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कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर तीखा हमला बोला है। इस बार उन्होंने परिवारवाद और सरकारी पदों पर रिश्तेदारों की नियुक्तियों को लेकर बड़ा आरोप लगाया। सुप्रिया श्रीनेत का कहना है कि BJP हमेशा नेहरू-गांधी परिवार को नेपोटिज़्म (परिवारवाद) का प्रतीक बताती रही है, लेकिन असलियत यह है कि सत्ता में आने के बाद बीजेपी ने खुद अपने नेताओं के रिश्तेदारों को अहम पदों पर जगह दी है।
🔹 BJP पर परिवारवाद का आरोप
सुप्रिया श्रीनेत ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि बीजेपी के नेता जब-तब नेहरू परिवार पर निशाना साधते हैं और कहते हैं कि कांग्रेस केवल परिवारवाद की राजनीति करती है। लेकिन हकीकत उलट है।
उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी ने सत्ता में आने के बाद कई महत्वपूर्ण पदों पर अपने नेताओं के बेटे, बेटियों, भतीजों और अन्य रिश्तेदारों को बिठाया है।
उनके मुताबिक,
“प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा नेताओं को नेहरू परिवार पर हमला करने से पहले आईना देखना चाहिए। आज हर दूसरे पद पर बीजेपी नेताओं के रिश्तेदार काबिज हैं।”
🔹 नेहरू परिवार का बचाव
सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि नेहरू परिवार पर आरोप लगाना BJP की पुरानी रणनीति है, लेकिन वास्तविकता यह है कि नेहरू परिवार ने देश की सेवा करते हुए त्याग और बलिदान की परंपरा कायम की है।
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जवाहरलाल नेहरू ने आज़ादी के बाद देश को आधुनिक भारत बनाने की नींव रखी।
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इंदिरा गांधी और राजीव गांधी ने देश के लिए अपने प्राणों की आहुति दी।
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सोनिया गांधी ने राजनीति से दूर रहते हुए पार्टी की सेवा की और राहुल गांधी जनआंदोलनों में लगातार सक्रिय हैं।
सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि बीजेपी इस परिवार की बलिदान की परंपरा को नजरअंदाज कर केवल सियासी लाभ के लिए हमला करती है।
🔹 BJP नेताओं पर निशाना
कांग्रेस प्रवक्ता ने सीधे तौर पर कई बीजेपी नेताओं पर निशाना साधा।
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उन्होंने दावा किया कि बीजेपी शासित राज्यों में मंत्रियों और सांसदों के रिश्तेदारों को सरकारी पदों पर तैनात किया गया है।
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सुप्रिया ने आरोप लगाया कि यही असली नेपोटिज़्म है, जिसे बीजेपी छिपाना चाहती है।
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उन्होंने यह भी कहा कि जनता अब बीजेपी की दोहरी राजनीति को समझ रही है।
🔹 विपक्षी राजनीति में असर
विशेषज्ञों का मानना है कि सुप्रिया श्रीनेत का यह बयान बिहार और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में विपक्षी राजनीति को धार दे सकता है।
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BJP पर परिवारवाद का ठप्पा लगाना कांग्रेस के लिए एक राजनीतिक रणनीति हो सकता है।
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यह बयान चुनावी रैलियों और सोशल मीडिया पर भी गूंजने वाला है।
🔹 BJP की संभावित प्रतिक्रिया
हालांकि BJP की ओर से अभी कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन उम्मीद है कि बीजेपी प्रवक्ता कांग्रेस पर पलटवार करते हुए कहेंगे कि नेहरू परिवार ही असली परिवारवाद की राजनीति का प्रतीक है।
BJP का यह भी तर्क रहा है कि कांग्रेस में बिना गांधी परिवार की अनुमति के कोई निर्णय नहीं लिया जा सकता।
सुप्रिया श्रीनेत का यह बयान एक बार फिर भारतीय राजनीति में परिवारवाद बनाम योग्यता की बहस को तेज कर गया है। कांग्रेस प्रवक्ता ने नेहरू परिवार का बचाव करते हुए BJP पर पलटवार किया और कहा कि असल परिवारवाद तो बीजेपी कर रही है।
अब देखना यह होगा कि इस आरोप का जनता पर कितना असर पड़ता है और क्या आने वाले चुनावों में यह मुद्दा विपक्षी गठबंधन के लिए एक बड़ा राजनीतिक हथियार बन पाएगा।








