




देश में लंबे समय तक झमाझम बारिश का दौर चल रहा था। लेकिन अब यह दौर धीरे-धीरे समाप्त हो गया है और मॉनसून की वापसी शुरू हो गई है। मौसम विभाग ने बताया कि राजस्थान के पश्चिमी हिस्सों में मॉनसून की वापसी का दौर प्रारंभ हो चुका है। विशेषज्ञों के अनुसार, यह 2015 के बाद पहली बार है जब मॉनसून की वापसी तय समय से पहले शुरू हुई है।
सामान्य तौर पर मॉनसून की वापसी जुलाई के मध्य में राजस्थान के पश्चिमी हिस्सों में शुरू होती है। लेकिन इस बार मौसम विज्ञानियों ने कहा कि मॉनसून की वापसी 10 साल में पहली बार जून के अंतिम सप्ताह में शुरू हो गई है। यह असामान्य स्थिति मौसम विज्ञान और जलवायु विशेषज्ञों के लिए भी आश्चर्यजनक है।
मौसम विभाग के अनुसार, राजस्थान के पश्चिमी हिस्सों में मॉनसून सक्रिय होने से अगले 3–5 दिनों में कई जिलों में मध्यम से भारी बारिश होने की संभावना है। स्थानीय प्रशासन ने भी अलर्ट जारी किया है ताकि लोगों को बाढ़ और अन्य आपदाओं से सुरक्षित रखा जा सके।
विशेषज्ञों का कहना है कि मॉनसून की समय से पहले वापसी से किसानों को लाभ होगा। फसलें और कृषि कार्य प्रभावित नहीं होंगे और जल संसाधनों में भी सुधार आएगा। हालांकि, अचानक होने वाली भारी बारिश से सड़क यातायात और शहरों में जलभराव की समस्या उत्पन्न हो सकती है।
2015 के बाद यह पहली बार है जब मॉनसून की वापसी इतनी जल्दी हुई है। पिछले वर्षों में मॉनसून की वापसी जुलाई के मध्य या अंत में ही देखने को मिली थी। 2015 से पहले भी कभी-कभी मॉनसून समय से पहले शुरू हुआ करता था, लेकिन लगातार 10 वर्षों के बाद यह स्थिति बनी है।
मौसम विशेषज्ञों ने बताया कि यह बदलाव जलवायु परिवर्तन और वायुमंडलीय परिस्थितियों के कारण हो सकता है। विशेषज्ञ डॉ. अरविंद कुमार ने कहा, “मॉनसून की जल्दी वापसी से कृषि क्षेत्र को फायदा मिलेगा, लेकिन शहरी क्षेत्रों में जलभराव और अन्य समस्याओं के प्रति सतर्क रहना आवश्यक है।”
राजस्थान सरकार ने भी मॉनसून की वापसी को ध्यान में रखते हुए आपातकालीन तैयारियाँ शुरू कर दी हैं। जिलों में बाढ़ नियंत्रण और राहत कार्यों की टीमों को सक्रिय किया गया है। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने सभी जिलों के अधिकारियों को अलर्ट जारी कर दिया है।
10 साल में पहली बार मॉनसून की जल्दी वापसी ने मौसम विज्ञानियों और आम जनता दोनों के लिए उत्साह और सतर्कता दोनों पैदा कर दी है। राजस्थान में बारिश की शुरुआत ने किसानों को राहत दी है और जल संसाधनों में सुधार की उम्मीद बढ़ा दी है। वहीं, प्रशासन और नागरिकों को सावधानी बरतने की आवश्यकता है ताकि मॉनसून के इस असामान्य दौर में किसी भी अप्रिय स्थिति से बचा जा सके।