• Create News
  • Nominate Now

    उत्तराखंड पंचायत चुनाव: सुप्रीम कोर्ट ने SEC की याचिका खारिज की, कई मतदाता सूचियों में नाम होने पर नहीं मिलेगी राहत

    इस खबर को सुनने के लिये प्ले बटन को दबाएं।

    उत्तराखंड में पंचायत चुनाव को लेकर बड़ा कानूनी फैसला सामने आया है। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को उत्तराखंड राज्य चुनाव आयोग (SEC) की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें आयोग ने हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती दी थी। यह आदेश पंचायत चुनावों में उम्मीदवारों की पात्रता से जुड़ा हुआ था।

    मामला इस बात से जुड़ा था कि यदि किसी उम्मीदवार का नाम एक से अधिक ग्राम पंचायत, क्षेत्रीय निर्वाचन क्षेत्र या नगर निकाय की मतदाता सूची में दर्ज हो, तो क्या उसे चुनाव लड़ने का अधिकार होना चाहिए?

    पृष्ठभूमि – SEC का सर्कुलर और विवाद

    कुछ समय पहले राज्य चुनाव आयोग (SEC) ने एक सर्कुलर जारी कर स्पष्ट किया था कि किसी भी उम्मीदवार का नाम यदि एक से अधिक मतदाता सूचियों में दर्ज है, तो केवल इस आधार पर उसका नामांकन पत्र निरस्त नहीं किया जाएगा।

    इसका मतलब यह था कि ऐसे उम्मीदवार पंचायत चुनाव में खड़े हो सकते हैं। आयोग ने अपने स्पष्टीकरण में यह दलील दी थी कि मतदाता सूची में नाम कई जगह दर्ज होने से उम्मीदवार की नीयत पर सवाल नहीं उठता और न ही इससे लोकतांत्रिक प्रक्रिया प्रभावित होती है।

    हालांकि, इस सर्कुलर के खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका दायर हुई। याचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया कि एक व्यक्ति का नाम कई जगह मतदाता सूची में दर्ज होना चुनावी निष्पक्षता और पारदर्शिता के सिद्धांतों के खिलाफ है।

    हाई कोर्ट का रुख

    हाई कोर्ट ने इस मामले पर सुनवाई करते हुए SEC के सर्कुलर पर रोक लगा दी थी। अदालत ने कहा कि चुनावों में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए यह जरूरी है कि एक व्यक्ति का नाम केवल एक ही मतदाता सूची में हो।

    हाई कोर्ट के आदेश में साफ कहा गया था कि अगर किसी उम्मीदवार का नाम कई मतदाता सूचियों में पाया जाता है, तो उसका नामांकन रद्द किया जा सकता है।

    सुप्रीम कोर्ट में चुनौती और फैसला

    हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ SEC सीधे सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया। आयोग का कहना था कि हाई कोर्ट का फैसला लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर प्रतिकूल असर डालेगा और कई उम्मीदवारों को अनुचित रूप से चुनाव लड़ने से वंचित कर देगा।

    लेकिन गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने SEC की यह दलील खारिज कर दी। अदालत ने साफ किया कि हाई कोर्ट का आदेश सही है और चुनावी प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी या दोहराव को रोकना बेहद जरूरी है।

    इस फैसले का असर

    सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद अब पंचायत चुनावों में उम्मीदवारों के लिए नियम और सख्त हो गए हैं।

    1. एक नाम – एक मतदाता सूची: अब किसी भी उम्मीदवार का नाम एक से अधिक मतदाता सूचियों में दर्ज नहीं होना चाहिए।

    2. नामांकन जांच में सख्ती: नामांकन पत्रों की जांच के दौरान उम्मीदवारों के नामों को विभिन्न मतदाता सूचियों से मिलान किया जाएगा।

    3. नकली पंजीकरण पर रोक: इससे मतदाता सूची में गड़बड़ी और नकली पंजीकरण पर अंकुश लगेगा।

    राजनीतिक हलचल और प्रतिक्रियाएँ

    • कानूनी विशेषज्ञों का मानना है कि सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला चुनावी सुधार की दिशा में बड़ा कदम है। इससे पारदर्शिता और निष्पक्षता को बल मिलेगा।

    • राजनीतिक दलों में इस फैसले को लेकर अलग-अलग राय है। विपक्ष ने कहा कि इससे चुनाव में गड़बड़ी करने वालों पर नकेल कसी जाएगी। वहीं, कुछ नेताओं का मानना है कि कई निर्दलीय उम्मीदवार तकनीकी कारणों से चुनाव से बाहर हो सकते हैं।

    • ग्रामीण क्षेत्रों के कार्यकर्ताओं का कहना है कि यह फैसला सही है क्योंकि कई बार एक ही व्यक्ति का नाम अलग-अलग पंचायतों की सूची में दर्ज हो जाता है, जिससे विवाद और गड़बड़ी की संभावना बढ़ जाती है।

    विश्लेषण – लोकतंत्र और पारदर्शिता की दिशा में कदम

    भारत में चुनावी प्रक्रिया को निष्पक्ष और पारदर्शी बनाए रखना लोकतंत्र की मजबूती के लिए आवश्यक है। सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला इसी दिशा में एक मजबूत कदम माना जा रहा है।

    विशेषज्ञों का कहना है कि यह आदेश न केवल उत्तराखंड पंचायत चुनावों पर असर डालेगा, बल्कि भविष्य में अन्य राज्यों के लिए भी एक नज़ीर (precedent) बन सकता है।

    सुप्रीम कोर्ट द्वारा SEC की याचिका खारिज किए जाने से यह साफ हो गया है कि चुनावों में पारदर्शिता और निष्पक्षता सर्वोपरि है। अब पंचायत चुनाव में उम्मीदवारों को पहले से ज्यादा सावधानी बरतनी होगी और सुनिश्चित करना होगा कि उनका नाम केवल एक ही मतदाता सूची में दर्ज हो।

    यह फैसला न केवल मतदाता सूची में गड़बड़ी रोकने के लिए अहम है, बल्कि लोकतांत्रिक व्यवस्था की साख को भी और मजबूत करता है।

    न्यूज़ शेयर करने के लिए क्लिक करें .
  • Advertisement Space

    Related Posts

    चुनावों से पहले कांग्रेस का बड़ा दांव — कई राज्यों में बदले ‘रणनीतिक योद्धा’, वार रूम की कमान नए नेताओं को

    इस खबर को सुनने के लिये प्ले बटन को दबाएं। आगामी विधानसभा चुनावों से पहले कांग्रेस पार्टी ने एक बार फिर अपनी चुनावी रणनीति को नया आकार देने की दिशा…

    Continue reading
    प्रधानमंत्री मोदी ने रामविलास पासवान की पुण्यतिथि पर दी श्रद्धांजलि, कहा—वंचितों और शोषितों के कल्याण के प्रतीक थे

    इस खबर को सुनने के लिये प्ले बटन को दबाएं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) के संस्थापक रामविलास पासवान की पुण्यतिथि…

    Continue reading

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *