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    “पीडीएस चावल की हेराफेरी रोकने के लिए कड़े कदम: नदेंडला मनोहर”

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    आंध्र प्रदेश सरकार ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) के तहत वितरित किए जा रहे चावल की हेराफेरी रोकने के लिए एक और बड़ा कदम उठाया है। राज्य के नागरिक आपूर्ति मंत्री नदेंडला मनोहर ने सोमवार को बताया कि विशाखापत्तनम पोर्ट क्षेत्र में तीन आंतरिक चेक पोस्ट स्थापित किए गए हैं। इनका उद्देश्य है पीडीएस चावल ले जा रहे ट्रकों की आवाजाही पर कड़ी निगरानी रखना और किसी भी तरह की अनियमितता या तस्करी को तुरंत रोकना।

    नदेंडला मनोहर ने कहा कि यह पहल राज्य भर में हो रही कालाबाज़ारी और अवैध परिवहन की घटनाओं को देखते हुए की गई है। उन्होंने बताया कि हाल ही में कुछ मामलों में पीडीएस चावल को व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल करने की खबरें सामने आई थीं, जिन पर सरकार ने गंभीरता से संज्ञान लिया है।

    मंत्री ने कहा कि गरीबों के अधिकारों की रक्षा करना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने स्पष्ट किया कि “सरकारी सब्सिडी वाला चावल, जो गरीबों के लिए है, वह माफिया या व्यापारी तत्वों के हाथ में नहीं जाना चाहिए।” इसके लिए सरकार पूरी तरह से तकनीक और प्रशासनिक सख्ती का सहारा ले रही है।

    उन्होंने यह भी कहा कि विशाखापत्तनम जैसे महत्वपूर्ण बंदरगाह क्षेत्र में ट्रकों की मूवमेंट को लेकर अब हर स्तर पर मॉनिटरिंग हो रही है। इसके तहत वाहनों की GPS ट्रैकिंग, CCTV निगरानी और डिजिटल लॉग मेंटेनेंस जैसे उपाय किए गए हैं।

    मंत्री नदेंडला मनोहर ने जानकारी दी कि इन तीन चेक पोस्टों पर 24×7 निगरानी की व्यवस्था की गई है। हर ट्रक की जानकारी – उसमें लदा माल, गंतव्य, ड्राइवर का विवरण, और वितरण केंद्र का नाम – डिजिटल रजिस्टर में दर्ज किया जा रहा है।

    चेक पोस्टों पर मौजूद अधिकारियों को यह अधिकार भी दिया गया है कि यदि किसी ट्रक में अनियमितता पाई जाए तो उसे तत्काल जब्त किया जा सकता है और मामले की जांच शुरू की जा सकती है।

    बीते कुछ महीनों में चित्तूर, कृष्णा, कडप्पा और श्रीकाकुलम जिलों से ऐसी घटनाएं सामने आई थीं, जहां PDS चावल को व्यावसायिक मिलों में बेचा जा रहा था या सीमावर्ती राज्यों में भेजा जा रहा था। इससे न केवल सरकारी योजनाओं की साख पर सवाल उठे, बल्कि गरीबों को समय पर राशन न मिलने की शिकायतें भी बढ़ीं।

    इन्हीं घटनाओं को ध्यान में रखते हुए विशाखापत्तनम जैसे हाई-सेंसिटिव क्षेत्र में विशेष निगरानी की शुरुआत की गई है।

    नदेंडला मनोहर ने यह भी कहा कि ऐसे मामलों में शामिल व्यक्तियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। अब तक लगभग 40 से अधिक एफआईआर दर्ज की जा चुकी हैं और कई राशन डीलरों के लाइसेंस रद्द किए गए हैं।

    उन्होंने चेतावनी दी कि,

    “जो लोग गरीबों का हक मारकर निजी लाभ कमाना चाहते हैं, उनके खिलाफ PDS अधिनियम और भ्रष्टाचार निरोधक कानूनों के तहत कार्रवाई की जाएगी।”

    सरकार ने पीडीएस वितरण प्रणाली में डिजिटल पारदर्शिता लाने के लिए कुछ प्रमुख उपाय शुरू किए हैं:

    • GPS आधारित ट्रक ट्रैकिंग सिस्टम: सभी ट्रकों में GPS डिवाइस अनिवार्य किया गया है, जिससे विभाग हर ट्रक की मूवमेंट रीयल टाइम में देख सके।

    • बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन: राशन वितरण अब केवल आधार प्रमाणीकरण के बाद ही संभव होगा।

    • डिजिटल लॉग रजिस्टर: चावल के ट्रांजिट, लोडिंग और डिलीवरी से जुड़ी हर जानकारी ऑनलाइन रेकॉर्ड की जा रही है।

    • मोबाइल ऐप आधारित शिकायत निवारण प्रणाली: लाभार्थी किसी भी गड़बड़ी की सूचना सीधे विभाग को मोबाइल ऐप से दे सकते हैं।

    जनसेना पार्टी के वरिष्ठ नेता के रूप में नदेंडला मनोहर की यह सक्रियता न केवल प्रशासनिक कार्य के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाती है, बल्कि यह भी बताती है कि सरकार गरीबों के हक की रक्षा के लिए पूरी तरह सजग है।

    उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सरकार इस मुद्दे पर कोई राजनीति नहीं कर रही, बल्कि यह एक जनहित का गंभीर विषय है जिस पर सभी दलों को मिलकर काम करना चाहिए।

    राज्य में कई सामाजिक संगठनों ने सरकार के इस निर्णय का स्वागत किया है। “पीपुल्स फोरम फॉर फूड जस्टिस” के प्रतिनिधियों ने कहा कि यदि सरकार इस निगरानी व्यवस्था को ईमानदारी से लागू करे, तो यह एक रोल मॉडल बन सकता है।

    हालांकि, कुछ संगठनों ने यह भी सुझाव दिया कि सरकार को पब्लिक ऑडिट सिस्टम और निगरानी समितियों को भी सक्रिय करना चाहिए।

    सार्वजनिक वितरण प्रणाली में पारदर्शिता और गरीबों के अधिकार की रक्षा करना सरकार की जिम्मेदारी है। नदेंडला मनोहर द्वारा विशाखापत्तनम में स्थापित की गई तीन चेक पोस्ट न केवल एक प्रशासनिक मजबूती का संकेत हैं, बल्कि यह भी दर्शाती हैं कि सरकार अब इस मामले में किसी भी तरह की लापरवाही या भ्रष्टाचार को सहन नहीं करेगी।

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