




नोहर में भारतीय किसान संघ की मासिक बैठक नोहर अनाज मंडी स्थित किसान भवन में आयोजित की गई, जिसमें भारी संख्या में किसान उपस्थित हुए। बैठक में किसानों ने क्षेत्र की कृषि समस्याओं पर खुलकर चर्चा की और अपनी समस्याओं को सरकार तक पहुंचाने का निर्णय लिया। बैठक के उपरांत भारतीय किसान संघ का प्रतिनिधि मंडल, स्थानीय किसानों के साथ मिलकर, सहायक कृषि कार्यालय नोहर पहुंचा। यहां उन्होंने कृषि सहायक निदेशक राधेश्याम शर्मा को राज्य सरकार के नाम ज्ञापन सौंपा।
ज्ञापन में बताया गया कि इस वर्ष नोहर क्षेत्र में अतिवृष्टि ने किसानों की कमर तोड़ दी है। मूंग और मोठ की संपूर्ण फसल बारिश की अधिकता के कारण पूरी तरह से खराब हो गई है। इसके अलावा ग्वार, मूंगफली और नरमा जैसी फसलों को भी भारी नुकसान झेलना पड़ा है। किसानों ने कहा कि उनकी मेहनत और निवेश पर पानी फिर गया है, ऐसे में सरकार को तत्काल प्रभाव से गिरदावरी कराकर आर्थिक मुआवजा दिलाना चाहिए।
किसान प्रतिनिधियों ने जोर दिया कि प्रभावित फसलों की गिरदावरी जल्द से जल्द कराई जाए। सरकार को चाहिए कि समय पर सही आंकलन करके किसानों को मुआवजा दिया जाए ताकि वे अपने परिवार और खेती को संभाल सकें। उन्होंने स्पष्ट किया कि अगर समय पर मुआवजा नहीं मिला तो किसान गंभीर आर्थिक संकट का सामना करेंगे।
बैठक में किसानों ने क्रॉप कटिंग प्रक्रिया को लेकर भी महत्वपूर्ण मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि क्रॉप कटिंग उसी पारदर्शी तरीके से होनी चाहिए, जिस तरह मंडियों में फसलों की खरीद की जाती है।
किसानों ने सुझाव दिया कि जिस प्रकार मंडी में झार और पंखा लगाकर दानों को साफ किया जाता है, उसी प्रकार क्रॉप कटिंग के दौरान भी प्रक्रिया अपनाई जानी चाहिए। इस वर्ष की खराब फसलों में साफ दाने बहुत कम बचे हैं, जिनकी बाजार में कोई खास कीमत नहीं मिल रही।
बैठक में यह भी बताया गया कि किसानों ने मूंग, ग्वार और नरमा जैसी फसलों पर छह से सात बार कीटनाशकों का छिड़काव किया। इसके बावजूद फसल उत्पादन लगभग शून्य रहा। यह किसानों के लिए कुदरत की बहुत बड़ी मार है, जिसने उन्हें आर्थिक रूप से तबाह कर दिया है।
भारतीय किसान संघ के प्रतिनिधियों ने सरकार से अपील की कि इस गंभीर स्थिति में किसानों की हर संभव सहायता की जाए। उन्होंने कहा कि किसानों को तुरंत मुआवजा दिलाया जाए ताकि वे अपनी आर्थिक स्थिति को संभाल सकें और अगली फसल की तैयारी कर सकें।
बैठक में केवल फसलों की समस्या ही नहीं, बल्कि पशुपालन की चुनौतियों का मुद्दा भी उठाया गया। किसानों ने बताया कि वर्तमान में क्षेत्र में गायों पर लंपी बीमारी का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है।इस स्थिति को देखते हुए सरकार को गांव-गांव में डॉक्टरों की संख्या बढ़ानी चाहिए और नि:शुल्क दवाई एवं उपचार की व्यवस्था करनी चाहिए।
बैठक में मौजूद किसान नेताओं ने कहा कि वर्तमान समय किसानों के लिए कठिन दौर है। उन्होंने किसानों से आह्वान किया कि वे एकजुट होकर अपनी आवाज बुलंद करें। किसानों ने कहा कि सामूहिक प्रयासों से ही सरकार तक उनकी समस्याएं और मांगें प्रभावी तरीके से पहुंच सकती हैं।
आज की बैठक में कई महत्वपूर्ण किसान नेता और पदाधिकारी मौजूद रहे। इनमें राजेंद्र सिहाग (अध्यक्ष भूमि विकास बैंक), पृथ्वी साहू (महामंत्री), गंगाराम बेनीवाल (उपाध्यक्ष), प्रेम गोदारा (जिला कार्यकारिणी सदस्य) शामिल थे। इसके अलावा प्रताप सहारण, ओम सिंह राठौड़, राकेश शर्मा, अजय राजपूत, विकास जोशी, नितेश कुमार, संदीप भाकर और मोनू राजपूत भी बैठक में सक्रिय रूप से मौजूद रहे।
नोहर क्षेत्र के किसान इस समय प्राकृतिक आपदा और बीमारियों से दोहरी मार झेल रहे हैं। अतिवृष्टि से फसलें नष्ट हो चुकी हैं और पशुओं पर लंपी रोग का खतरा मंडरा रहा है। भारतीय किसान संघ की मासिक बैठक में इन मुद्दों को गंभीरता से उठाया गया और सरकार से तात्कालिक राहत और सहयोग की मांग की गई। यदि सरकार समय पर कदम उठाती है तो किसानों को इस कठिन परिस्थिति से उबारने में बड़ी राहत मिलेगी।