




बॉलीवुड में स्टार किड होने का मतलब यह नहीं कि सफलता अपने आप मिल जाएगी। यह सच साबित किया है मोहनीश बहल की बेटी और नूतन की पोती प्रनूतन बहल ने। प्रनूतन ने हाल ही में अपने संघर्ष के दिनों को याद करते हुए खुलासा किया कि उन्हें भी दो साल तक रिजेक्शन झेलना पड़ा। उनका कहना है कि बॉलीवुड में आने के लिए मेहनत और धैर्य ही असली हथियार हैं, चाहे आप किसी भी फिल्मी परिवार से आते हों।
प्रनूतन बहल ने 2019 में जहीर इकबाल के साथ फिल्म ‘नोटबुक’ से अपने करियर की शुरुआत की। यह फिल्म सलमान खान की प्रोडक्शन हाउस द्वारा बनाई गई थी और प्रनूतन के लिए यह पहला बड़ा मौका था। हालांकि, इस मौके तक पहुंचने से पहले उन्होंने कई असफलताओं और रिजेक्शन का सामना किया। उनके अनुसार, हर स्टारकिड को बॉलीवुड में आसान रास्ता नहीं मिलता, बल्कि उन्हें भी मेहनत और धैर्य से ही अवसर मिलने की उम्मीद करनी पड़ती है।
इंटरव्यू में प्रनूतन ने कहा कि दो साल तक उनके कई ऑडिशन रिजेक्ट हुए, लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। उनका यह मानना है कि रिजेक्शन केवल असफलता का संकेत नहीं होता, बल्कि सीखने और बेहतर करने का अवसर होता है। उन्होंने बताया कि इस संघर्ष ने उन्हें मानसिक रूप से मजबूत बनाया और उनके काम के प्रति समर्पण और बढ़ाया।
प्रनूतन बहल ने यह भी साझा किया कि परिवार का सपोर्ट उनके लिए सबसे बड़ा सहारा रहा। उनके पिता मोहनीश बहल और दादी नूतन ने हमेशा उन्हें सकारात्मक दृष्टिकोण और धैर्य बनाए रखने की सीख दी। उनका कहना है कि स्टारकिड होना केवल नाम और शोहरत का फायदा नहीं देता, बल्कि इसके साथ जिम्मेदारी और दबाव भी आता है।
नोटबुक फिल्म के बाद प्रनूतन ने कई प्रोजेक्ट्स पर काम किया और हर बार उन्होंने यह दिखाया कि उनकी मेहनत और लगन उन्हें आगे बढ़ा रही है। उन्होंने यह भी कहा कि बॉलीवुड में सफलता केवल परिवार के नाम पर नहीं मिलती, बल्कि असली पहचान और काम की गुणवत्ता से मिलती है।
प्रनूतन का मानना है कि बॉलीवुड में आने वाले हर नए कलाकार को रिजेक्शन और संघर्ष का सामना करना पड़ता है। चाहे वह स्टारकिड हो या आम पृष्ठभूमि से आए कलाकार, सभी को अपने टैलेंट और मेहनत से ही मान्यता हासिल करनी होती है। यह सोच उन्हें अपने करियर में धैर्य और सकारात्मक दृष्टिकोण बनाए रखने में मदद करती है।
उन्होंने बताया कि शुरुआती वर्षों में रिजेक्शन का सामना करना उनके आत्मविश्वास और मेहनत की परीक्षा थी। उन्होंने इसे केवल चुनौती के रूप में लिया और इसे सीखने के अवसर में बदल दिया। प्रनूतन के अनुसार, संघर्ष और रिजेक्शन ही असली सफलता की नींव रखते हैं।
प्रनूतन बहल के अनुभव ने यह भी साबित किया कि बॉलीवुड में आने के लिए परिवार का नाम केवल शुरुआत में मदद कर सकता है, लेकिन असली काम और मेहनत ही लंबे समय तक पहचान दिलाती है। उन्होंने कहा कि हर स्टारकिड को भी समान संघर्ष का सामना करना पड़ता है और यह उन्हें और अधिक मजबूत बनाता है।
उनकी कहानी युवा कलाकारों के लिए प्रेरणास्त्रोत है। यह संदेश देती है कि रिजेक्शन और असफलताएं असंभव नहीं हैं, बल्कि सफलता का हिस्सा हैं। प्रनूतन ने यह भी साझा किया कि उनका उद्देश्य केवल फिल्मी दुनिया में नाम कमाना नहीं है, बल्कि गुणवत्ता और मेहनत से अपनी पहचान बनाना है।