




दशहरे से पहले आम जनता को महंगाई का बड़ा झटका लगा है। एलपीजी सिलेंडर के दामों में आज से बढ़ोतरी कर दी गई है। जीएसटी (GST) में राहत मिलने के बावजूद उपभोक्ताओं को अब सिलेंडर महंगा खरीदना पड़ेगा। खास बात यह है कि चालू वित्त वर्ष (फाइनेंशियल ईयर 2025-26) में यह पहली बार है जब सिलेंडर की कीमतों में इज़ाफा किया गया है।
कौन सा सिलेंडर हुआ महंगा?
आज से 19 किलो वाला कमर्शियल एलपीजी सिलेंडर महंगा हो गया है। यह वही सिलेंडर है जिसे होटल, रेस्तरां, कैटरिंग और छोटे उद्योग-धंधों में सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है। इसके दाम में अचानक बढ़ोतरी से व्यापारियों और आम उपभोक्ताओं दोनों को अतिरिक्त बोझ उठाना पड़ेगा।
कितना बढ़ गया है दाम?
तेल विपणन कंपनियों (OMCs) ने आज नई कीमतें जारी की हैं। विभिन्न शहरों में 19 किलो के सिलेंडर के रेट अलग-अलग हैं, लेकिन औसतन 40 से 60 रुपये तक का इज़ाफा किया गया है। उदाहरण के तौर पर:
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दिल्ली में 19 किलो का कमर्शियल सिलेंडर अब लगभग 1,800 रुपये के आसपास मिल रहा है।
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मुंबई में इसका दाम करीब 1,750 रुपये पहुंच गया है।
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कोलकाता और चेन्नई जैसे महानगरों में यह दरें और भी ऊंची हैं।
हालांकि, घरेलू 14.2 किलो वाला एलपीजी सिलेंडर फिलहाल पहले जैसी दर पर ही उपलब्ध है।
उपभोक्ताओं पर असर
दशहरे और दिवाली जैसे त्योहारों में होटल और कैटरिंग का कारोबार तेज हो जाता है। ऐसे में कमर्शियल गैस सिलेंडर के दाम बढ़ने से इन व्यवसायों की लागत पर सीधा असर पड़ेगा। विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले दिनों में यह बोझ उपभोक्ताओं पर डाला जा सकता है। यानी रेस्टोरेंट्स और कैटरिंग सेवाओं के दाम भी महंगे हो सकते हैं।
वित्त वर्ष में पहली बार बढ़ोतरी
गौरतलब है कि चालू वित्त वर्ष में यह पहली बार है जब कमर्शियल एलपीजी सिलेंडर की कीमतें बढ़ाई गई हैं। इससे पहले सरकार और कंपनियों ने लगातार दामों में राहत दी थी। जीएसटी में भी कुछ समय पहले रियायत मिली थी, लेकिन अब त्योहारों के सीजन में यह बढ़ोतरी उपभोक्ताओं की जेब पर सीधा असर डालेगी।
क्यों बढ़ाए गए दाम?
तेल कंपनियों का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल और गैस की कीमतों में उतार-चढ़ाव लगातार जारी है। इसके चलते आयात लागत बढ़ रही है। साथ ही, डॉलर के मुकाबले रुपये की कमजोरी भी कीमतों को प्रभावित कर रही है। इन कारणों से कंपनियों ने कीमतें बढ़ाने का निर्णय लिया।
घरेलू सिलेंडर पर राहत
हालांकि, घरेलू रसोई में इस्तेमाल होने वाला 14.2 किलो का LPG सिलेंडर अभी महंगा नहीं हुआ है। यह आम घरों के लिए राहत की बात है। लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि अगर अंतरराष्ट्रीय बाजार में दबाव जारी रहा तो आने वाले महीनों में घरेलू सिलेंडर भी महंगा हो सकता है।
त्योहारों पर अतिरिक्त बोझ
त्योहारों का मौसम लोगों के लिए खुशियों और खरीदारी का समय होता है, लेकिन इस दौरान महंगाई बढ़ने से बजट बिगड़ जाता है। दशहरे और दिवाली से पहले सिलेंडर की कीमतें बढ़ने से आम लोगों की रसोई से लेकर व्यापार तक पर असर पड़ना तय है।
एलपीजी सिलेंडर की कीमत बढ़ने को लेकर विपक्ष ने सरकार पर निशाना साधा है। विपक्षी दलों का कहना है कि महंगाई पहले से ही आम आदमी की कमर तोड़ रही है और अब त्योहारों से पहले सिलेंडर की कीमतें बढ़ाना सरकार की असंवेदनशीलता दर्शाता है।
आर्थिक विशेषज्ञ मानते हैं कि आने वाले महीनों में अंतरराष्ट्रीय बाजार और कच्चे तेल की कीमतें तय करेंगी कि एलपीजी के दाम और कितने बढ़ेंगे। अगर वैश्विक बाजार में स्थिरता आई तो राहत मिल सकती है। लेकिन अगर दबाव जारी रहा तो घरेलू गैस सिलेंडर भी महंगा हो सकता है।
त्योहारों से पहले एलपीजी सिलेंडर की कीमतों में बढ़ोतरी आम जनता और व्यापारियों दोनों के लिए झटका है। जहाँ एक तरफ घरेलू सिलेंडर फिलहाल सस्ता है, वहीं कमर्शियल सिलेंडर के महंगे होने से खाने-पीने और सेवाओं के दाम बढ़ सकते हैं। यह देखना होगा कि सरकार आने वाले समय में महंगाई पर काबू पाने के लिए क्या कदम उठाती है।