




अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप एक बार फिर अपने बयान को लेकर सुर्खियों में हैं। इस बार उनका बयान किसी राजनीतिक प्रतिद्वंदी या चुनाव अभियान से नहीं, बल्कि इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी से जुड़ा है। हाल ही में आयोजित एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान ट्रंप ने मेलोनी की तारीफ करते हुए उन्हें “beautiful woman” यानी “सुंदर महिला” कहा। हालांकि इसके तुरंत बाद उन्होंने सफाई दी कि अमेरिका में अब वह ऐसे शब्दों के इस्तेमाल से बचते हैं, क्योंकि वहां “राजनीतिक शुद्धता” (political correctness) का माहौल इस हद तक बढ़ गया है कि किसी की सुंदरता की तारीफ भी विवाद का कारण बन सकती है।
ट्रंप का यह बयान सोशल मीडिया और अंतरराष्ट्रीय मीडिया दोनों में तेजी से वायरल हो गया। उनके इस टिप्पणी ने एक बार फिर यह बहस छेड़ दी है कि क्या दुनिया में अब सार्वजनिक मंचों पर महिलाओं की तारीफ करना भी “राजनीतिक रूप से गलत” माना जाने लगा है?
ट्रंप ने इटली की प्रधानमंत्री मेलोनी की तारीफ करते हुए कहा, “She’s a beautiful woman, a strong leader, and she loves her country.” यानी “वह एक सुंदर महिला हैं, एक मजबूत नेता हैं, और अपने देश से गहरा प्रेम करती हैं।” इसके बाद उन्होंने हंसते हुए जोड़ा, “लेकिन अमेरिका में अगर मैं किसी महिला को ‘beautiful’ कह दूं, तो लोग मुझे स्त्री विरोधी या विवादास्पद व्यक्ति घोषित कर देंगे। इसलिए मैं आमतौर पर ऐसे शब्दों से बचता हूं।”
यह टिप्पणी ट्रंप के लिए नई नहीं है। अपने राजनीतिक करियर में वे कई बार ऐसे बयानों को लेकर आलोचनाओं के घेरे में रहे हैं। 2016 के चुनाव अभियान से लेकर राष्ट्रपति कार्यकाल तक, ट्रंप पर कई बार महिलाओं को लेकर “असंवेदनशील” बयान देने के आरोप लग चुके हैं। हालांकि उनके समर्थकों का मानना है कि ट्रंप के बयान को हमेशा बढ़ा-चढ़ाकर प्रस्तुत किया जाता है और वे चीजों को “सीधे और ईमानदारी से” कहते हैं।
इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी, जो दक्षिणपंथी पार्टी ‘ब्रदर्स ऑफ इटली’ (Brothers of Italy) की प्रमुख हैं, यूरोप में तेजी से उभरती राजनीतिक हस्ती मानी जाती हैं। वे इटली की पहली महिला प्रधानमंत्री हैं और अपने मजबूत राष्ट्रवादी विचारों के लिए जानी जाती हैं। ट्रंप और मेलोनी की वैचारिक समानता — विशेष रूप से प्रवासन, पारंपरिक मूल्यों और राष्ट्रीय हितों पर उनके रुख — ने दोनों नेताओं को एक-दूसरे के करीब लाया है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि ट्रंप ने यह बयान न केवल व्यक्तिगत प्रशंसा के रूप में दिया, बल्कि एक “वैचारिक प्रशंसा” के तौर पर भी। उन्होंने मेलोनी को एक ऐसे नेता के रूप में सराहा जो “अपनी पहचान और संस्कृति के प्रति गर्व महसूस करती हैं” — यह बात ट्रंप की खुद की राजनीतिक सोच से भी मेल खाती है।
हालांकि अमेरिका में कई मीडिया संगठनों और राजनीतिक पर्यवेक्षकों ने ट्रंप के इस बयान को “अनावश्यक” और “लिंग आधारित टिप्पणी” बताया है। The Washington Post ने लिखा कि ट्रंप की आदत है कि वे किसी महिला नेता के कार्यों की बजाय उनकी उपस्थिति या रूप पर टिप्पणी कर देते हैं, जिससे उनका ध्यान वास्तविक राजनीतिक चर्चा से हट जाता है। वहीं, Fox News जैसे दक्षिणपंथी मीडिया संस्थानों ने कहा कि ट्रंप का बयान “सिर्फ एक सामान्य प्रशंसा” थी जिसे “राजनीतिक रूप से गलत” ठहराना अतिशयोक्ति है।
ट्रंप ने अपने भाषण में आगे यह भी कहा कि दुनिया में “राजनीतिक शुद्धता” के नाम पर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता खत्म होती जा रही है। उन्होंने कहा, “मैंने एक समय कहा था कि अमेरिका में अब आप किसी की तारीफ भी नहीं कर सकते। हर शब्द पर जांच शुरू हो जाती है, हर मजाक को अपराध बना दिया जाता है।”
ट्रंप के इस बयान से यह भी स्पष्ट होता है कि वह अपनी पुरानी राजनीतिक शैली — “साफगोई और बिंदास बोलने” — को अब भी कायम रखना चाहते हैं। यह वही शैली है जिसने उन्हें अमेरिका में लाखों समर्थक दिलाए हैं, लेकिन साथ ही अनेक आलोचक भी।
जॉर्जिया मेलोनी की ओर से इस बयान पर अब तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। हालांकि, इटली के कई मीडिया चैनलों ने इस खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया है। कुछ ने ट्रंप की टिप्पणी को “राजनयिक सौहार्द” बताया, तो कुछ ने इसे “अमेरिकी राजनीति की संस्कृति पर व्यंग्य” कहा।
विश्लेषकों का कहना है कि ट्रंप का यह बयान अमेरिकी समाज में बढ़ती संवेदनशीलता और भाषा पर नियंत्रण के चलन पर एक व्यंग्य के रूप में भी देखा जा सकता है। जहां एक ओर अमेरिका में “gender neutrality” और “political correctness” को बढ़ावा दिया जा रहा है, वहीं ट्रंप जैसे नेता इसे “स्वतंत्र विचारों पर प्रतिबंध” मानते हैं।
ट्रंप के राजनीतिक भविष्य की बात करें तो यह बयान ऐसे समय आया है जब वह 2024 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव की तैयारी में जुटे हैं। उनके विरोधी इसे “एक और विवादास्पद टिप्पणी” कहकर उनके अभियान को निशाने पर ले रहे हैं, जबकि उनके समर्थक इसे “ट्रंप की स्पष्टवादिता” का उदाहरण बता रहे हैं।
इस पूरे घटनाक्रम ने यह साबित किया है कि ट्रंप की हर टिप्पणी, चाहे वह कितनी भी साधारण क्यों न हो, वैश्विक स्तर पर चर्चा का विषय बन जाती है। “Beautiful” जैसे शब्द के इस्तेमाल पर भी अब राजनीति हो रही है — यह अपने आप में आधुनिक लोकतंत्र की जटिलताओं और संवेदनशीलताओं को दर्शाता है।
कुल मिलाकर, ट्रंप का यह बयान एक बार फिर यह दिखाता है कि अमेरिका में राजनीति केवल विचारों की नहीं, बल्कि शब्दों की भी लड़ाई बन चुकी है। और ट्रंप, अपने पुराने अंदाज़ में, इस लड़ाई को दिलचस्प बनाए रखने में कभी पीछे नहीं रहते।