




मुम्बई की जगमगाती रात को मनीष मल्होत्रा की दिवाली पार्टी ने अपनी भव्यता और सेलिब्रिटी ग्लैमरस के लिए सबको बुलाया था। इस शाम में जब सभी ने अपने सबसे शानदार अंदाज में पांव जमाए, वहाँ एक ऐसी एंट्री हुई जिसने सबका ध्यान अपनी ओर खींचा — वह थीं अंबानी परिवार की बड़ी बहुरानी श्लोका मेहता।
नीता अंबानी, पार्टी की मेजबान, इस बार बड़ी बहू को साथ नहीं ला सकीं। पर यह कमी श्लोका ने पूरी कर दी — अकेली ही, पर स्टाइल में ऐसी उपस्थिति दर्ज कर दी कि सास–बहू की पारंपरिक जोड़ी भी पीछे छूट गई। जहां अक्सर परिवार में सास और बहू हाथ में हाथ डाले रैंप वॉक करती दिखाई देती हैं, इस बार श्लोका ने अकेले ही सारा मंच अपना बना लिया।
श्लोका ने पारंपरिक अंदाज से एक कदम आगे बढ़ाते हुए शरारा पैंट्स स्टाइल अपनाया। इस लुक में उन्होंने कॉन्फिडेंस और आधुनिकता का मिश्रण दिखाया, जो बहुत ही संतुलित और अनूठा लग रहा था। उनके ड्रेप, कट और गहनों का चयन ऐसा था कि कम ही लोग इस स्तर की समझ और संयोजन कर पाते हैं। हल्के गुड़िया गुलाबी या म्यूट शेड्स में शरारा पैंट्स और इसके साथ नियंत्रित मेकअप, बालों की सॉफ्ट स्टाइलिंग ने लुक को अधिक आकर्षक बना दिया।
पार्टी हॉल में जैसे ही श्लोका ने कदम रखा, कैमरों की लाइटें उसी ओर मुड़ गईं। चुपके से आई हुई उनकी उपस्थिति ने एक अलग ही ऊर्जा दे दी थी। आसपास की बहुएँ, युवा महिलाएँ और फैशन प्रेमी, सब जोर-ज़ोर से उनकी झलक पाने में जुट गए। सोशल मीडिया पर भी यह लुक तेजी से चर्चा का विषय बन गया, जहां लोग लिखने लगे — “नीता अंबानी तो वहाँ थीं नहीं, लेकिन श्लोका ने पूरे रंग मंच को अपनी आबा और दबदबा दिखा दिया।”
इस पार्टी में मौजूद लोग बताते हैं कि बहुत-सी महिलाएँ जो साड़ियों, ग्लैमरस ड्रेसेस और भारी गहनों में आई थीं, उनकी चमक श्लोका की सहज नज़ाकत और स्टाइल के सामने बहुत अधिक नहीं टिक पाई। श्लोका की लुकिंग चॉइस ने यह साफ संदेश दिया कि आधुनिक फैशन और पारंपरिक मुलायमपन का संगम ही असली प्रभाव छोड़ता है।
अगर आँकड़ों की बात करें, तो श्लोका अक्सर अपने फैशन एक्सपरिमेंट्स और न्यूनतमवाद के फ्यूज़न के लिए जानी जाती हैं। वे बिना ज़ोर-ज़बरदस्ती के एक संगठनात्मक दृष्टिकोण से तैयार होती हैं — और यह प्रवृत्ति हर बार उन्हें अलग पहचान देती है। इस रात उन्होंने यह साबित कर दिया कि सिर्फ नाम और परिवार नहीं, बल्कि आत्मविश्वास, समझ और संयोजन ही किसी भी लुक की आत्मा होती है।
ये भी देखा गया कि जब पूरे परिवार के लोग इकट्ठे उपस्थित हों, तो समूह इफेक्ट खिंचाव और टकराव पैदा कर सकता है — लेकिन श्लोका ने इस तरह से स्टाइल संभाला कि वे परिवार की छाँव में छिपने की बजाय खुद एक शैली प्रतीक बन गईं। उनकी यह एंट्री इस बात का उदाहरण बन गई कि कभी-कभी अकेली उपस्थिति ही सबसे जोरदार प्रभाव छोड़ सकती है।
निश्चित ही ये रात अंबानी परिवार के लिए सिर्फ एक पार्टी नहीं, एक फैशन स्टेटमेंट का मंच थी — और श्लोका मेहता ने उस मंच पर वह पाँव जमाया कि बहुत से नामधर चेहरे भी पीछे रह गए। उनकी यह उपस्थिति उन कई फैशन प्रेमियों के लिए प्रेरणा बन गई है, जो आज भी इसके रुझान और सामंजस्य की तारीफ करते नहीं थक रहे।