




भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर कड़ा हमला करते हुए उन्हें “भारत विरोधी ताकतों का ध्वजवाहक” कहा है। यह हमला राहुल गांधी के कोलंबिया में दिए गए बयानों के बाद आया है, जिसमें उन्होंने भारत के लोकतंत्र, अल्पसंख्यकों के अधिकारों और मीडिया की स्वतंत्रता को लेकर चिंता जताई थी।
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने शुक्रवार को कहा कि राहुल गांधी विदेशी मंचों पर जाकर भारत की छवि खराब करने का काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा,
“राहुल गांधी ने देश के खिलाफ वह बातें कहीं जो देशहित के खिलाफ हैं। वह बार-बार भारत को कमजोर दिखाने की कोशिश करते हैं और उन शक्तियों का समर्थन करते हैं जो भारत को नुकसान पहुंचाना चाहती हैं। राहुल गांधी अब खुलकर भारत विरोधी ताकतों के एजेंडे को देश में थोपने का काम कर रहे हैं।”
कोलंबिया में एक सेमिनार के दौरान राहुल गांधी ने भारत में लोकतंत्र को खतरे में बताया और कहा कि देश में संस्थाओं को कमजोर किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यकों के अधिकारों की अनदेखी हो रही है और मीडिया पर भी दबाव बढ़ रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत में लोकतंत्र के प्रति गंभीर चुनौतियां हैं, लेकिन लोग इनके खिलाफ आवाज़ उठाते रहेंगे।
भाजपा का कहना है कि राहुल गांधी के बयान भारत की विदेश नीति और आंतरिक सुरक्षा के खिलाफ हैं। वे देश की छवि को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं। सुधांशु त्रिवेदी ने यह भी कहा कि राहुल गांधी ने चीन के प्रति नरम रुख अपनाकर भारतीय सेना की बहादुरी को भी कम आंका है।
कांग्रेस ने भाजपा के आरोपों को पूरी तरह से खारिज किया है। पार्टी ने कहा है कि राहुल गांधी केवल भारत की सच्चाई सामने ला रहे हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने कहा कि,
“लोकतंत्र में आलोचना जरूरी है, इसे राष्ट्रद्रोह नहीं कहा जा सकता। राहुल गांधी देश के हित में ही सवाल उठा रहे हैं। भाजपा की यह प्रतिक्रिया असहिष्णुता को दर्शाती है।”
विश्लेषकों का मानना है कि राहुल गांधी के बयान और भाजपा की कड़ी प्रतिक्रिया से राजनीतिक तनाव और बढ़ेगा, खासकर 2026 के विधानसभा चुनावों के मद्देनजर। विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच विचारधारा का यह टकराव आम जनता के बीच भी बहस का विषय बना हुआ है। कुछ विश्लेषक इसे लोकतंत्र में स्वस्थ आलोचना के रूप में देखते हैं, जबकि कुछ इसे राजनीतिक राजनीति का हिस्सा मानते हैं।
राहुल गांधी और भाजपा के बीच जारी विवाद भारतीय राजनीति में वैचारिक टकराव का एक नया अध्याय है। जहां राहुल गांधी देश के अंदर लोकतांत्रिक संस्थाओं और मानवाधिकारों की स्थिति पर सवाल उठा रहे हैं, वहीं भाजपा इसे राष्ट्रविरोधी गतिविधि के रूप में प्रस्तुत कर रही है। आने वाले दिनों में यह विवाद और गहराने की संभावना है, जो 2026 के चुनावी माहौल को और गर्माएगा।