




तृणमूल कांग्रेस (TMC) के महासचिव अभिषेक बनर्जी ने गुरुवार को एक नई पहल “Ami Banglar Digital Joddha (मैं बंगाल का डिजिटल योद्धा)” की शुरुआत की। इस अभियान का उद्देश्य भारतीय जनता पार्टी (BJP) की कथित “बंगाल विरोधी” सोशल मीडिया प्रोपेगेंडा का मुकाबला करना है।
इस पहल की शुरुआत आगामी पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2026 के मद्देनज़र की गई है, जहां राजनीतिक दल न केवल मैदान में बल्कि डिजिटल प्लेटफार्मों पर भी अपनी रणनीतियों को धार दे रहे हैं।
कार्यक्रम के उद्घाटन के दौरान अभिषेक बनर्जी ने कहा:
“बंगाल, हमारी प्यारी मातृभूमि, आज बाहरी बंगाल विरोधी ज़मींदारों द्वारा बदनाम की जा रही है। वे झूठ और प्रोपगेंडा के माध्यम से हमें डिजिटल स्पेस में अपमानित कर रहे हैं।”
उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि बंगाल की जनता, विशेषकर युवा, इस डिजिटल युद्ध में शामिल होकर सच को सामने लाएं और अपने राज्य की प्रतिष्ठा को सुरक्षित रखें।
TMC के अनुसार, इस अभियान में राज्य के युवाओं को तीन प्रमुख भूमिकाओं में जोड़ा जाएगा:
-
कंटेंट क्रिएटर्स (Content Creators):
जो वीडियो, मेमे, लेख और ग्राफिक्स बनाएंगे। -
डिजिटल एम्प्लिफायर्स (Digital Amplifiers):
जो सोशल मीडिया पर पार्टी संदेशों को अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाएंगे। -
सोशल मीडिया मैनेजर्स (Social Media Managers):
जो अभियानों की योजना बनाकर ऑनलाइन चर्चा को नियंत्रित करेंगे।
इस अभियान के लिए www.abdigitaljoddha.com नामक एक वेबसाइट लॉन्च की गई है, जहां इच्छुक युवा 30 नवंबर 2025 तक पंजीकरण कर सकते हैं।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह अभियान BJP की सोशल मीडिया उपस्थिति को टक्कर देने का एक रणनीतिक जवाब है। पिछले कुछ वर्षों में BJP की डिजिटल टीम ने राष्ट्रव्यापी प्रोपगेंडा और नैरेटिव निर्माण में अहम भूमिका निभाई है।
TMC इस नए डिजिटल सेना के ज़रिए यह सुनिश्चित करना चाहती है कि बंगाल की संस्कृति, इतिहास और राजनीतिक परंपरा को झूठे प्रचार के ज़रिए बदनाम न किया जा सके।
-
“Bohiragoto Bangla-Birodhi Zamindars (बाहरी बंगाल-विरोधी ज़मींदार)” जैसे शब्दों का उपयोग कर उन्होंने BJP को घेरा।
-
उन्होंने कहा कि डिजिटल स्पेस में बंगाल के खिलाफ गढ़ी जा रही झूठी कहानियों को अब जवाब दिया जाएगा।
-
इस अभियान को युवाओं की भागीदारी से जन-आंदोलन में बदलने की बात कही।
चुनाव विशेषज्ञों के अनुसार:
-
यह डिजिटल अभियान आने वाले 2026 विधानसभा चुनावों में TMC के लिए मोर्चा संभालने वाले हथियार की तरह काम करेगा।
-
इससे पार्टी की ऑनलाइन उपस्थिति मजबूत होगी और युवा मतदाताओं को सीधे जोड़ने का अवसर मिलेगा।
-
BJP की बंगाल में बढ़ती पकड़ को यह रणनीतिक रूप से चुनौती दे सकता है।
जहां एक ओर इस पहल की सराहना की जा रही है, वहीं कुछ राजनीतिक विश्लेषकों और विपक्षी नेताओं ने इसे “डिजिटल विभाजन की शुरुआत” बताया है।
-
सोशल मीडिया पर ट्रोलिंग, हेट स्पीच और अफवाह फैलाने के आरोप लग सकते हैं।
-
नैतिकता और तथ्यात्मकता को बनाए रखना अभियान की विश्वसनीयता के लिए ज़रूरी होगा।
-
यदि अभियान एकतरफा या कट्टरपंथी हुआ तो यह सोशल मीडिया ध्रुवीकरण को जन्म दे सकता है।
TMC ने इस बार युवाओं को डिजिटल हथियार सौंपे हैं। पार्टी का मानना है कि:
“डिजिटल प्लेटफार्म आज के समय के सबसे प्रभावशाली युद्धक्षेत्र बन चुके हैं, और युवा इसके सबसे प्रभावशाली योद्धा।”
“Ami Banglar Digital Joddha” TMC की ओर से न केवल BJP की आलोचना का जवाब है, बल्कि एक स्पष्ट संकेत है कि 2026 का चुनाव मैदान अब डिजिटल युद्ध में तब्दील हो चुका है।