




उत्तर प्रदेश सरकार ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर राज्य की पहचान और क्षमता को मजबूत बनाने के उद्देश्य से उत्तर प्रदेश अंतर्राष्ट्रीय ट्रेड शो 2025 का शुभारंभ किया। यह आयोजन एक ऐसा मंच बन गया है जहाँ न केवल भारत बल्कि पूरे विश्व के उद्योगपति, बायर्स और निवेशक एक साथ आ रहे हैं।
80 देशों की भागीदारी
इस ट्रेड शो की सबसे बड़ी खासियत है कि इसमें करीब 80 देशों से बायर्स ने हिस्सा लिया है। इसमें अमेरिका, जर्मनी, जापान, फ्रांस, सिंगापुर, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और खाड़ी देशों समेत दुनिया के प्रमुख बाजार शामिल हैं। इन देशों के प्रतिनिधि भारतीय उत्पादों और सेवाओं को जानने और व्यापारिक संबंध मजबूत करने आए हैं।
यह भागीदारी न केवल उत्तर प्रदेश बल्कि पूरे भारत के लिए नए निर्यात अवसरों का रास्ता खोल रही है।
2,250 प्रदर्शकों का संगम
इस भव्य आयोजन में 2,250 से अधिक प्रदर्शक भाग ले रहे हैं। इनमें बड़े उद्योगपति, मध्यम उद्योग इकाइयाँ और छोटे कारीगर भी शामिल हैं। प्रदर्शकों ने अपने-अपने क्षेत्र के सर्वश्रेष्ठ उत्पाद और सेवाएँ प्रदर्शित की हैं।
प्रमुख क्षेत्रों में हस्तशिल्प, वस्त्र उद्योग, कृषि-खाद्य प्रसंस्करण, चमड़ा उद्योग, आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स, पर्यटन और वेलनेस सेक्टर शामिल हैं। खासतौर पर यूपी के हस्तशिल्प और वस्त्रों को विदेशी बायर्स से जबरदस्त सराहना मिल रही है।
हस्तशिल्प और वस्त्र बने आकर्षण का केंद्र
उत्तर प्रदेश लंबे समय से अपने हस्तशिल्प और बनारसी साड़ियों के लिए प्रसिद्ध रहा है। ट्रेड शो में वाराणसी, भदोही, मुरादाबाद और फिरोजाबाद के कारीगरों ने अपनी कला का शानदार प्रदर्शन किया।
विदेशी प्रतिनिधियों ने बनारसी ब्रोकेड, पीतल शिल्प और कांच उत्पादों को विशेष रूप से सराहा। वस्त्र क्षेत्र में डिजाइनरों ने पारंपरिक और आधुनिकता का अनूठा संगम पेश किया, जिससे यह स्टॉल सबसे ज्यादा आकर्षण का केंद्र बने।
कृषि-खाद्य प्रसंस्करण पर जोर
उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा कृषि उत्पादक राज्य है। इस शो में कृषि और खाद्य प्रसंस्करण सेक्टर ने भी खास जगह बनाई।
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दूध उत्पाद, फल, सब्जियाँ और प्रोसेस्ड फूड्स की प्रदर्शनी ने विदेशी खरीदारों का ध्यान खींचा।
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विशेष रूप से ‘मुरादाबादी बिरयानी मिक्स’ और ‘प्रयागराज का आम’ चर्चा में रहे।
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कई देशों के प्रतिनिधियों ने कृषि-खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों में निवेश की इच्छा जताई।
निवेशकों के लिए सुनहरा अवसर
सरकार ने इस आयोजन को निवेशकों के लिए भी एक बड़ा अवसर बनाया है। औद्योगिक नीतियों, भूमि बैंक, बुनियादी ढांचे और कर प्रोत्साहनों की जानकारी स्टॉल्स पर उपलब्ध कराई गई।
विदेशी कंपनियों ने उत्तर प्रदेश की डिफेंस कॉरिडोर, आईटी हब और इलेक्ट्रॉनिक्स पार्क में निवेश में रुचि दिखाई है। राज्य सरकार ने यह भरोसा दिया कि निवेशकों को ‘सिंगल विंडो सिस्टम’ के तहत सभी सुविधाएँ दी जाएँगी।
सांस्कृतिक और पर्यटन की झलक
ट्रेड शो केवल व्यापार तक सीमित नहीं रहा। इसमें उत्तर प्रदेश की लोक संस्कृति, नृत्य और संगीत की झलक भी पेश की गई। पर्यटक क्षेत्र से जुड़े स्टॉल्स पर अयोध्या, वाराणसी और मथुरा जैसे धार्मिक स्थलों की जानकारी ने विदेशी बायर्स को खासा प्रभावित किया।
ट्रेड शो को देखने आए मेहमानों ने कहा कि व्यापारिक अवसरों के साथ सांस्कृतिक धरोहर का अनुभव अनोखा रहा।
सीएम योगी आदित्यनाथ का संबोधन
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उद्घाटन समारोह में कहा,
“उत्तर प्रदेश अब निवेश और व्यापार का नया केंद्र बन चुका है। हमारा लक्ष्य है कि राज्य को निर्यात और उद्योग के क्षेत्र में शीर्ष स्थान पर पहुँचाया जाए। अंतर्राष्ट्रीय ट्रेड शो इसी दिशा में एक ठोस पहल है।”
उन्होंने यह भी कहा कि राज्य की नीतियाँ और बेहतर बुनियादी ढाँचा निवेशकों को दीर्घकालिक लाभ देंगे।
विशेषज्ञों की राय
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आर्थिक विश्लेषकों का मानना है कि यह आयोजन उत्तर प्रदेश को ग्लोबल सप्लाई चेन का हिस्सा बनाने में मदद करेगा।
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व्यापार विशेषज्ञों के अनुसार, यदि इस शो से हुए करार लंबे समय तक कायम रहते हैं, तो यूपी का निर्यात दोगुना हो सकता है।
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स्थानीय उद्योग संघों ने उम्मीद जताई है कि इससे लघु और मध्यम उद्योगों को भी बड़ा मंच मिलेगा।
भविष्य की संभावनाएँ
इस अंतर्राष्ट्रीय ट्रेड शो से उत्तर प्रदेश को कई दीर्घकालिक लाभ मिल सकते हैं:
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निर्यात में बढ़ोतरी
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विदेशी निवेश आकर्षित करना
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कारीगरों और स्थानीय उद्योगों को वैश्विक पहचान दिलाना
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रोजगार के नए अवसर पैदा करना
यह आयोजन उत्तर प्रदेश को वैश्विक व्यापार मानचित्र पर नई पहचान दिलाने की दिशा में अहम साबित होगा।
उत्तर प्रदेश अंतर्राष्ट्रीय ट्रेड शो 2025 ने यह साबित कर दिया है कि राज्य न केवल कृषि और हस्तशिल्प में मजबूत है, बल्कि वैश्विक व्यापार के नए अवसरों को अपनाने के लिए भी तैयार है।
80 देशों की भागीदारी और 2,250 से अधिक प्रदर्शकों के साथ यह आयोजन राज्य की औद्योगिक क्षमता और सांस्कृतिक विविधता का संगम बना। आने वाले वर्षों में इस तरह के आयोजन न केवल उत्तर प्रदेश बल्कि पूरे भारत को वैश्विक मंच पर और मजबूत स्थिति में स्थापित करेंगे।