




प्रसिद्ध धर्मगुरु पीटी धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने काशी विश्वनाथ मंदिर का दौरा किया और मंदिर में पूजा-अर्चना की। इस अवसर पर उन्होंने नेपाल में हाल ही में हुई हिंसा पर भी अपनी प्रतिक्रिया दी।
🔹 काशी विश्वनाथ मंदिर यात्रा
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शास्त्री जी ने मंदिर के गर्भगृह में दीप प्रज्वलित कर भगवान शिव की आराधना की।
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मंदिर प्रशासन ने उन्हें विशेष सम्मान दिया और मंदिर परिसर में उन्हें धार्मिक अनुष्ठानों में शामिल होने का अवसर दिया।
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यह यात्रा धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण मानी जा रही है और श्रद्धालुओं ने उन्हें आशीर्वाद देने के लिए भारी संख्या में उपस्थित हुए।
🔹 नेपाल हिंसा पर बयान
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शास्त्री जी ने नेपाल में हुई हिंसा पर चिंता व्यक्त की और कहा कि शांति और भाईचारे की भावना बनाए रखना जरूरी है।
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उन्होंने सभी पक्षों से अपील की कि हिंसा और उपद्रव से बचें और लोकतांत्रिक और शांतिपूर्ण तरीकों से समस्याओं का समाधान करें।
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शास्त्री ने कहा कि धर्म और संस्कृति का असली संदेश शांति और सहिष्णुता का होता है, और इसे हर स्थिति में बनाए रखना चाहिए।
🔹 धार्मिक और सामाजिक संदेश
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पीटी धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने अपने भाषण में कहा कि मंदिरों और धार्मिक स्थलों का मूल उद्देश्य मानवता और नैतिक मूल्यों का प्रचार करना है।
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उन्होंने युवा पीढ़ी से आग्रह किया कि वे धर्म और संस्कृति का सही अर्थ समझें और समाज में सकारात्मक योगदान दें।
🔹 जनता की प्रतिक्रिया
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काशी विश्वनाथ मंदिर में उपस्थित श्रद्धालुओं ने शास्त्री जी के विचारों का समर्थन किया।
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कई लोगों ने कहा कि धार्मिक नेताओं का समाज में शांति और नैतिकता का संदेश देना महत्वपूर्ण है।
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सोशल मीडिया पर उनके बयान को काफी सराहा जा रहा है।
पीटी धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की काशी विश्वनाथ यात्रा न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण रही, बल्कि नेपाल में हुई हिंसा पर उनके शांति और समझदारी भरे संदेश ने भी लोगों के बीच सकारात्मक प्रभाव डाला। उनके बयान ने यह स्पष्ट किया कि धर्म का असली संदेश हमेशा शांति और सहिष्णुता का होता है।