




भारत के 15वें उपराष्ट्रपति के रूप में सी. पी. राधाकृष्णन की नियुक्ति, भारतीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ है। महाराष्ट्र के राज्यपाल के रूप में अपनी सेवा समाप्त करने के बाद, वे उपराष्ट्रपति पद की शपथ लेने के लिए तैयार हैं। आज, बुधवार, 10 सितंबर 2025 को, उनकी शपथ ग्रहण तिथि तय की जाएगी और वे महाराष्ट्र के राज्यपाल पद से इस्तीफा देंगे।
सी. पी. राधाकृष्णन, जो पहले तमिलनाडु भाजपा के अध्यक्ष रह चुके हैं, ने लोकसभा में कोयंबटूर से 1998 और 1999 में चुनाव जीते थे। उनकी राजनीतिक यात्रा में वे झारखंड, तेलंगाना और पुडुचेरी के राज्यपाल भी रहे हैं। 31 जुलाई 2024 को उन्हें महाराष्ट्र का राज्यपाल नियुक्त किया गया था। अब, उपराष्ट्रपति के रूप में उनकी नियुक्ति, भारतीय राजनीति में उनके योगदान को और बढ़ाती है।
उपराष्ट्रपति पद के लिए उनका चयन, एनडीए की ओर से किया गया था, जिसमें उन्होंने विपक्षी उम्मीदवार न्यायमूर्ति बी. सुदर्शन रेड्डी को हराया। राधाकृष्णन को 767 में से 452 वोट मिले, जबकि रेड्डी को 300 वोट मिले। इस जीत के साथ ही, वे उपराष्ट्रपति पद के लिए निर्वाचित हुए।
आज, गृह सचिव गोविंद मोहन ने राधाकृष्णन से मुलाकात की और उनकी शपथ ग्रहण तिथि तय की जाएगी। इसके साथ ही, राधाकृष्णन को महाराष्ट्र के राज्यपाल पद से इस्तीफा देने के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र भेजना होगा।
राधाकृष्णन की उपराष्ट्रपति के रूप में नियुक्ति, भारतीय राजनीति में एक नई दिशा की ओर संकेत करती है। उनकी शपथ ग्रहण तिथि की घोषणा, उनके नए दायित्व की शुरुआत का प्रतीक होगी। यह भारतीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण क्षण होगा, जिसे देशभर में सराहा जाएगा।
राधाकृष्णन की उपराष्ट्रपति के रूप में नियुक्ति, भारतीय राजनीति में एक नई दिशा की ओर संकेत करती है। उनकी शपथ ग्रहण तिथि की घोषणा, उनके नए दायित्व की शुरुआत का प्रतीक होगी। यह भारतीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण क्षण होगा, जिसे देशभर में सराहा जाएगा।