




पुणे, महाराष्ट्र। – शिक्षा और समाज सेवा के क्षेत्र में पुणे का नाम रोशन करते हुए प्रख्यात शिक्षाविद् और समाजसेवी डॉ. धनंजय वर्नेकर को संयुक्त राष्ट्र का यूएन वर्ल्ड रिकॉर्ड सम्मान प्रदान किया गया। यह सम्मान उनके तीन दशकों से अधिक लंबे शैक्षणिक और सामाजिक योगदान को मान्यता देता है और उन्हें न केवल भारत, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी एक प्रेरणास्रोत बनाता है।
डॉ. वर्नेकर ने शिक्षा के क्षेत्र में अपनी विशेषज्ञता और समाज सेवा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के लिए कई संस्थानों की स्थापना की। उनके नेतृत्व में कैम्ब्रिज ग्रुप ऑफ स्कूल्स, कैम्ब्रिज चैंप्स इंटरनेशनल प्री-स्कूल्स, IIBM ग्रुप ऑफ इंस्टिट्यूट्स, जेट इंडिया एविएशन एंड हॉस्पिटैलिटी मैनेजमेंट इंस्टिट्यूट और वर्नेकर यूनिवर्सल फाउंडेशन कार्यरत हैं। इन संस्थानों के माध्यम से उन्होंने शिक्षा में नवाचार, सर्वांगीण विकास और नैतिक नेतृत्व को बढ़ावा दिया है।
डॉ. वर्नेकर का योगदान केवल शिक्षा तक सीमित नहीं है। उन्होंने समाज सेवा के कई महत्वाकांक्षी और प्रभावशाली कार्य किए हैं। उन्होंने महिलाओं और बेरोजगार युवाओं को निःशुल्क कंप्यूटर शिक्षा प्रदान कर डिजिटल साक्षरता और रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए। रेलवे कर्मचारियों के लिए उन्होंने आईटी और साइबर सुरक्षा प्रशिक्षण आयोजित किए। इसके अलावा, 500 से अधिक वंचित विद्यार्थियों की शिक्षा में उनका पूर्ण सहयोग रहा है, जिनमें से कई आज सफल करियर बना रहे हैं।
समाज के कमजोर वर्गों के लिए डॉ. वर्नेकर ने नियमित रक्तदान शिविर और 700 से अधिक वरिष्ठ नागरिकों के लिए निःशुल्क नेत्र शल्यक्रिया का आयोजन किया। उन्होंने बाढ़ पीड़ित परिवारों को भोजन, दवाइयाँ और वस्त्र उपलब्ध कराए। साथ ही, वरिष्ठ नागरिकों और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए निरंतर सेवा और कल्याणकारी कार्यों में उनका योगदान सराहनीय है। इन पहलों ने उन्हें समाज में एक सम्मानित और विश्वसनीय व्यक्तित्व के रूप में स्थापित किया।
यूएन वर्ल्ड रिकॉर्ड सम्मान में डॉ. वर्नेकर के “कड़ी मेहनत, दृढ़ संकल्प और सेवा भाव” को विशेष रूप से रेखांकित किया गया। पुरस्कार समिति ने कहा कि डॉ. वर्नेकर का जीवन और कार्य इस बात का प्रेरणादायक उदाहरण है कि दृष्टि, करुणा और समर्पण से शिक्षा और समाज में स्थायी परिवर्तन लाया जा सकता है। उनके प्रयास न केवल शिक्षा के क्षेत्र में बल्कि सामाजिक विकास और कल्याण के क्षेत्र में भी प्रेरणास्रोत हैं।
भविष्य की दृष्टि में डॉ. वर्नेकर का लक्ष्य गुणवत्तापूर्ण और समावेशी शिक्षा को और अधिक मजबूत बनाना है। उनका सपना है कि हर बच्चा, चाहे उसकी सामाजिक या आर्थिक पृष्ठभूमि कुछ भी हो, विश्वस्तरीय शिक्षा प्राप्त करे। इसके साथ ही वे समाज सेवा को संस्थागत कार्यों का अभिन्न हिस्सा बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। डॉ. वर्नेकर ने यह साबित किया है कि शिक्षा केवल ज्ञान देने का माध्यम नहीं, बल्कि समाज को सशक्त और समावेशी बनाने का साधन भी है।
पुणे और पूरे भारत के लिए यह गर्व का क्षण है कि एक समाजसेवी और शिक्षाविद् को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस प्रकार सम्मानित किया गया। यूएन वर्ल्ड रिकॉर्ड सम्मान न केवल डॉ. वर्नेकर के व्यक्तिगत योगदान को मान्यता देता है, बल्कि पूरे पुणे शहर और भारतीय शिक्षा प्रणाली के लिए भी एक प्रेरणा है। उनके कार्यों से स्पष्ट है कि शिक्षा और समाज सेवा के क्षेत्र में सच्ची प्रतिबद्धता और समर्पण से वास्तविक बदलाव लाया जा सकता है।
इस सम्मान के साथ, डॉ. धनंजय वर्नेकर अब अपनी शैक्षणिक और परोपकारी पहलों का दायरा और व्यापक करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उनका प्रयास है कि अधिक से अधिक जीवन प्रभावित हों और समाज में समानता, शिक्षा और सेवा की भावना को बढ़ावा मिले। यह पुरस्कार उनके समर्पण, दूरदर्शिता और समाज सेवा की भावना का वैश्विक मान्यता प्राप्त प्रमाण है।