यात्रा को आसान बनाने के लिए कई पहल की:
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अगले 2–3 वर्षों में शीर्ष 100 शहरों में फास्ट-चार्जिंग पॉइंट्स की श्रृंखला—हर 5–10 किमी पर एक चार्जर ।
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ग्राहकों को स्मार्ट होम चार्जर्स और उनके इंस्टॉलेशन सहायता प्रदान करने की व्यवस्था ।
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देशभर में 1,500 से अधिक EV-रेडी कार्यशालाएं (workshops) 1,000 से अधिक शहरों में स्थापित करने की योजना।
इन पहलों से ईवी मालिकों को बेहतर चार्जिंग और सर्विसिंग सुविधा मिल सकेगी, जिससे EV अपनाने की दर में वृद्धि संभव होगी।
निवेश का भरोसा—सुसुकी की प्रतिबद्धता
इस मौका पर Suzuki के Global President, Toshihiro Suzuki ने घोषणा की कि अगले 5–6 वर्षों में कंपनी भारत में ₹70,000 करोड़ का निवेश करेगी। यह निवेश EV विकास, उत्पादन क्षमता बढ़ाने और नई तकनीकों पर केंद्रित रहेगा।
आगे क्या चुनौतियाँ?
Rare Earth संकट और उत्पादन में कटौती
रिपोर्ट्स के अनुसार, rare earth सामग्री की कमी के कारण मारुति ने अप्रैल–सितंबर 2025 के लिए e-Vitara का उत्पादन लक्ष्य 26,500 से घटाकर ~8,200 इकाइयों कर दिया है। लेकिन कंपनी ने वार्षिक लक्ष्य (67,000 EVs) हासिल करने की दिशा में अगले छमाही में उत्पादन बढ़ाने की रणनीति बनाई है ।
यह उत्पादन कटौती वैश्विक सप्लाई चेन संकट की गंभीरता दर्शाती है, और EV क्षेत्र में भारत की गति पर असर डाल सकती है।
आख़िरी शब्द—भारत का EV भविष्य
प्रधानमंत्री मोदी ने इस मौके को “teenage phase” — भारत की स्वदेशी क्षमता और आत्मनिर्भरता की उम्र आधुनिक वर्चस्व की ओर उन्मुख होने की प्रारंभिक उड़ान बताया। उन्होंने कहा कि Hansalpur प्लांट की यह सफलता और e-Vitara की ग्लोबल उड़ान भारत को EV मैन्युफैक्चरिंग में विश्व मंच पर स्थापित करेगी।
सारांश में:
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भारत ने EV तकनीक और निर्माण में एक ठोस आधार तैयार कर लिया है।
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e-Vitara जैसे उत्पादों से देश की गौरवपरक पहचान बनेगी।
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निवेश और स्थानीयरण (localisation) से EV संकाय बेहतर बनेगा।
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इन्फ्रास्ट्रक्चर और उत्पादन चुनौतियों के बावजूद, भारत का EV मिशन अटल है—‘Make in India, Make for the World’ की भावना को जीवित रखने वाला।
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